आजकल हमारे देश भारत के विभिन्न गावों, कस्बों और शहरों में पानी की कमी की चर्चा बड़े जोर-शोर से सुनने को मिलती है. पृथ्वी के लगभग 71% हिस्से में पानी मौजूद है लेकिन फिर भी, दुनिया के कई देश ‘पीने लायक पानी’ की कमी की गंभीर समस्या से लगातार जूझ रहे हैं. हमारे देश में दुनिया के लगभग 4% वाटर रिसोर्सेज हैं और वर्ल्ड पापुलेशन का लगभग 18 % हिस्सा इस देश में रहता है. एक अनुमान के मुताबिक, भारत में 21% वाटर बोर्न डिसीजेज लोगों को अपना शिकार बना लेती हैं. इसी तरह, पृथ्वी में उपलब्ध पानी का लगभग 96.5% भाग ‘समुद्री पानी’ है जिसे हम पी नहीं सकते और अपने रोज़ाना के कामकाज निपटाने के लिए भी हम इस पानी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. भारत में पानी की ऐसी गंभीर स्थिति के कारण, देश में जल वैज्ञानिकों अर्थात हाइड्रोलॉजिस्ट्स का प्रोफेशन काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. इसलिए, इस आर्टिकल में हम आपके लिए भारत में हाइड्रोलॉजिस्ट के प्रोफेशन के लिए जरुरी कोर्सेज और करियर स्कोप के बारे में चर्चा कर रहे हैं. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:
हाइड्रोलॉजिस्ट का परिचय
अगर हम हाइड्रोलॉजी या जल विज्ञान के बारे में बात करें तो इस विज्ञान के तहत लैंड सरफेस और अंडरग्राउंड वाटर तक एटमोस्फियर के माध्यम से पानी के संचरण या मूवमेंट को शामिल किया जाता है. हाइड्रोलॉजिस्ट्स वास्तव में हाइड्रोलॉजी के प्रैक्टिशनर्स अर्थात जल वैज्ञानिक होते हैं. अगर हम किसी हाइड्रोलॉजिस्ट के कामकाज के बारे में जिक्र करें तो देश-दुनिया में वाटर एनवायरनमेंट को सुरक्षित रखने से संबंधित सारे कामकाज इनकी प्रमुख जिम्मेदारी होते हैं. हाइड्रोलॉजिस्ट्स ओपन वाटर फ़ील्ड्स जैसेकि रीवरबेड, लेकसाइड आदि में वाटर सैंपल्स कलेक्ट करने के साथ-साथ अपने ऑफिस में विभिन्न वाटर सैंपल्स और वाटर रिसोर्सेज से संबंधित डाटा को एनालाइज करते हैं और इस डाटा एनालिसिस के आधार पर अपने रिजल्ट्स की रिपोर्ट्स तैयार करते हैं ताकि वाटर रिसोर्सेज को पूरी तरह सुरक्षित रखा जा सके और उपलब्ध साफ़ तथा शुद्ध पानी का बेहतरीन इस्तेमाल किया जा सके क्योंकि ‘जल ही जीवन’ है.
भारत में हाइड्रोलॉजिस्ट्स के लिए करियर ऑप्शन्स
इन पेशेवरों को उनके प्रमुख काम के आधार पर निम्नलिखित केटेगरीज़ में बांटा जा सकता है:
- मरीन हाइड्रोलॉजिस्ट –ये पेशेवर समुद्र के पानी के संबंध में रिसर्च करके अपनी फाइंडिंग रिपोर्ट्स तैयार करते हैं ताकि मरीन वाटर के साथ-साथ और समुद्री जीवन (व्हेल्स, डॉल्फिन्स, सील्स, सी ग्रास, एलगी, केल्प, पेंगुइन्स, गल्स, अल्बाट्रोस पेलिकंस आदि) को सुरक्षित रखा जा सके.
- रिसर्च हाइड्रोलॉजिस्ट –ये पेशेवर विभिन्न वाटर रिसोर्सेज को सुरक्षित रखने के नए-नए तरीके तलाशने के लिए वाटर सैंपल्स कलेक्ट करके रिसर्च करते हैं और ग्राउंड वाटर लेवल तथा पानी की शुद्धता में सुधार लाने के लिए अपनी रिसर्च फाइंडिंग्स के आधार पर रिपोर्ट्स और प्रेजेंटेशन्स तैयार करते हैं.
- सरफेस वाटर हाइड्रोलॉजिस्ट –ये पेशेवर सरफेस वाटर रिसोर्सेज जैसेकि, स्ट्रीम्स, रीवर्स. लेक्स और स्नो-फिल्ड एरियाज़ के बारे में रिसर्च और एनालिसिस करते हैं ताकि सरफेस वाटर को प्योर और सुरक्षित रखा जा सके.
- ग्राउंडवाटर हाइड्रोलॉजिस्ट –ये पेशेवर जमीन के नीचे उपलब्ध पानी के बारे में स्टडी और रिसर्च करते हैं ताकि जमीन में वाटर लेवल को मेंटेन रखने के साथ ही अंडरग्राउंड लेवल पर वाटर को फैक्ट्री, गैस स्टेशन और एअरपोर्ट आदि के कारण होने वाले पोल्यूशन के साथ-साथ हैंडपम्पस और ट्यूबवेल्स के माध्यम से एक्स्ट्रा कंज़म्पशन आदि से बचाया जा सके.
भारत में हाइड्रोलॉजिस्ट्स के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और जरुरी एजुकेशनल कोर्सेज
जिन स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से अपनी 12वीं क्लास प्रेफेरबली जियोग्राफी विषय के साथ अच्छे मार्क्स से पास की हो, किसी मान्यताप्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से 3 – 4 साल का बैचलर डिग्री कोर्स कर सकते हैं. वैसे तो भारत में अंडरग्रेजुएट लेवल पर हाइड्रोलॉजी में कोई स्पेशल कोर्स उपलब्ध नहीं है तो भी, सिविल इंजीनियरिंग, जियोग्राफी, एनवायर्नमेंटल साइंस एंड मैनेजमेंट जैसे ग्रेजुएशन कोर्सेज के एक हिस्से के तौर पर हाइड्रोलॉजी को पढ़ाया जाता है. हमारे देश में आप एक हाइड्रोलॉजिस्ट का पेशा शुरू करने के लिए निम्नलिखित हायर एजुकेशनल डिग्री कोर्सेज कर सकते हैं:
- एमटेक/ एमई – वाटर रिसोर्सेज इंजीनियरिंग
- एमएससी/ एमटेक/ एमई – हाइड्रोलॉजी
- पीजी डिप्लोमा – हाइड्रोलॉजी
- एडवांस्ड डिप्लोमा – वाटर रिसोर्सेज इंजीनियरिंग
- पीएचडी – वाटर रिसोर्सेज इंजीनियरिंग
भारत में इन एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस से करें हाइड्रोलॉजी के कोर्सेज
हमारे देश में आप निम्नलिखित एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस से हाइड्रोलॉजी की फील्ड में विभिन्न एजुकेशनल कोर्सेज कर सकते हैं:
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाइड्रोलॉजी, रुड़की
- एजी टीचर्स कॉलेज, अहमदाबाद
- आंध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापट्नम
- अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, रुड़की
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर
- कॉलेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आंध्र प्रदेश
भारत में हाइड्रोलॉजिस्ट के लिए जरुरी स्किल सेट
हमारे देश में वाटर रिसोर्सेज की वैसे तो कमी नहीं है फिर भी, लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या और एनवायर्नमेंटल पोल्यूशन – एयर, वाटर, लैंड, रेडिएशन, थर्मल आदि – के कारण साफ़ पानी की कमी से आज भारत के कई कस्बे, गांव और शहर जूझ रहे हैं. इसलिए, वाटर कंजर्वेशन सहित वाटर रिलेटेड अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देने के लिए आजकल हमारे देश में एक्सपर्ट हाइड्रोलॉजिस्ट्स की काफी अधिक मांग और जरूरत है. किसी एक्सपर्ट हाइड्रोलॉजिस्ट के तौर पर अपना करियर शुरू करने के लिए आपके पास सूटेबल एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और टैलेंट के साथ कुछ निम्नलिखित स्किल्स भी जरुर होने चाहिए जैसेकि:
- बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स
- एनालिटिकल एंड रिसर्च स्किल्स
- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एंड टीम कोऑर्डिनेशन
- बेहतरीन न्यूमेरिकल और मैथमेटिकल स्किल्स
- क्रिटिकल थिंकिंग ताकि वाटर इश्यूज़ और प्रॉब्लम्स को अच्छी तरह समझकर सॉल्व किया जा सके.
- फिजिकल फिटनेस ताकि दूर-दराज और ऊंची-नीची वाटर लोकेशन्स पर पहुंच सकें.
- कंप्यूटर एफिशिएंसी
- टाइम मैनेजमेंट
- फ्लेक्सिबल वर्क-एप्रोच
भारत में हाइड्रोलॉजिस्ट्स के लिए टॉप जॉब प्रोवाइडर्स
एक सर्वे के मुताबिक दुनिया में वर्ष 2016 – 2026 तक हाइड्रोलॉजिस्ट की जॉब्स में 10% की बढ़ोतरी होगी. अगर आपने इस पेशे में अपना करियर शुरू करने के लिए सूटेबल एजुकेशनल क्वालिफिकेशन हासिल कर ली है तो आपको निम्नलिखित सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में एक हाइड्रोलॉजिस्ट के तौर पर अपना करियर शुरू करने के अच्छे अवसर मिल सकते हैं:
• मिनिस्ट्री ऑफ़ वाटर रिसोर्सेज, भारत सरकार
• स्टेट लेवल के वाटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट्स
• जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया
• इंडिया मेटीरिओलॉजी डिपार्टमेंट
• इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ ट्रॉपिकल मेटीरिओलॉजी
• मेटीरिओलॉजिकल रिसर्च सेंटर्स
• डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
• एकेडेमिक एंड रिसर्च इंस्टीट्यूशंस – वाटर रिलेटेड स्टडीज़ एंड रिसर्च वर्क
• इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन्स – वाटर रिलेटेड मैटर्स
• नॉन-गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन्स – जो वाटर कंजर्वेशन के लिए काम कर रहे हैं
• लोकल सिविक बॉडीज – वाटर रिलेटेड वर्क
• मल्टीमीडिया चेनल्स – नेशनल जियोग्राफिक, डिस्कवरी, एनिमल प्लानेट
भारत में हाइड्रोलॉजिस्ट्स की सैलरी
हमारे देश में इन पेशेवरों को शुरू में 30 हजार – 35 हजार मासिक सैलरी मिलती है. कुछ समय के कार्य अनुभव के बाद ये पेशेवर 40 हजार रुपये मासिक या उससे अधिक सैलरी कमा सकते हैं. कई बार इन पेशेवरों को मास मीडिया चेनल्स में उनके किसी बहुत महत्वपूर्ण वाटर रिलेटेड रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए 1 लाख रुपये तक भी मिलते हैं.
अतः इस पेशे में उन कैंडिडेट्स के लिए करियर ग्रोथ और कामयाबी की अच्छी संभावना है जो अच्छे सैलरी पैकेज के साथ अपने काम में संतुष्टि चाहते हैं क्योंकि, एक तरह से पानी को बचाकर ये पेशेवर देश और मानव समुदाय की सच्ची सेवा करते हैं. हार्डवर्किंग प्रोफेशनल्स की इस फील्ड में हमेशा ही जरूरत रहेगी.
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