अगर हम डिजास्टर मैनेजमेंट की बात करें तो समय-समय पर देश में आने वाले सभी नेचुरल डिजास्टर्स या प्राकृतिक आपदाओं जैसेकि, साइक्लोन, बादल का फटना, भूस्खलन (लैंड स्लाइडिंग) तूफान, सुनामी, बाढ़, भूकंप और सूखे (फेमिन) के दौरान लोगों के जान-माल की रक्षा के लिए किए जाने वाले सभी किस्म के कार्यों को हम डिजास्टर मैनेजमेंट में शामिल कर सकते हैं. जब कोई नेचुरल डिजास्टर घटित होता है तो देश में हजारों-लाखों लोगों की जान-माल का नुकसान होता है और संबद्ध देश की सरकार तथा विभिन्न सामाजिक संगठन ऐसी हरेक स्थिति से निपटने के लिए एवं नेचुरल डिजास्टर का बुरा असर खत्म करने के लिए दिन-रात अपनी तरफ से अथक प्रयास करते हैं. हम डिजास्टर मैनेजमेंट के तहत निम्नलिखित 04 केटेगरीज़ को शामिल कर सकते हैं:
- नेचुरल डिजास्टर को पहले ही रोकने के प्रयास
इस केटेगरी के तहत वे सभी उपाय या कार्य शामिल किए जा सकते हैं जो नेचुरल डिजास्टर को होने से पहले ही रोक लें जैसेकि, हम नदी पर बांध बनाकर बाढ़ से बच सकते हैं या फिर भूकंप प्रधान क्षेत्रों में आजकल भूकंप-रोधी मकान और भवन बनाये जा रहे हैं.

- नेचुरल डिजास्टर से निपटने के लिए पूर्व-व्यवस्था
कभी कोई नेचुरल डिजास्टर अपने आने की पूर्व-सूचना नहीं देता है. यह बिलकुल गलत तरीका है कि बाढ़ आने पर हम किसी नदी पर बांध बनाने में जुट जायें. अगर हम बाढ़, अकाल या भूकंप जैसे नेचुरल डिजास्टर्स से निपटने के लिए पहले से तैयार रहें तो काफी जान-माल की रक्षा की जा सकती है जैसेकि आजकल बाढ़ आने से पहले ही बाढ़-प्रभावित क्षेत्रों से लोगों या फिर, ज्वालामुखी के फटने से पहले ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाता है.
- नेचुरल डिजास्टर के समय रिलीफ वर्क
किसी नेचुरल डिजास्टर के दौरान प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर उनके लिए खाने-पीने, रहने और स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था करना इस केटेगरी की विभिन्न एक्टिविटीज़ हैं.
- नेचुरल डिजास्टर के बाद रिकवरी से संबंधित सभी क्रियाकलाप
इस केटेगरी में नेचुरल डिजास्टर से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के पुनर्वास के लिए सभी जरुरी सुविधाओं का निर्माण और व्यवस्था से जुड़े सारे कार्यों को शामिल किया जा सकता है. प्रभावित क्षेत्रों को नेचुरल डिजास्टर्स से बचाने के प्रयास भी डिजास्टर मैनेजमेंट में शामिल किये जाते हैं.
इंडियन नेचुरल डिजास्टर में करियर शुरू करने के लिए जरुरी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स
- स्टूडेंट ने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से किसी भी विषय में कम से कम 50% मार्क्स के साथ अपनी 12वीं क्लास पास की हो.
- स्टूडेंट ने किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से किसी भी बीए/ बीएससी की डिग्री हासिल की हो.
- स्टूडेंट ने किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से डिजास्टर मैनेजमेंट में एमएससी/ एमए/ एमबीए की डिग्री हासिल की हो.
- स्टूडेंट ने किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से डिजास्टर मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स पूरा किया हो.
- स्टूडेंट ने किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से डिजास्टर मैनेजमेंट में पीएचडी की डिग्री हासिल की हो.
नेचुरल डिजास्टर के कोर्सेज करवाने वाले टॉप इंडियन इंस्टीट्यूट्स
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिजास्टर मैनेजमेंट, दिल्ली
- इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- दिल्ली कॉलेज ऑफ़ फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग, दिल्ली
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फायर डिजास्टर एंड एनवायरनमेंट मैनेजमेंट, नागपुर
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट, नई दिल्ली
- पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़, पंजाब
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज, मुंबई
इंडियन नेचुरल डिजास्टर से जुड़े जॉब प्रोफाइल्स/ करियर्स
- डिजास्टर मैनेजर/ डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोफेशनल
इस करियर के लिए कैंडिडेट के पास उम्दा पर्सनल और प्रोफेशनल वर्किंग स्किल्स होने चाहिए. ये पेशेवर कई किस्म के नेचुरल डिजास्टर्स के दौरान अपनी सूझ-बूझ से काम करके अधिक से अधिक लोगों के जान-माल को बचा सकते हैं. इस पेशे के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण क्वालिटी अपने देश और लोगों की सेवा करने की भावना है. आपको काफी चुनौतीपूर्ण स्थितियों में काम करना पड़ता है इसलिए आपको शारीरिक और मानसिक तौर पर हेल्दी तथा स्ट्रोंग होना चाहिए.
- इमरजेंसी मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट
इन पेशेवरों का प्रमुख काम नेचुरल डिजास्टर की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इमरजेंसी प्लान्स तैयार करना और नेचुरल डिजास्टर से प्रभावित क्षेत्रों में उन इमरजेंसी प्लान्स के मुताबिक व्यवस्था करना होता है. ये पेशेवर डिजास्टर मैनेजमेंट में प्रोफेशनली ट्रेंड एक्सपर्ट्स होते हैं. ये पेशेवर बहुत प्रेशर और विपरीत इमरजेंसी की परिस्थितियों में अपनी सूझ-बूझ और क़ाबलियत से काम करते हुए अधिक से अधिक संख्या में लोगों के जान-माल को बचाने में अपना सक्रिय योगदान देते हैं. ये पेशेवर ही नेचुरल डिजास्टर से प्रभावित क्षेत्रों में केंद्र/ राज्य सरकार के पब्लिक इमरजेंसी रिकवरी असिस्टेंस प्रोग्राम्स को संचालित करते हैं.
- इंजीनियर – डिजास्टर मैनेजमेंट
ये पेशेवर सिविल इंजीनियर या इंजीनियर - डिजास्टर मैनेजमेंट के तौर पर नेचुरल डिजास्टर जैसेकि बाढ़, भूकंप, अकाल या तूफान आदि से बर्बाद हुए इलाके के पुनर्निर्माण में अपना पूरा योगदान दे सकते हैं. नेचुरल डिजास्टर से प्रभावित लोगों के लिए टेम्परेरी शेल्टर्स की व्यवस्था करने, टूटे हुए पुल और सड़कों की मरम्मत आदि जैसे काम इन पेशेवरों की पहली जिम्मेदारी होती है.
- हेल्थ एक्सपर्ट
जैसेकि इन पेशेवरों के जॉब प्रोफाइल से जाहिर है, ये लोग किसी भी किस्म के नेचुरल डिजास्टर से प्रभावित क्षेत्र के लोगों को हेल्थ सर्विसेज, हेल्थ एडवाइस और मेडिसिन्स आदि उपलब्ध करवाते हैं. ये लोग नेचुरल डिजास्टर से प्रभावित क्षेत्र में महामारी फैलने से रोकने के लिए भी सरकार तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों को अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
- रिहेब्लीटेशन वर्कर
ये पेशेवर नेचुरल डिजास्टर की वजह से बेघर हुए लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करते हैं, टेम्परेरी शेल्टर होम्स की व्यवस्था करते हैं और लोगों को उनके घर सुरक्षित रूप से वापिस भेजने के लिए मरम्मत और निर्माण कार्यों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
इंडियन डिजास्टर मैनेजमेंट से संबंधित कुछ अन्य करियर्स
- नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर
- डाटाबेस एनालिस्ट
- एडमिनिस्ट्रेटर
- सिक्यूरिटी एडमिनिस्ट्रेटर
- ऑपरेशन्स एनालिस्ट
- एनवायरनमेंट एक्सपर्ट
- सोशल वर्कर
- डिजास्टर मैनेजमेंट पर्सनल
इंडियन नेचुरल डिजास्टर: ये है औसत सैलरी पैकेज
हमारे देश में इस फील्ड में फ्रेशर कैंडिडेट को शुरू में 15 हजार – 20 हजार मासिक सैलरी मिलती है और किसी अनुभवी डिजास्टर मैनेजर को 40 हजार रुपये मासिक सैलरी मिलती है. बड़ी कंपनियां और ऑफिसेज कुछ वर्षों का कार्य अनुभव रखने वाले स्किल्ड और क्वालिफाइड सीनियर प्रोफेशनल्स को 50 हजार रुपये मासिक सैलरी भी देते हैं और इस फील्ड में हाईली क्वालिफाइड और अच्छा कार्य-अनुभव रखने वाले प्रोफेशनल्स को 1.50 लाख रुपये मासिक तक का सैलरी पैकेज भी मिलता है.
इंडियन नेचुरल डिजास्टर में टॉप जॉब प्रोवाइडर्स
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिजास्टर मैनेजमेंट, मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स, भारत सरकार
- सार्क डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर, NIDM बिल्डिंग, नई दिल्ली
- नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी, नई दिल्ली
- इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट, नई दिल्ली
- सेंटर ऑफ़ डिजास्टर मैनेजमेंट, जयपुर, राजस्थान
- इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (ICAR), नई दिल्ली
- इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, नई दिल्ली और स्टेट यूनिट्स
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ ओशन टेक्नोलॉजी, चेन्नई, तमिलनाडु
- नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, डिपार्टमेंट ऑफ़ स्पेस, भारत सरकार
- यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) – नेशनल लेवल एंड स्टेट यूनिट्स
आप डिजास्टर मैनेजमेंट में एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स और प्रोफेशनल ट्रेनिंग हासिल करके विभिन्न सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स में जॉब कर सकते हैं. हमारे देश भारत में नेशनल डिजास्टर रिस्पोंस फोर्स (NDRF) और भारत के विभिन्न राज्यों में कार्यरत स्टेट डिजास्टर रिस्पोंस फोर्स (SDRF) में जॉब कर सकते हैं. यद्यपि NDRF में सीधी भर्ती नहीं होती और पैरामिलिट्री फोर्सेज से ही प्रोफेशनल्स को 7 साल के डेप्युटेशन पर NDRF में शामिल किया जाता है. वर्ष 2006 में देश में नेशनल डिजास्टर्स से तुरंत निपटने के लिए NDRF की स्थापना की गई थी. आप देश की पैरामिलिट्री फोर्स ज्वाइन करके भी नेचुरल डिजास्टर्स से निपटने में अपना सक्रिय योगदान दे सकते हैं.
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