Father's Day Poems 2024 in Hindi: फादर्स डे के लिए छोटी और बड़ी कविताएं

Father’s Day 2024: इस लेख में फादर्स डे के खास मौके के लिए छोटी और बड़ी, मधुर और प्यारी कविताएँ शामिल हैं। इस साल फादर्स डे 16 जून को मनाया जाएगा। अपने पिता को ये कविताएँ सुनाकर उनके प्रति अपने प्रेम और भावनाओं को व्यक्त करें।

Jun 13, 2024, 17:09 IST
Father's Day Poems in Hindi for Kids, Preschoolers and Adults
Father's Day Poems in Hindi for Kids, Preschoolers and Adults

Father’s Day Poems in Hindi: अपने पिता के प्रति प्यार, सम्मान और आभार जताने का एक खास दिन, फादर्स डे, इस साल 16 जून 2024 को मनाया जा रहा है। पिता – वह शख्स है जिसने हमें दुनिया का सामना करना सिखाया, हमारे सपनों को अपने से भी ज्यादा अहमियत दी और हर कदम पर हमारा साथ दिया। उनके त्याग और स्नेह को शब्दों में बयान करना मुश्किल है, पर कविताएं उनकी भावनाओं को छूने की एक खूबसूरत कोशिश हो सकती है।

इस लेख में, हम आपके लिए लाए हैं हिंदी में कुछ चुनिंदा कविताओं का संग्रह, जिनके माध्यम से आप अपने पिता को इस फादर्स डे पर खास महसूस करा सकते हैं। हमने यहाँ हर उम्र के बच्चों को ध्यान में रखते हुए छोटी और बड़ी कविताएं प्रस्तुत की हैं। इन कविताओं के जरिए आप अपने पिता को उनके अटूट प्रेम, बलिदान, और समर्थन के लिए धन्यवाद कह सकते हैं और उन्हें यह अहसास दिला सकते हैं कि वे आपके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।

Fathers Day Poem In Hindi From Daughter

1. आपकी देहलीज बाबा

एक न एक दिन मुझे छोड़नी पड़ेगी आपकी देहलीज बाबा,
जिम्मेदारियां ढोनी पड़ेंगी इन कमजोर कन्धों पर अपने,
घर भी छोड़ना पड़ेगा एक नया घर बसाने के लिए,
जहाँ भी जाऊंगी मैं जीवन में बाबा,
याद रहेगी मुझे आपकी देहलीज बाबा।।

2. पापा की लाडली परी हूँ मैं

पापा की लाडली परी हूं मैं,
डर को पीछे छोड़ बहुत आगे बढ़ चुकी हूँ मैं,
मत कोशिश कर मुझे पकड़ कर बाँधने की,
हिम्मत आ गई है मुझमें सब दीवारों को लाँघने की,
क्योंकि पापा की लाडली परी हूँ मैं।।

Father’s Day Poems in Hindi for Kids

1. स्वाभिमान है पिता

कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता,
कभी धरती तो कभी आसमान है पिता…
जन्म दिया है अगर माँ ने,
जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता…
कभी कंधे पे बिठाकर मेला दिखता है पिता,
कभी बनके घोड़ा घुमाता है पिता…
माँ अगर मैरों पे चलना सिखाती है,
तो पैरों पे खड़ा होना सिखाता है पिता…
कभी रोटी तो कभी पानी है पिता,
कभी बुढ़ापा तो कभी जवानी है पिता…
माँ अगर है मासूम सी लोरी,
तो कभी ना भूल पाऊंगा वो कहानी है पिता…
कभी ख़्वाब को पूरी करने की जिम्मेदारी है पिता,
कभी आंसुओं में छिपी लाचारी है पिता…
माँ अगर बेच सकती है जरुरत पे गहने,
तो जो अपने को बेच दे वो व्यापारी है पिता…
कभी हंसी और खुशी का मेला है पिता,
कभी कितना तन्हा और अकेला है पिता…
माँ तो कह देती है अपने दिल की बात,
सब कुछ समेट के आसमान सा फैला है पिता…

2. पिता का प्यार

प्यार का सागर ले आते, फिर चाहे कुछ न कह पाते
छोटी सी उंगली पकड़कर, चलना उन्होंने सीखाया
जीवन के हर पहलु को, अपने अनुभव से बताया
हर उलझन को उन्होंने, अपना दुःख समझ सुलझाया
दूर रहकर भी हमेशा, प्यार उन्होंने हम पर बरसाया
मेरी हर सिसकियों में, अपनी आँखों को भिगोया
आशिर्वाद उनका हमेशा हमने पाया
हर ख़ुशी को मेरी पहले उन्होंने जाना
असमंजस के पलों में अपना विश्वाश दिलाया
ऐसे पिता के प्यार से बड़ा कोई प्यार न पाया

3. मेरी पहचान है पिता

मेरा साहस मेरी इज्ज़त, मेरा सम्मान है पिता।।
मेरी ताकत मेरी पूंजी, मेरी पहचान है पिता।।
घर की एक एक ईंट में, शामिल उनका खून पसीना।।
सारे घर की रौनक उनसे, सारे घर की शान है पिता।।
मेरी इज्ज़त मेरी शौहरत, मेरा रुतबा मेरा मान है पिता।।
मुझे हिम्मत देने वाला मेरा अभिमान है पिता।।
सारे रिश्ते उनके दम से, सारी बातें उनसे हैं।।
सारे घर के दिल की धड़कन, सारे घर की जान है पिता।।
शायद रब ने देकर भेजा फल ये अच्छे कर्मों का।।
उसकी रहमत उसकी नियामत उसका है वरदान पिता।।

Father’s Day Poems in Hindi for Preschoolers

1. मेरे सबसे अच्छे पापा

प्यारे पापा सच्चे पापा, बच्चों के संग बच्चे पापा।।
करते हैं पूरी हर इच्छा, मेरे सबसे अच्छे पापा।।
पापा हर फ़र्ज़ निभाते हैं, जीवन भर क़र्ज़ चुकाते हैं।।
बच्चे की एक ख़ुशी के लिए, अपने सुख भूल ही जाते हैं।।
जिससे सब कुछ पाया है, जिसने सब कुछ सिखलाया है।।
कोटि नम्न ऐसे पापा को, जिसने हर पल साथ निभाया है।।

2. मेरे प्यारे प्यारे पापा

मेरे प्यारे प्यारे पापा,
मेरे दिल में रहते पापा,
मेरी छोटी सी खुशी के लिए
सब कुछ सह जाते हैं पापा,
पूरी करते मेरी हर इच्छा,
उनके जैसा नहीं कोई अच्छा,
मम्मी मेरी जब भी डांटे,
मुझे दुलारते मेरे पापा,
मेरे प्यारे प्यारे पापा !

Father’s Day Poems in Hindi for Adults

1. मैं आपका ही अंश हूँ

मैं वो दीपक हूँ, जो जग में प्रकाश फैला रहा है,
आपके नाम पर ही जो अपनी पहचान बना रहा है||
आपके होने से ही पिता जी, मैंने यह जीवन पाया है,
आपकी ऊँगली पकड़कर ही मुझे चलना आया है||
दुख कहते किसे हैं, मुझे आज तक मालूम नहीं,
आपकी छत्रछाया में मैंने खुशियों को गले लगाया है||
मैं वो सपना हूँ, जो अब पूरा होने जा रहा है,
आपकी मुस्कराहट में जो खुद भी मुस्कुरा रहा है||
आपके ही नज़रिए से मैंने इस दुनिया को देखा है,
आपका कहा हर शब्द मेरे लिए लक्षमण रेखा है||
आपके बिना मैं सचमुच कुछ भी नहीं हूँ पापा,
मेरे जीवन का पहला कर्म, करना आपकी सेवा है||
मैं आपका ही प्रतिबिंव हूँ, जो बिलकुल आपके जैसा है,
मैं आपका ही अंश हूँ, जिसका जीवन आपके जैसा है||

2. पापा का दीवाना

एक बचपन का ज़माना था, जिस में खुशियों का खजाना था||
चाहत चाँद को पाने की थी, पर दिल तितली का दीवाना था||
खबर ना थी कुछ सुबहा की, ना शाम का कोई ठिकाना था||
थक कर आना स्कूल से, पर खेलने भी जाना था||
माँ की कहानी थी, परियों का फ़साना था||
बारिश में कागज की नाव थी, हर मौसम सुहाना था||
रोने की कोई वजह ना थी, और मैं अपने “पापा” का दीवाना था||

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Gurmeet Kaur
Gurmeet Kaur

Assistant Manager

Gurmeet Kaur is an Education Industry Professional with 10 years of experience in teaching and creating digital content. She is a Science graduate and has a PG diploma in Computer Applications. At jagranjosh.com, she creates content on Science and Mathematics for school students. She creates explainer and analytical articles aimed at providing academic guidance to students. She can be reached at gurmeet.kaur@jagrannewmedia.com

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