उत्तर प्रदेश में सरकारी टीचर बनने के अवसरों के साथ साथ जानें नए भर्ती नियम

अगर आप उत्तर प्रदेश में सरकारी टीचर की जॉब में जाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए हीं है. इस आलेख में हम टीचर के लिए जरुरी प्रमुख कोर्सेज के साथ साथ उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार द्वारा सहायक शिक्षक भर्ती नियमों में किये गये नये बदलाव की भी जानकारी देंगे.

Sep 21, 2018, 11:06 IST
Government teacher jobs opportunities
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अगर आप उत्तर प्रदेश में सरकारी टीचर की जॉब में जाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए हीं है. इस आलेख में हम टीचर के लिए जरुरी प्रमुख कोर्सेज के साथ साथ उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार द्वारा सहायक शिक्षक भर्ती नियमों में किये गये नये बदलाव की भी जानकारी देंगे.

तो आइए सबसे पहले जानते हैं कुछ ऐसे कोर्सेस के बारे में जिसे करने के बाद आप किसी भी सरकारी संस्थान में सरकारी टीचर के पद के लिए इलीजिबल हो सकते हैं. टीचर बनने के लिए इंटर, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के स्तर पर बहुत से कोर्सेस हैं जिन्हें आप अपनी पसंद और योग्यता के अनुसार अपने लिए चुन सकते हैं और इन कोर्सेस को करने के बाद टीचिंग प्रोफेशन के विभिन्न विकल्पों जैसे - प्राईमरी टीचर, ट्रेन्ड ग्रेजुएट टीचर, पोस्ट ग्रेजुएट टीचर में से अपनी क्षमतानुसार जो भी पद चाहें उसे अपने लिए चुन सकते हैं.

योग्यता - वैसे तो गवर्नमेन्ट टीचर बनने के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक है लेकिन एक स्नातक कैंडिडेट तब तक गवर्नमेन्ट टीचर जॉब के लिए आवेदन नहीं कर सकता जब तक उसके पास स्नातक के साथ साथ B.Ed,BTC,NTT या निम्नलिखित वर्णित कोर्सेस में से किसी एक कोर्स की डिग्री न हो. ऐसे अभ्यर्थी जो उत्तर प्रदेश में गवर्नमेन्ट टीचर बनना चाहते हैं के लिए टीचर्स ट्रेनिंग आवश्यक है.

कुछ ऐसे कोर्सेस जिसे कम्प्लीट करने के बाद आप टीचर बनने के अपने सपने को साकार कर सकते हैं -
1. बीटीसी या बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट - यह कोर्स केवल उत्तर प्रदेश राज्य के अभ्यर्थी हीं कर सकते हैं. इस कोर्स को करने के बाद कैंडिडेट प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल में शिक्षण कार्य करने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं.
2. बीएड या बैचलर ऑफ़ एजुकेशन - टीचर बनने के लिए यह सबसे लोकप्रिय कोर्स है जिसकी अवधि दो साल की होती है. इस कोर्स को करने के बाद आप प्राइमरी, अपर प्राइमरी तथा हाई स्कूल में शिक्षण कार्य करने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं.
3. एनटीटी या नर्सरी टीचर ट्रेनिंग - इस कोर्स के लिए कैंडिडेट का 12 वीं पास होना जरुरी है. साथ हीं कैंडिडेट की उम्र 18 साल से 30 साल के बीच हीं होनी चाहिए. इस कोर्स को करने के बाद कैंडिडेट प्राइमरी टीचर बनने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं.
4. बीपीएड या बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन - इस कोर्स में केवल वही कैंडिडेट दाखिला ले सकते हैं जिन्होंने 12वीं में फिजिकल एजुकेशन को एक सब्जेक्ट के तौर पर लेकर पढाई की हो. इस कोर्स को करने के लिए कैंडिडेट की आवश्यक योग्यता न्यूनतम स्नातक है. आज कल फिजिकल एजुकेशन के टीचर्स के लिए बड़ी संख्या में अवसर उभर कर आ रहे हैं.
5. जेबीटी या जूनियर टीचर ट्रेनिंग - इस कोर्स को करने के लिए कैंडिडेट का कम से कम 12 वीं पास होना आवश्यक है. इस कोर्स को करने के बाद कोई भी कैंडिडेट प्राइमरी स्कूल में शिक्षण कार्य के लिए एलिजिबल हो जाता है.

उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा राज्य के सरकारी स्कूलों में प्राइमरी टीचर, ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (TGT) एवं पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT) के रिक्त पदों के लिए ढेरों वेकेंसियाँ निकालते रहती है. आप रूचि एवं योग्यता के अनुसार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं. अब आइये उत्तर प्रदेश में प्राइमरी टीचर, ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (TGT) एवं पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (PGT) करियर पर एक नजर डालते हैं.

टीचिंग लाइन -
1. प्राईमरी टीचर या प्राथमिक स्तर का टीचर - सबसे पहले बात करते हैं प्राईमरी टीचर या प्राथमिक शिक्षक के बारे में. प्राईमरी स्कूल के टीचर कक्षा 1 से कक्षा 6 तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए इलिजिबल होते हैं. प्राईमरी टीचर बनने के लिए कैंडिडेट को एनटीटी या नर्सरी टीचर ट्रेनिंग कोर्स या जेबीटी या जूनियर टीचर ट्रेनिंग कोर्स करना आवश्यक होता है इन सभी कोर्सेस के लिए कैंडिडेट का 12वीं पास होना जरुरी होता है. साथ हीं अभ्यर्थी की आयु सीमा भी 18 साल से 30 साल के बीच हीं होनी चाहिए. बात अगर उत्तर प्रदेश राज्य के अभ्यर्थीयों की करी जाए तो बीटीसी या बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट कोर्स को करने के बाद कैंडिडेट प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल में शिक्षण कार्य के लिए एलिजिबल हो जाता है.

2. ट्रेन्ड ग्रेजुएट टीचर - ट्रेन्ड ग्रेजुएट टीचर या (TGT) टीजीटी पास शिक्षक मिड्ल स्कूल के बच्चों को यानि छठी क्लास से लेकर दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए इलिजिबल होते हैं. ट्रेन्ड ग्रेजुएट टीचर या TGT के लिए ग्रेजुएशन तथा B.Edकी डिग्री अनिवार्य होती है.

3. पोस्ट ग्रेजुएट टीचर - पोस्ट ग्रेजुएट टीचर या पीजीटी कोर्स किया हुआ शिक्षक सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए इलिजिबल होता है. पोस्ट ग्रेजुएट टीचर बनने के लिए आपका पोस्ट ग्रेजुएट और बीएड व CTET होना जरुरी है. इसी के साथ आपकी आयु सीमा भी 21 वर्ष से 40 वर्ष के बीच हीं होनी चाहिए.

उत्तर प्रदेश में नए शिक्षक भर्ती नियम
उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षक पदों के लिए उम्मीदवार को बीएड कोर्स के अलावे राज्य द्वारा आयोजित TET परीक्षा यानी UPTET पास करना अनिवार्य है. UPTET (उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा) उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली एक राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा है जिसके माध्यम से स्कूलों में प्राइमरी (कक्षा 1 से 5 तक) एवं अपर-प्राइमरी (कक्षा 6 से 8 तक) के लिए टीचर्स की भर्ती के लिए उम्मीदवार की जांच की जाती है. कोई भी बीएड या समकक्ष डिग्री प्राप्त कर चुका उम्मीदवार यदि टीचर की सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखता है उसे UPTET की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी. UPTET परीक्षा प्रत्येक वर्ष नवंबर या दिसंबर में आयोजित की जाती है.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के सम्बन्ध में नए प्रावधान लागू किये हैं. जिसके तहत प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए अब टीईटी यानी UPTET पास होने के बाद लिखित परीक्षा भी अनिवार्य कर दिया गया है. यानी नये नियम के अनुसार अब केवल UPTET पास कर पूर्व की भांति अब कोई असिस्टेंट टीचर नही बन पाएंगे.

अब टीईटी पास कर चुके लोगों की अब सीधे भर्ती नहीं होगी, बल्कि उन्हें भी लिखित परीक्षा में शामिल होना होगा एवं लिखित परीक्षा पास होने के बाद ही उम्मीदवारों का अंतिम रूप से चयन होगा, क्योंकि मेरिट बनाते समय लिखित परीक्षा के अंक भी जोड़े जाएंगे.

लिखित के लिए 60 और शैक्षिक योग्यता के आधार पर 40 नंबर दिए जाएंगे. नए नियम के अनुसार लिखित परीक्षा में वहीं अभ्यर्थी शामिल हो सकता है जो टीईटी पास है.

इस प्रकार अब नए नियम के अनुसार किसी भी अभ्यर्थी को शिक्षक बनने हेतु निम्न अर्हताएं प्राप्त करनी होंगी:-

  • एकेडमिक गुणांक (40% का वेटेज)इसमें
  • हाईस्कूल के मार्क्स का 10%
  • इंटरमीडिएट के मार्क्स का 10%
  • ग्रेजुएशन के मार्क्स का 10%
  • बीटीसी प्रशिक्षण के टोटल का 10% लिया जाएगा.

टीईटी परीक्षा(केवल पास करना) एकेडमिक के बाद सभी अभ्यर्थियों को टीईटी की परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा अर्थात टीईटी महज पास करना है, इसका कोई वेटेज न लिया जाएगा.

लिखित परीक्षा (60% का वेटेज)

  • इसमें 200 अंको की लिखित परीक्षा होगी जिसमें जितने नम्बर अभ्यर्थी लाएगा उसका 60% वेटेज लिया जाएगा।
  • इस तरह एकेडमिक के (40%) + लिखित परीक्षा (60%) को मिलाकर मेरिट बनाई जाएगी आगामी शिक्षक भर्ती हेतु.
  • शिक्षामित्रों को 25 अंक का वेटेज

इसके साथ ही संशोधित नियमावली के तहत शिक्षामित्रों को शिक्षक भर्ती में 25 अंक तक का वेटेज मिलेगा. 60 साल तक की उम्र वाले शिक्षामित्र भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे, लेकिन उनका टीईटी पास होना जरूरी होगा. उन्हें 2.5 अंक प्रति शैक्षणिक अनुभव वर्ष के हिसाब से वेटेज मिलेगा, जो अधिकतम 25 अंकों तक हो सकेगा. वेटेज का लाभ दो क्रमिक भर्तियों में ही मिलेगा.

Prashant Kumar is a content writer with 5+ years of experience in education and career domains. He has qualified UGC NET in History and was previously a faculty for IAS/PCS prep. He has earlier worked with Doordarshan & HT Media. At jagranjosh.com, Prashant creates real-time content for Govt Job Notifications and can be reached at prashant.kumar@jagrannewmedia.com
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