हाल ही में सरकार ने NEET और JEE परीक्षा का विलय कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET-UG) परीक्षा में करने का प्रस्ताव दिया है जो अब अपने अंतिम चरण में है इसी क्रम में सरकार विलय का एक और नया प्रस्ताव ला रही है, जी हाँ केंद्र सरकार अब जल्द ही एकल मान्यता और रैंकिंग प्रणाली बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है इस सम्बन्ध में सरकार ने एक समिति का भी गठन किया है जो अक्रिडेशन (NAAC) और रैंकिंग संस्थान (NBA) के विलय की प्रक्रिया और उससे होने वाले लाभों पर विचार करेगी, ये प्रस्ताव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) की प्रमुख विशेषताओं में से एक है।
नेशनल असेसमेंट और अक्रिडेशन काउंसिल या NAAC एकमात्र सरकारी एजेंसी है जो विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को मान्यता देने के लिए अधिकृत है, जबकि केवल तकनीकी शिक्षा संस्थानों को मान्यता देने का काम नेशनल बोर्ड ऑफ़ अक्रिडेशन या NBA का है। NBA उच्च शिक्षा संस्थानों की वार्षिक रैंकिंग जारी करता है, जिसे NIRF कहा जाता है।
उल्लेखनीय है कि, संस्थानों के विलय का प्रस्ताव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) में दिए गए प्रस्तावों में से एक है, इस प्रक्रिया में एकल अक्रिडेशन और रैंकिंग प्रणाली बनाने की प्रक्रिया शिक्षा मंत्रालय (एमओई) के साथ शुरू की गई है, जिसके लिए NAAC के चेयरमैन भूषण पटवर्धन की अध्यक्षता में एक कार्यकारी समिति का गठन किया गया है। साथ ही केंद्र सरकार AICTE और UGC को एकल उच्च शिक्षा नियामक में विलय करने पर भी काम कर रही है जिसे भारतीय उच्च शिक्षा आयोग या HECI कहा जाएगा।
इस समिति के भूषण पटवर्धन चेयरमैन, एवं इंद्रनील मन्ना (कुलपति, बिड़ला प्रौद्योगिकी संस्थान, मेसरा रांची), के एन गणेश (प्रोफेसर, भारतीय विज्ञान शिक्षा संस्थान एंड रिसर्च, तिरुपति), डॉ सुरेंद्र प्रसाद (पूर्व निदेशक, आईआईटी दिल्ली), बीजे राव (कुलपति, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय) और डॉ मंजू सिंह (संयुक्त सचिव, यूजीसी) सम्मिलित होंगीI
ये 6 सदस्यीय समिति NAAC और NBA की मान्यता पद्धति और NIRF की रैंकिंग प्रणाली से सम्बन्धित मुख्य बिन्दुओं की जांच करेगी और ये प्रस्तावित NAC बनाने के लिए तीनों निकायों के विलय की एक रूपरेखा तैयार करने के अतिरिक्त, निकायों के बीच संचार सुनिश्चित करने के लिए एक उपयुक्त तंत्र की सिफारिश भी करेगी।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation