IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) की ओर से बीते दिनों सिविल सेवाओं के नतीजे जारी कर दिए गए हैं, जिसमें लड़कियों ने टॉप स्थानों पर बाजी मारी है। वहीं, नए नतीजों के साथ हमारे सामने देशभर से अलग-अलग युवाओं की सफलता की कहानियां सामने आ रही हैं। इन कहानियों के साथ सफलता के शिखर तक पहुंचने से पहले उनके द्वारा किए गए संघर्ष और असफलताओं के बारे में भी पता चल रहा है। कई युवा सिविल सेवाओं की तैयारी करते हैं और पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर लेते हैं, जबकि कुछ युवा कई सालों तक तैयारी करने के बाद सफलता के शिखर तक पहुंचते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको अविनाश कुमार की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी नौकरी को छोड़कर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की थी, जिसके बाद उन्होंने सिविल सेवाओं के प्रीलिम्स में दो बार असफलता को देखा, लेकिन हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में 17वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनने में सफल रहे।
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अविनाश कुमार का परिचय
अविनाश कुमार मूलरूप से बिहार के बघवा के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी 10वीं की पढ़ाई फारबिसगंज स्थित सरस्वती विद्या मंदिर से पूरी की। इसके बाद चिन्मय विद्यालय से 12वीं की पढ़ाई की और स्नातक के लिए कोलकाता स्थित यादवपुर विश्वविद्यालय में दाखिल लिया। यहां से उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। अविनाश एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार में पिता किसान और माता गृहणी हैं।
पढ़ाई के बाद लगी गई थी नौकरी
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद अविनाश की पश्चिम बंगाल में स्थित एक बिजली परियोजना के लिए नौकरी लग गई थी। उन्होंने कुछ समय तक काम किया, लेकिन उनके मन में सिविल सेवाओं में जाने की इच्छा थी, ऐसे में उन्होंने नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया।
नौकरी छोड़कर शुरू की तैयारी
अविनाश ने केवल 11 महीने की नौकरी की और इसे छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली आकर सिविल सेवाओं की तैयारी करने का निर्णय लिया। सिविल सेवाओं के लिए अविनाश ने रणनीति बनाकर पढ़ना शुरू किया।
पहले दो प्रयास में हो गए थे फेल
अविनाश ने तैयारी करना शुरू किया और अपना पहला प्रयास किया, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स की परीक्षा में ही फेल हो गए। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास के लिए खुद को तैयार किया। इसके बाद उन्होंने दूसरा प्रयास किया इस बार भी उन्हें प्रीलिम्स की परीक्षा में ही असफलता का मुंह देखना पड़ा।
तीसरे प्रयास में हासिल की 17वी रैंक
सिविल सेवा परीक्षाओं में दो बार मिली असफलता के बाद अविनाश ने अपनी कमियों पर काम किया और रणनीति में बदलाव कर पढ़ना शुरू किया। उन्होंने अपना तीसरा प्रयास किया और इस बार उन्होंने प्रीलिम्स और मेंस पास करते हुए इंटरव्यू में जगह बनाई। UPSC की ओर से जब सिविल सेवाओं का परिणाम जारी किया गया, तो अविनाश ने न सिर्फ इस परीक्षा को पास किया, बल्कि 17वीं रैंक के साथ देशभर में टॉप किया।
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