Positive India: तीन बार हुए UPSC प्रीलिम्स परीक्षा में फेल, चौथे प्रयास में बनें IPS - जानें सत्य साई कार्तिक की सफलता की कहानी

27 वर्षीय कार्तिक ने 2012 में हैदराबाद की अंडर -19 क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया था। कार्तिक ने UPSC 2019 की परीक्षा में 103वीं रैंक हासिल की

IPS Satya Sai Karthik upsc success story in hindi
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जहाँ अधिकांश अभ्यर्थी UPSC के विभिन्न चरणों में असफल होने के बाद हताश हो जाते हैं, वहीँ हैदराबाद के सत्य साई कार्तिक तीन बार प्रीलिम्स परीक्षा ही पास नहीं कर सके थे। इसके बावजूद उन्होंने खुद पर भरोसा रखा और मेहनत करते रहे। चौथे प्रयास में सालों की मेहनत रंग लाई और कार्तिक ने यूपीएससी परीक्षा 2019 में ऑल इंडिया 103 रैंक प्राप्त की। शुरू से ही पढ़ाई में तेज़ कार्तिक ने अपने कॉलेज के दिनों में ही UPSC की तैयारी करने का मन बना लिया था। आइये जानते हैं कैसे की कार्तिक ने अपनी तैयारी। 

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बचपन से ही थी क्रिकेट खेलने में रूचि 

बचपन से ही कार्तिक पढ़ाई के साथ साथ क्रिकेट खेलने के शौकीन थे। कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी लेवल तक क्रिकेट में अपने कॉलेज को रिप्रजेंट किया था। उन्होंने तेलंगाना राज्य की अंडर-19 टीम में भी क्रिकेट खेला हैं। उन्होंने हैदराबाद के गंगाराजू  गोकाराजू कॉलेज से कंप्यूटर साइंस मे इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। इसी के बाद कार्तिक ने यूपीएससी क्लियर करने का निश्चय किया। 

Shiv Khera

सिलेबस को समझने के बाद शुरू की UPSC की तैयारी 

कार्तिक बताते हैं कि  तैयारी शुरू करने से पहले उन्होंने यूपीएससी का सिलेबस देखा और उसके हिसाब से स्टडी मैटेरियल तैयार किया। इसके बाद उन्होंने अपना बेस मजबूत करने पर ध्यान दिया। उन्होंने तैयारी के लिए एक कोचिंग भी ज्वाइन की और अपनी तैयारी शुरू की। उन्होंने आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस पर काफी फोकस किया। उनका मानना है कि यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने के लिए आंसर राइटिंग महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और हर कैंडिडेट को इसकी प्रैक्टिस जरूर करनी चाहिए.

तीन बार हुए UPSC की प्रीलिम्स परीक्षा में असफल 

UPSC की प्रीलिम्स परीक्षा तैयारी के लिए कार्तिक हैदराबाद से दिल्ली कोचिंग लेने आये। उन्होंने सोशियोलॉजी को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना। हालांकि मेंस लिखने का मौका उन्हें चौथे प्रयास में मिला। अपने पहले तीन प्रयासों में कार्तिक प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाए थे। परन्तु इस असफलता ने उन्हें कभी निराश नहीं किया। वह निरंतर प्रयास करते रहे और अपनी तैयारी को मज़बूत करते रहे। कार्तिक बताते हैं कि उन्होंने एक ही स्ट्रेटेजी के तहत तैयारी की और आंसर राइटिंग पर ज़्यादा फोकस किया। इसी का नतीजा था कि जब 2019 की परीक्षा में उन्होंने प्रीलिम्स पास कर लिया तो आसानी से मेंस परीक्षा भी क्लियर कर ली। 

दूसरे अभ्यर्थियों के लिए कार्तिक की सलाह

कार्तिक कैंडिडेट्स को अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर ध्यान देने की सलाह देते हैं। कार्तिक के अनुसार जब तक आप फिजिकली और मेंटली मजबूत नहीं होगे, तब तक अपना बेस्ट नहीं दे पाएंगे। इसलिए समय निकालें और दिन में कम से कम आधा घंटा वर्कआउट जरूर करें। कार्तिक दिन में 15 से 20 मिनट मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइजेस को भी देते थे। परीक्षा के दिन या परीक्षा के पहले बिलकुल भी स्ट्रेस न लें वरना आपका प्रदर्शन खराब हो सकता है। अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस को पहचानें  और उन पर काम करें। खुद से ईमानदार रहें और तैयारी में किसी प्रकार की कमी न रखें। सफलता मिलने में देरी लग सकती है, लेकिन कठिन परिश्रम से आपको सफलता जरूर मिलेगी। 

 





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