अगर आप एक ऐसे स्टूडेंट्स में से एक हैं जो किसी सरकारी या प्राइवेट स्कूल में टीचर का करियर शुरू करना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को पढ़कर आपको भारत में 4 साल के इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के बारे में सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी हासिल हो सकती है. दरअसल, किसी सरकारी स्कूल में टीचर बनने के लिए आपके पास बीएड की डिग्री जरुर चाहिए. भारत सरकार के मुताबिक अब तो चाहे कोई सरकारी टीचर हो या फिर, किसी प्राइवेट स्कूल के टीचर्स, सब टीचर्स के पास बीएड की डिग्री जरुर होनी चाहिए.
इसी तरह, हमारी सरकार की शिक्षा नीति के मुताबिक, अगर किसी कैंडिडेट ने बीएड की डिग्री हासिल नहीं की है तो वह किसी भी प्राइवेट या सरकारी स्कूल में पढ़ाने के लिए लीगली योग्य नहीं है और इसी कारण वह कैंडिडेट भारत-भर में कहीं भी और किसी भी सरकारी या प्राइवेट स्कूल में टीचर की जॉब ज्वाइन नहीं कर सकता है. इसलिए, इस आर्टिकल में हम आपको भारत में 4 साल के इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के बारे में सारा जरुरी ब्यौरा दे रहे हैं.....आप इस आर्टिकल को बड़े गौर से पढ़े:
इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स: महत्त्वपूर्ण जानकारी
शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने इस साल से स्टूडेंट्स के लिए 4 साल का इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू कर दिया है ताकि हमारे देश में भावी टीचर्स और टीचिंग-क्वालिटी में जरुरी सुधार लाया जा सके. इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में एडमिशन लेने के लिए अब यह जरुरी नहीं रहा कि, स्टूडेंट्स के पास साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हो. अब, हमारे स्टूडेंट्स किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से 12वीं क्लास पास करने के बाद सीधे इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं.
भारत में अब तक भी विभिन्न सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में टीचर्स सैलरी में काफी अंतर, सरकारी स्कूलों में टीचर-स्टूडेंट्स का बेमेल अनुपात जैसे अनेक कारणों से इन दिनों भी हमारे देश के टैलेंटेड स्टूडेंट्स टीचिंग प्रोफेशन से दूर ही रहते हैं. ऐसी अनेक कमियों को दूर करने के लिए ही नेशनल काउंसिल फॉर टीचिंग एजुकेशन (NCTE) ने बीएड का कोर्स करिकुलम दुबारा तैयार किया है ताकि टीचिंग प्रोफेशन में इस नये दौर के अनुसार ही सारा जरुरी बदलाव लाया जा सके और देश के काबिल कैंडिडेट्स टीचिंग में अपना करियर प्रसन्नतापूर्वक शुरू कर सकें.
भारत में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की महत्त्वपूर्ण विशेषताएं
आइये अब हम भारत में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की कुछ महत्त्वपूर्ण विशेषताओं की चर्चा करें जोकि निम्नलिखित हैं:
- भारत में इंटीग्रेटेड टीचर ट्रेनिंग बीएड कोर्स एकेडेमिक सेशन 2019 – 2020 से शुरू हो गया है.
- इस साल कुछ ही कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ ही यह 4 साल का इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स ऑफर कर रहे हैं.
- स्टूडेंट्स अपनी 12वीं क्लास पास करने के तुरंत बाद यह इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स ज्वाइन कर सकते हैं जिससे उनका पूरा 1 साल बचाएगा.
- 3 साल की ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स 2 साल का बीएड कोर्स करते थे लेकिन अब स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल किये बिना ही सीधे 4 साल की अवधि के इस इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं.
- यह 4 साल का इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स प्री-प्राइमरी से प्राइमरी लेवल तक और अपर प्राइमरी लेवल से सेकेंडरी लेवल तक प्रमुख 2 लेवल्स के लिए करवाया जा रहा है.
- हरेक साल, मई/ जून के महीने में इस कोर्स के लिए एंट्रेंस एग्जाम लिया जायेगा.
- अब तक जो स्टूडेंट्स किसी विषय में अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर चुके हैं, उन स्टूडेंट्स के पास ग्रेस पीरियड है जिसके तहत वे स्टूडेंट्स 2 साल का बीएड कोर्स या 3 साल का बीएड + एमएड कोर्स कर सकते हैं. लेकिन इस ग्रेस पीरियड के बारे में स्टूडेंट्स को इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में एडमिशन लेने से पहले जरुरी जानकारी हासिल करनी होगी.
भारत में 4 साल के इंटीग्रेटेड बीएड कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
भारत में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स ने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से, किसी भी स्ट्रीम (साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स) में 12वीं क्लास कम से कम 50% मार्क्स सहित जरुर पास की हो. इसी तरह, हमारे देश में इंटीग्रेटेड बीएड में, हरेक एकेडेमिक सेशन के अंत में स्टूडेंट्स को एग्जाम पास करना होता है. इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स करते समय सभी स्टूडेंट्स अपनी स्ट्रीम जैसेकि आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस के मुताबिक कोई सूटेबल टीचिंग सब्जेक्ट चुनते हैं.
भारत में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के लिए टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस
हमारे देश में लगभग 19 हजार एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स रेगुलर या प्राइवेट/ कॉरेस्पोंडेंस बीएड कोर्सेज करवा रहे हैं लेकिन इस साल भारत में केवल कुछ ही इंस्टीट्यूशंस इंटीग्रेटेड बीएड कोर्सेज करवा रहे हैं जैसेकि:
- सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशन, दिल्ली यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
- टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, दिल्ली सोसाइटी फॉर दी वेलफेयर ऑफ़ स्पेशल चिल्ड्रन, दिल्ली
- इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
- आर्य विद्यापीठ कॉलेज, गुवाहाटी, असम
- गुवाहाटी कॉलेज, असम
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश
- गवर्नमेंट डूंगर कॉलेज, बीकानेर, राजस्थान
भारत में इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स पूरा करने के बाद टीचिंग कैंडिडेट्स के लिए आकर्षक करियर स्कोप
भारत में अगर स्टूडेंट्स इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं तो फिर, वे भारत के सभी सरकारी या प्राइवेट सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी स्कूलों में टीचर की जॉब ज्वाइन कर सकते हैं. लेकिन, किसी सरकारी स्कूल में टीचर की जॉब ज्वाइन करने के लिए स्टूडेंट्स को पहले CTET एग्जाम मेरिट बेस पर पास करना पड़ता है और भारत में राज्य सरकारों द्वारा संचालित स्कूलों में टीचर का करियर शुरू करने के लिए स्टूडेंट्स को संबंद्ध राज्य द्वारा लिया जाने वाला TET एग्जाम मेरिट बेस पर पास करना होगा.
आप बीएड की डिग्री हासिल करने के बाद ऑनलाइन टीचिंग भी कर सकते हैं. इसके अलावा, होम ट्यूशन्स, कोचिंग सेंटर्स में टीचिंग, एजुकेशनल कंसल्टेंट्स बनने के साथ ही आप देश के प्रसिद्द पब्लिशिंग हाउसेस, रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट्स में भी एजुकेशन से संबंधित जॉब्स ज्वाइन कर सकते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख जॉब्स/ करियर ऑप्शन्स हैं - एजुकेशनल रिसर्चर, एजुकेशन एडमिनिस्ट्रेटर, कंटेंट राइटर, असिस्टेंट डीन और जर्नलिस्ट.
इंडियन टीचर्स का एवरेज सैलरी पैकेज
भारत में स्कूल टीचर्स को एवरेज रु. 25 हजार – 45 हजार रुपये मासिक मिलते हैं. ग्लासडोर के सर्वे के मुताबिक, इंडियन टीचर्स की एवरेज सैलरी 3.85 लाख रुपये सालाना है. दरअसल, टीचर्स के सैलरी पैकेज पर उनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स, वर्क एक्सपीरियंस, टीचिंग सब्जेक्ट, टीचिंग केटेगरी – पीआरटी, टीजीटी, पीजीटी – के साथ-साथ संबंधित एजुकेशनल इंस्टीट्यूट/ स्कूल की सैलरी पॉलिसीज़ का भी सीधा असर पड़ता है.
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