बायोटेक्नोलोजिस्ट का पद केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कृषि, पर्यावरण, स्वास्थ्य, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, औद्योगिक, आदि मंत्रालयों एवं सम्बद्ध विभागों, कृषि से जुड़े शोध संस्थानों, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, राजकीय तकनीकी संस्थानों, कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (जैसे- ऑयल इंडिया लिमिटेड) आदि में होता है. बायोटेक्नोलोजिस्ट का पद संबंधित विभाग की रिक्ति के अनुसार द्वितीय श्रेणी के कर्मचारी के रूप निर्धारित होता है. बायोटेक्नोलोजिस्ट का कार्य होता है कि वह सम्बन्धित स्पेशियलाजेशन या क्षेत्र के अनुरूप शोध कार्यों को पूरा करे और गुणवत्ता एवं तकनीकी दृष्टि से आवश्यक सुधार के लिए सुझाव दे और वर्तमान में इस्तेमाल की जा रही तकनीकों के प्रयोग से निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति में मदद करे. बायोटेक्नोलोजिस्ट की भूमिका संबंधित विभाग या संस्थान में गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने और नवीनतम तकनीकों के अनुप्रयोगों के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण होती है. इसलिए बायोटेक्नोलोजिस्ट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स में से जरूरी है कि आपको बायोटेक्नोलॉजी के सम्बंधित क्षेत्र में इस्तेमाल की जा रही तकनीकों और नई अनुसंधानों, आदि से अपडेट होना चाहिए. किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या से निपटने में पारंगत होना चाहिए.
बायोटेक्नोलोजिस्ट के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
बायोटेक्नोलोजिस्ट बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी भी विषय में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से बायोटेक्नोलॉजी या सम्बद्ध क्षेत्रों में स्नातक डिग्री (बीएससी, बीई, बीटेक) उत्तीर्ण होना चाहिए होना चाहिए. सीनियर पदों के लिए बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में मास्टर्स डिग्री मांगी जाती है. इसके साथ ही, उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान में संबंधित कार्य में कार्य का अनुभव होना चाहिए.
बायोटेक्नोलोजिस्ट के लिए कितनी है आयु सीमा?
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जूनियर पदों पर सरकारी नौकरियों के लिए उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से 34 वर्ष के बीच होनी चाहिए जबकि सीनियर पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष तक होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
बायोटेक्नोलोजिस्ट के लिए चयन प्रक्रिया
बायोटेक्नोलोजिस्ट के पद पर उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड, लिखित परीक्षा और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है. यदि संविदा के आधार पर नियुक्ति की जाती है तो उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग शैक्षणिक रिकॉर्ड और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर ही किया जा सकता है.
कितनी मिलती है बायोटेक्नोलोजिस्ट को सैलरी?
बायोटेक्नोलोजिस्ट के पद पर रैंक या पे-बैंड के आधार पर सैलरी दी जाती है जो अलग-अलग संगठन के लिए अलग-अलग होती है. सीनियर बायोटेक्नोलोजिस्ट के पद पर पीएसयू संगठन में ग्रेड सी के रु.32900 – 58000 के अनुसार सैलरी दी जाती है जबकि लोवर ग्रेड पर रु. 24900 – 50500/- वेतनमान के अनुरूप सैलरी दी जाती है. इसके अतिरिक्त गृह किराया भत्ता (एच.आर.ए.), परिवहन भत्ता, आदि देय होता है. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
बायोटेक्नोलोजिस्ट को कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
बायोटेक्नोलोजिस्ट का पद केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कृषि, पर्यावरण, स्वास्थ्य, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, औद्योगिक, आदि मंत्रालयों एवं सम्बद्ध विभागों, कृषि से जुड़े शोध संस्थानों, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, राजकीय तकनीकी संस्थानों, कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (जैसे- ऑयल इंडिया लिमिटेड) आदि में होने के कारण इस पद के लिए रिक्तियां समय-समय पर इन्हीं संस्थानों में समय-समय पर निकलती रहती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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