वार्डन का पद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों (जैसे-एम्स, ईएसआइसी, आदि), रक्षा मंत्रालय के अधीन अस्पतालों, ऐसे सभी शिक्षा संस्थानों जहां हॉस्टल की सुविधा हो, भारतीय खेल प्राधिकरण, केंद्र व राज्य की सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं व कार्यक्रमों, आदि में होता है. स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी संगठन में वार्डन का पद ग्रुप या ‘सी’ के स्तर का होता है. वार्डन का कार्य होता है कि हॉस्टल में रहने वालों के कल्याण, सुविधाओं को पूरा कराये, कक्षों आदि की आकस्मिक निगरानी, दंडात्मक कार्यवाई, आपात स्थिति नियंत्रण, आदि सुनिश्चित करे.
वार्डन की भूमिका शैक्षणिक संस्थानों के हॉस्टल या अस्पतालों के विभिन्न विभागों में आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था, निगरानी और आपात स्थिति नियंत्रण के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण होती है. वार्डन को सुनिश्चित करना होता है कि संबंधित हॉस्टल में रहने वालों की किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े और सभी आवश्यक सुविधाओं की समुचित व्यवस्था बनी रहे.
वार्डन के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
वार्डन बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से न्यूनतम 50% अंकों के साथ किसी भी विषय में बैचलर्स डिग्री उत्तीर्ण होना चाहिए. किसी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान या चिकित्सा संस्थान या अस्पताल में व्यवहारिक अनुभव रखने वाले उम्मीदवारों को वरीयता दी जाती है.
वार्डन के लिए कितनी है आयु सीमा?
वार्डन बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से 35 वर्ष के बीच हो. हालांकि, कुछ संस्थानों में पूर्व कार्य-अनुभव के साथ अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष भी हो सकती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
वार्डन के लिए चयन प्रक्रिया
वार्डन के पद पर उम्मीदवारों का चयन आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड, लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर किया जाता है. हालांकि, रिक्तियों के अनुरूप यदि संविदा के आधार पर नियुक्ति की जानी है तो संबंधित संस्थान उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग सिर्फ इंटरव्यू के आधार पर भी कर सकता है.
कितनी मिलती है वार्डन को सैलरी?
वार्डन के पद पर सातवें वेतन आयोग के पे-मैट्रिक्स लेवल-6 अर्थात रु.35,400/- के अनुरूप सैलरी दी जाती है. इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के भत्ते (डीए, एचआरए, आदि) देय होते हैं. यदि वार्डन के पद पर संविदा के आधार पर नियुक्ति की दशा में रु. 15000-20000/- प्रतिमाह तक का वेतन दिया जाता है. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
वार्डन की कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
वार्डन का पद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों के तहत चलाये जा रहे अस्पतालों (जैसे-एम्स, ईएसआइसी, आदि), रक्षा मंत्रालय के अधीन अस्पतालों, ऐसे सभी शिक्षा संस्थानों जहां हॉस्टल की सुविधा हो, भारतीय खेल प्राधिकरण, केंद्र व राज्य की सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं व कार्यक्रमों, आदि में होता है इसलिए इस पद के लिए रिक्तियां समय-समय पर इन्हीं संस्थानों में समय-समय पर निकलती रहती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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