जानें क्यों प्राइवेट जॉब्स की तुलना में गवर्नमेंट जॉब्स की तरफ है युवाओं का आकर्षण

Sep 18, 2018, 17:29 IST

आज सरकारी नौकरी युवाओं की पहली पसंद है. प्राइवेट जॉब्स में मिलने वाली आरामदेह कार्यस्थली एवं उच्च जीवन शैली के बावजूद हमारे देश में अभी भी अधिकतर लोग सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखते हैं.

आज सरकारी नौकरी युवाओं की पहली पसंद है. प्राइवेट जॉब्स में मिलने वाली आरामदेह कार्यस्थली एवं उच्च जीवन शैली के बावजूद हमारे देश में अभी भी अधिकतर लोग सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखते हैं. क्योंकि सरकारी नौकरी में मिलने वाली शान्ति, प्रतिष्ठा और सुरक्षा के स्तर का कोई मेल नहीं है. इन दिनों बहुत से ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट प्राइवेट सेक्टर में काम करने की बजाय विभिन्न सरकारी नौकरियों का चयन करते हैं. और सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि कोई ऐसा विशेष क्षेत्र या व्यवसाय नहीं है, हर क्षेत्र के उम्मीदवार सरकारी नौकरियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं.

तो मन में एक सहज सा प्रश्न उठता है कि क्यों भारतीय युवा अभी भी प्राइवेट नौकरियों के बजाय सरकारी नौकरियों को पसंद करते हैं? आइये इस बारे में कुछ पड़ताल करते हैं:-

नीचे कुछ कारक दिए जा रहे हैं जो सरकारी नौकरी को प्राइवेट जॉब्स से अलग करता हैं जिसके कारण ही युवाओं का रुझान सरकारी नौकरी की ओर होता है.

नौकरी की सुरक्षा/स्थिरता:
सरकारी नौकरी अर्थव्यवस्था के उतार-चढाव से विरले ही प्रभावित होती हैं. सरकारी नौकरी में इस बात की सम्भावना बहुत कम है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी कभी भी अपनी नौकरी खो देगा. ज्यादातर मामलों में, जब तक व्यक्ति सेवानिवृत्त होने के योग्य नहीं हो जाता है तब तक नौकरी बनी रहेगी. सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी अपने पूरे कार्यकाल के दौरान एक निश्चित आय प्राप्त करते हैं और नौकरी की सुरक्षा भी अंत तक बनी रहती है.

इस प्रकार निजी नौकरियों की तुलना में सरकारी नौकरियां अधिक सुरक्षित हैं. जब किसी उम्मीदवार को सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है, तो काम की प्रकृति के आधार पर आप 58-65 वर्ष की आयु में रिटायर करते हैं. जबकि, निजी नौकरी के मामले में, नौकरी की सुरक्षा नहीं है आप को काम पर रखने वाले लोग व्यवसाय में जब तक फायदा अर्जित कर रहे हैं वे केवल तब तक आपको भुगतान करेंगे. केवल यह बात कंपनी के लाभ तक सिमित नही अपितु जब तक आप उनके लिए फायदे का साबित होते हैं तबतक ही आपकी नौकरी सुरक्षित मानी जा सकती है.

उदाहरण के लिए, कोई निजी कंपनी आपको 50 हजार के मासिक वेतन पर तभी रखती है, जब उन्हें ये लगे कि इस व्यक्ति से हम प्रति माह 50 हजार से अधिक काम ले पाएंगे. और जब तक आप कम्पनी के आशाओं पर खरे उतरते हैं तबतक तो आपकी नौकरी सुरक्षित है परन्तु जैसे ही निजी क्षेत्र की कम्पनी को यह लगता है कि आपके द्वारा किए गए काम से उन्हें जो फायदा हो रहा है उसकी कीमत 50 हजार से कम है तो फिर आपको कंपनी नौकरी से निकाल सकती है.
वहीँ दूसरी तरफ सरकारी नौकरी में वेतन और नौकरी की सुरक्षा आपके प्रदर्शन पर निर्भर नहीं करती है.

काम का कम बोझ:
हम सभी जानते हैं कि निजी नौकरियों की तुलना में सरकारी नौकरियों में कम से कम काम का बोझ होता है, साथ ही साथ बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं. एक सरकारी कर्मचारी जानता है कि वह कौन सा दिन काम करने जा रहा है और कितने समय तक, इसलिए अधिक आराम से और संतोषजनक जीवन शैली जी सकता है.

निश्चित अवकाश:
शायद सरकारी क्षेत्र में काम करने की सर्वोत्तम सुविधाएं यह है कि छुट्टियों पर जाने के लिए आपको बहस नहीं करना पड़ता है क्योंकि आपके पास प्रति वर्ष तयशुदा छुट्टियाँ रहती है जिसका आप लाभ लेने के हकदार हैं इतना ही नहीं इसके साथ ही साथ सभी सरकारी घोषित छुट्टियां भी आपको प्रदान की जाएंगी. वहीँ कुछ निजी कंपनियां अपने कर्मचारियों से दशहरा जैसे त्योहारों पर भी काम लेती हैं. जो स्पष्ट रूप से बहुत परेशान करने वाली होती है.

पेंशन और अन्य लाभ:
सरकारी कर्मचारियों को हमारे देश की सरकार से काफी आकर्षक और साथ ही जीवन भर लाभ प्राप्त करने के लिए जाना जाता है. सरकारी कर्मियों को जीवनभर स्वास्थ्य देखभाल, पेंशन, आवास सुविधाओं के साथ साथ भविष्य निधि भी प्रदान की जाती हैं.

वेतनमान:
सरकारी नौकरी दो दशक पूर्व वेतन के मामले में प्राइवेट नौकरी से बहुत पीछे था, जिसके कारण युवाओं का आकर्षण सरकारी नौकरी से ज्यादा प्राइवेट जॉब्स की तरफ था. परन्तु छठे एवं अब सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू हो जाने के बाद सरकारी नौकरी के वेतनमान में बहुत बढ़ोतरी हो गयी है. अब युवा सरकारी नौकरी में केवल सुरक्षा और काम का अनुकूल वातावरण ही नही पाते अपितु अब उन्हें इस अर्थवादी दुनियां में एक प्रतिष्ठित जीवन जीने के लिए जरुरी पैसे भी प्राप्त होते हैं.

कुल मिलाकर देखें तो मनुष्य का स्वभाव सुरक्षा, स्थिरता भरे वातावरण में जीने का होता है. और सरकारी नौकरी प्राइवेट नौकरी के वनिस्पत मनुष्य के स्वभाव के ज्यादा अनुकूल होता है. यही स्वभाव उम्मीदवारों को सरकारी नौकरी की तरफ आकर्षित करता है.

Prashant Kumar is a content writer with 5+ years of experience in education and career domains. He has qualified UGC NET in History and was previously a faculty for IAS/PCS prep. He has earlier worked with Doordarshan & HT Media. At jagranjosh.com, Prashant creates real-time content for Govt Job Notifications and can be reached at prashant.kumar@jagrannewmedia.com
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