Success Story: UPSC सिविल सेवा देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा है। इस सेवा के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की अधिकारी के रूप में कमान संभालने का मौका मिलता है। साथ ही यह एक ऐसी सेवा है, जहां रहकर आप पूरे देश के लिए नीति तैयार करते हैं और आपका एक फैसला करोड़ो भारतीयों पर प्रभाव डालता है। यही वजह है कि इसे सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में शामिल किया गया है। इस परीक्षा के लिए हर साल लाखों युवा आवेदन करते हैं, लेकिन सफलता केवल उन्हीं को मिलती है, जो इस परीक्षा के लिए गंभीरता से तैयारी करते हैं। कुछ युवा इस परीक्षा के लिए कोचिंग भी करते हैं, लेकिन इसके बाद भी इसमें सफलता सुनिश्चित नहीं है। वहीं, कई बार इस परीक्षा को पास करने में कई सालों का समय लग जाता है। इस लेख के माध्यम से हम आपको आगरा की रहने वाली सुषमा सागर की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने तीसरे प्रयास में नौकरी के साथ इस परीक्षा को पास किया है।
सुषमा सागर का परिचय
सुषमा सागर मूल रूप से आगरा के केंद्रीय हिंदी संस्थान मार्ग नगला बुढ़ी ओम नगर की रहने वाली हैं। वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने अपनी स्कूली दयालबाग के प्रेम विद्यालय से पूरी की। इसके बाद उन्होंने बीएससी में स्नातक किया।
दिल्ली में रहकर की दो साल तक मेहनत
अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी होने के बाद सुषमा सागर ने सिविल सेवाओं में जाने का मन बना लिया था। इसके लिए उन्होंने दिल्ली जाकर इसकी तैयारी करने का निर्णय लिया। उन्होंने दिल्ली में रहकर पूरे दो सालों तक कड़ी मेहनत की।
2018 में पास की UPPSC की परीक्षा
दिल्ली में दो साल तक कड़ी मेहनत करने के बाद सुषमा सागर ने साल 2018 में UPPSC परीक्षा पास की, जिसके बाद वह PCS अधिकारी बन गई थी। हालांकि, सेलेक्शन होने के बाद भी उन्होंने यूपीएससी की तैयारी को कम नहीं किया था।
साल 2019 में इंटरव्यू में फेल
सुषमा सागर ने साल 2019 में यूपीएससी सिविल सेवा को दिया था, जिसमें उन्होंने प्रीलिम्स और मेंस की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन वह इंटरव्यू में रह गई थी। हालांकि, उन्होंने यहां भी हार नहीं मानी और नौकरी के साथ तैयारी जारी रखी।
तीसरे प्रयास में हासिल की 733वीं रैंक
साल 2019 के बाद वह एक बार फिर से इस परीक्षा में फेल हो गई थी। उन्होंने खुद को तीसरे प्रयास के लिए तैयार किया और कड़ी मेहनत शुरू कर दी। साल 2022 की परीक्षा का जब परिणाम जारी हुआ, तो उन्होंने 733वीं रैंक के साथ सिविल सेवाओं को पास कर लिया था।
नौकरी के साथ 3-4 घंटे करती थी पढ़ाई
सुषमा सागर ने नौकरी के साथ-साथ प्रतिदिन तीन से चार घंटे तक तैयारी करती थी। इसके साथ ही नौकरी के समय में उन्हें जो समय मिलता था, वह उसका प्रयोग अपनी पढ़ाई में किया करती थी। ऐसे में उन्होने समय का सदुपयोग कर खुद को यूपीएससी अधिकारी के रूप में बदला।
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