Find chapter notes for UP Board class 10th mathematics notes on chapter 6 (Trigonometry) from here. This notes will help you to understand the complete chapter in a very easier way and the notes are based on chapter 6 (Trigonometry) of class 10th maths subject. Read this article to get the notes, here we are providing each and every notes in a very simple and systematic way.The main topic cover in this article is given below :
1. त्रिकोणमितीय अनुपात
2. त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ
(i) त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometrical Ratios) : आप नवीं कक्षा में जैसी कुछ निम्न संकल्पनाओं एवं सूत्रों का अध्ययन कर चुके है :
नवीं कक्षा में आपको यह भी बताया गया है कि यदि किसी कोण के लिए का मान ज्ञात हो तो हम तथा अन्य त्रिकोणमितीय अनुपातों के मान ज्ञात कर सकते हैं। वहाँ हमने कुछ उदाहरणों में ये मान पाइथागोरस प्रमेय की सहायता से ज्ञात किये थे। आपको इस बात की भी जानकारी दी गई थी कि किसी कोण के त्रिकोणमितीय अनुपातों है सम्बन्धित कुछ व्यंजकों को अधिक सरल रूप में समानीत किया जा सकता है।
हम sin 00, cos 00 और sin 900, cos 900 के मान नवीं कक्षा में बता चुके है परन्तु यह नहीं बताया था कि ये मान किस प्रकार ज्ञात किये जाते हैं। यहाँ हम इन मानों को ज्ञात करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
UP Board Class 10 Mathematics Notes : Statistics (Chapter Fifth), Part-II
इसी प्रकार हम यह दिखा सकते हैं कि sin 900 का मान 1 और cos 900 का मान 0 माना जा सकता है । इस तरह
sin 900 = 1 और cos 900 = 0
अब हम त्रिकोणमिति का और आगे अध्ययन करेंगे तथा कुछ महत्वपूर्ण परिणामों को सिद्ध करेंगे ।
त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ : एक या अधिक चरों वाले उस समीकरणा को सर्वसमिका (identity) कहा जाता है जोकि सम्बन्धित चरों के सभी मानो के लिए सन्तुष्ट हो जाता को अर्थात् चर (चरों) के सभी मानों के लिए समीकरण का बायाँ पक्ष दायें पक्ष के बराबर होता हो ।
उदाहरणार्थ, समीकरण
UP Board Class 10 Mathematics Notes : Statistics (Chapter Fifth), Part-I
इसी प्रकार हम यह दिखा सकते हैं कि sin 900 का मान 1 और cos 900 का मान 0 माना जा सकता है । इस तरह
sin 900 = 1 और cos 900 = 0
51।। 99३ ८ 1 और ०05 90. ८
अब हम त्रिकौगामिति त्रिकोणमिति का और आगे अध्ययन करेंगे तथा कुछ महत्वपूर्ण परिणामों को सिद्ध कोंगे करेंगे ।
6-2. त्रिक्रोपऱत्रिकोणमितीय सर्वसपिकाएँसर्वसमिकाएँ
एक या अधिक चरों वाले उस समीकरणा को सर्वसमिका (द्रनुआअंदृव्रidentity) कहा जाता है जोकि सम्बन्धित चरों के सभी मानो
के लिए सन्तुष्ट हो जाता को अर्थात् चर (चरों) के सभी मानो मानों के लिए समीकरण का बायाँ पक्ष दायें पक्ष के बराबर होता हो ।
उदाहरणार्थ, समीकरण
Comments
All Comments (0)
Join the conversation