In this article you will get UP Board class 10th Science notes on organic compounds 6th part. This short notes will be very helpful to understand the topics easily thats why we are providing this in a very simple and systematic way. Many students find science intimidating and they feel that here are lots of thing to be memorised. However Science is not difficult if one take care to understand the concepts well.The main topic cover in this article is given below :
1. एथिल ऐल्कोहाल के निर्माण की विधियाँ
2. रासायनिक गुण
3. हैलोजेन अम्लों से क्रिया
4. स्रान्द्र स्ल्फ्युरिक अम्ल से क्रिया
5. ऐसीटिक अम्ल बनाने की विधि
6. रासायनिक गुण
7. निर्जलीकरण
8. शिमट अभिक्रिया
9. पेट्रोलियम के शोधन से प्राप्त विभिन्न प्रभाजों के नाम व संघटन
10. साबुन की सफाई प्रक्रिया
एथिल ऐल्कोहाल के निर्माण की विधियाँ –
रासायनिक गुण -
1. हैलोजेन अम्लों से क्रिया - एथिल हैलाइड बनता है। HCI के साथ अभिक्रिया निर्जल ZnCI2 की उपस्थिति में तथा HBr के साथ अभिक्रिया सान्द्र H2SO4 की उपस्थिति में सम्पन्न कराई जाती है। HI के साथ अभिक्रिया उत्क्रमणीय होती है।
ऐसीटिक अम्ल बनाने की विधि :
रासायनिक गुण –
UP Board Class 10 Science Notes : Organic compounds, Part-I
UP Board Class 10 Science Notes : Organic compounds, Part-II
पेट्रोलियम के शोधन से प्राप्त विभिन्न प्रभाजों के नाम व संघटन: पेट्रोलियम एक विशेष गन्धयुक्त भूरे – काले रंग का गाढ़ा तेल होता हैं। यह पृथ्वी के भीतर चट्टानों के नीचे पाया जाता है, इसलिए इसका नाम पेट्रोलियम पड़ा। ग्रीक भाषा में petra का अर्थ चट्टान (rock) होता है तथा ‘oleum’ तेल (oil) को कहते हैं। प्राकृतिक रूप में इसे "कच्चा तेल" या अपरिष्कृत तेल (crude oil) कहते हैं।'
पेट्रोलियम अथवा अपरिष्कृत तेल अनेक ठोस, द्रव तथा गैसीय हाहड्रोकार्बनों का जल, लवण तथा मिटटी के कणों के साथ एक जटिल मिश्रण होता है। पृथ्वी के नीचे पाए जाने के कारण इसे खनिज तेल (mineral oil) भी कहते है।
साबुन की सफाई प्रक्रिया : साबुन का अणु दो भागों का बना होता है| साबुन के अणु का एक भाग तो लम्बी हाइड्रोकार्बन श्रृंखला होती है जो अनायनिक होती है तथा साबुन के अणु का दूसरा भाग छोटा कार्बोक्स्लिक ग्रुप COO- Na+ होता है जो आयनिक होता है। साबुन के अणु को चित्र द्वारा दर्शाया जाता है जिसमें टेढ़ी – मेढ़ी लम्बी रेखा तो हाइड्रोकार्बन श्रृंखला को निरूपित करती है जबकि काला गोपलीय भाग आंयनिक समूह COO- को निरूपित करता है|
साबुन के अणु का हाइड्रोकार्बन श्रृंखलावाला भाग जल को प्रतिकर्षित करने वाला होता है (या ज्लविरोधी होता है) परन्तु वह धूल तथा चिकनाई जैसे मैल के कार्बनिक कणों को अपने साथ जोड़ लेता है। इसलिए मैले कपड़ों की सतह पर उपस्थित धुल तथा चिकनाई के कण साबुन के अणु के हाइड्रोकार्बन वाले भाग से जुड़ जाते है। साबुन के अणु का आयनिक भाग COO- जलस्नेही होता है जो जल के अणुओं की ओर आकर्षित होता है और अपने हाइड्रोकार्बन भाग में चिपके धूल तथा चिकनाई के कणों को अपने साथ खीचकर जल है ले आता है। इस प्रकार मैले कपड़े की सतह पर लगें धुल तथा चिकनाई के सारे कण साबुन के अणुओं के साथ लगकर जल में आ जाते है तथा मैला कपडा साफ हो जाता है।
जब साबुन को जल में घोलते है तो वह मिसेल (micelles) बनाती है [चित्र-(a)] इस मिसेल में साबुन के अणु अरीय (radially) ढंग से व्यवस्थित होते है जिसमें हाइड्रोकार्बन श्रृंखला वाला भाग केन्द्र की ओर होता हैं तथा जल को आकर्षित करने वाला कार्बोक्सिलिक भाग बाहर की ओर रहता है जैसा कि [चित्र-(a)] में दिखाया गया है|
जब साबुन के पानी में धूल तथा चिकनाई लगा मैला कपड़ा डालते हैं तो मिसेलों के हाइड्रोकार्बन श्रृंखलाओं वाले सिरे मैले कपड़ेकी सतह पर उपस्थित धूल तथा चिकनाई के कणों के साथ जुड़ जाते हैं तथा उन्हें अपने बीच फंसा लेते हैं| इसके बाद मिसेलों के बाहर की ओर वाले आयनिकसिरे जल के अणुओं की ओर आकर्षित होते हैं जिससे हाइड्रोकार्बन वाले सिरों में फसे मैले के कण कपड़ेकी सतह से खींचकर जल में आ जाते हैं तथा कपडा साफ़ हो जाता है|
UP Board Class 10 Science Notes : valency of carbon, Part-I
UP Board Class 10 Science Notes : Organic compounds, Part-III