यहाँ हम आपको UP Board कक्षा 10 वीं विज्ञान अध्याय 15; कार्बन की संयोजकता के तीसरे पार्ट का स्टडी नोट्स उपलब्ध करा रहें हैं| यहाँ शोर्ट नोट्स उपलब्ध करने का एक मात्र उद्देश्य छात्रों को पूर्ण रूप से चैप्टर के सभी बिन्दुओं को आसान तरीके से समझाना है| इसलिए इस नोट्स में सभी टॉपिक को बड़े ही सरल तरीके से समझाया गया है और साथ ही साथ सभी टॉपिक के मुख्य बिन्दुओं पर समान रूप से प्रकाश डाला गया है|यहां दिए गए नोट्स यूपी बोर्ड की कक्षा 10 वीं विज्ञान बोर्ड की परीक्षा 2018 और आंतरिक परीक्षा में उपस्थित होने वाले छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। इस लेख में हम जिन टॉपिक को कवर कर रहे हैं वह यहाँ अंकित हैं:
1. ऐल्किल समूह
2. विवृत श्रृंखला वाले यौगिक
3. सजातीय श्रेणी
4. सजातीय श्रेणी की प्रमुख विशेषताएँ
5. समचक्रीय यौगिक
6. विषमचक्रीय यौगिक
7. क्रियात्मक समूह तथा ऐलकोहाली, एल्डीहाइडी, किटोनी, कार्बोक्स्लिक समूहों का संक्षिप्त वर्णन
ऐल्किल समूह - कार्बनिक यौगिक प्राय: दो भागों से मिलकर बना होता है। प्रत्येक भाग को समूह (group) अथवा मूलक (radical) कहते हैं। एक भाग ऐल्किल समूह तथा दूसरा भाग अभिक्रियात्मक समूह (functional group) कहलाता है, जैसे - यौगिक R - X में, R – ऐल्किल समूह तथा X अभिक्रियात्मक समूह होते है अत: किसी संतृप्त हाइड्रोकार्बन से एक हाइड्रोजन परमाणु कम करने से प्राप्त समूह के ऐल्किल समूह (alkyl group) कहते हैं। उदाहरणार्थ –
विवृत श्रृंखला वाले यौगिक - वे सभी यौगिक, जिनके अणुओं में कार्बन के सभी परमाणु एक खुली श्रृंखला में सीधे या शाखायुवत्त रूप में जुडे हुए होते है " विवृत श्रृंखला यौगिक हैं कहलाते हैं।
इनको ऐलिफैटिक यौगिक भी कहते हैं।
उदाहरण : मेथेन, मेथिल ब्रोमाइड, ब्यूटेन आदि।
विशेषताएँ - विवृत श्रृंखला वाले (ऐलिफैटिक) यौगिकों की प्रमुख विशेषताएँ निमालिखित हैं-
1 सामान्यत: ये धुएँदार ज्वाला से नहीं जलते हैं|
2 इनमें एकल तथा द्विबन्धों का क्रम निश्चित नहीं है।
3 ये अधिक क्रियाशील होते है।
4 इनमें प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ आसानी से नहीं होती हैं।
सजातीय श्रेणी :
जब कार्बनिक यौगिकों, जिनमें समान क्रियात्मक समूह होता है, को उनके बढ़ते अथवा घटते अणु भार के क्रम में रखा जाता है, तब एक श्रेणी बनती है जिसे सजातीय श्रेणी कहते हैं। इस श्रेणी के प्रत्येक यौगिक को एक - दूसरे का सजात (homologue) कहते हैं।
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उदाहरणार्थ-
सजातीय श्रेणी की प्रमुख विशेषताएँ – सजातीय श्रेणी की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(1) किसी एक सजातीय श्रेणी के दो क्रमागत सदस्यों के बीच सदैव का अन्तर रहता है।
(2) किसी एक सजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों का सामान्य सूत्र समान होता है।
(3) सजातीय श्रेणी के सभी यौगिकों को प्राप्त करने की कुछ समान्य विधियाँ होती हैं।
(4) अणु भार बढ़ने के साथ-साथ किसी भी सजातीय श्रेणी के सदस्यों के भौतिक गुणों में क्रमिक परिवर्तन होता है।
(5) किसी एक सजातीय श्रेणी के प्रत्येक सदस्य में एक निश्चित अभिक्रियात्मक समूह होता है, अत: सदस्यों के रासायनिक गुणों में समानता होती है।
(6) अणु भार बढ़ने के साथ - साथ सजाते की क्रियाशीलता कम होती है।
समचक्रीय यौगिक - समचक्रीय यौगिकों में संवृत श्रृंखला बनाने के लिए केवल कार्बन परमाणु ही काम में आते है अर्थात् इन यौगिकों में बन्द श्रृंखला के विचरण में कार्बन के अतिरिक्त कोई अन्य तत्व भाग नहीं ले सकता। ये दो प्रकार के होते हैं –
(i) ऐरोमैटिक यौगिक; जैसे - बेन्जीन तथा
(ii) ऐलिसाइक्लिक यौगिक; जैसे – साइक्लो हेक्सेन|
विषमचक्रीय यौगिक - वे चक्रीय यौगिक जिनकी संवृत श्रृंखला - में कार्बन के अतिरिक्त अन्य तत्व (जैसे-आँक्सीजन, सल्फर, नाइट्रोजन) के परमाणु भी भाग लेते है, विषमचक्रीय यौगिक कहलाते हैं। जैसे - पिरिडीन, थायोफीन तथा फ्यूरान आदि।
क्रियात्मक समूह तथा ऐलकोहाली, एल्डीहाइडी, किटोनी, कार्बोक्स्लिक समूहों का संक्षिप्त वर्णन : सामान्यत: प्रत्येक कार्बनिक यौगिक में दो भाग होते हैं। इनमें से प्रत्येक भाग को समूह अथवा 'मूलक (group or radical) कहा जाता हैं। इन दोनो मूलकों में से एक के कारण यौगिक के रासायनिक गुणधर्म होते हैं, जबकि दूसरा मूलक यौगिक के भौतिक गुणधर्मों को प्रभावित करता है। जिस मूलक के कारण यौगिक के रासायनिक गुणों की पहचान होती है उसे क्रियात्मक समूह कहते हैं।
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : कार्बन की संयोजकता, पार्ट-I
UP Board कक्षा 10 विज्ञान चेप्टर नोट्स : कार्बन की संयोजकता, पार्ट-II
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