प्र. समय प्रबंधन आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए क्यों जरूरी है?
उ. प्रख्यात प्रबंधन विचारण पीटर एफ ड्रक्कर ने एक बार कहा था, "जब तक हम समय का प्रबंधन न कर लें, तब तक किसी भी दूसरी चीज का प्रबंधन नहीं कर सकते." यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के मामले में जिसे दुनिया की सबसे बड़ी और कठिन प्रतियोगी परीक्षा भी कहा जाता है, यह और भी अधिक प्रासंगिक है.
बार– बार सोचना और किसी गतिविधि का लगातार निश्चित अवधि तक अभ्यास करना इसे हमारी आदत बना देता है और ये आदतें हमारे दृष्टिकोण और चरित्र का निर्धारण करती हैं. एक लोक सेवक जिसे माना जाता है कि वह हर वक्त काम के दवाब में होता है, को, समय प्रबंधन का महत्व समझना ही चाहिए. इसलिए चयन प्रक्रिया को जानबूझकर उम्मीदवारों के समय प्रबंधन कौशल के प्रति संवेदनशील बनाया गया है.
समय प्रबंधन उम्मीदवारों को दो तरीके से मदद करता है, पहला तैयारी के चरण के दौरान और दूसरा परीक्षा के दौरान.
सामान्य विज्ञान और वैकल्पिक पेपर के सिलेबस का बड़ा होना अब कोई रहस्य नहीं रह गया है, इन पेपर की तैयारी व्यापक और निश्चित समय अवधि में करनी होती है. उम्मीदवारों को किताबों के अलावा अखबारों, पत्रिकाओं, पीआईबी और दूसरी वेबसाइटों के जरिए तैयारी करनी होती है. इसके साथ ही अगर आप आईएएस परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली जैसे शहर में आए हैं तो वहां रहने– खाने के खर्च की अनदेखी नहीं कर सकते.
दूसरी तरफ, अब जीएस की मुख्य परीक्षा में आपको करीब 5000 शब्द लिखने होते हैं और आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के जीएस पेपर II में अधिक सटीकता के साथ 80 प्रश्नों का जवाब देना होता है. जब तक आप समय प्रबंधन को अपनी आदत में शामिल नहीं करते और यही कल्पना करते हैं कि, 'अरे हां, ये तो मैं परीक्षा के समय पर कर ही लूंगा', ऐसी सोच आपको कल्पना की दुनिया में रहने वाला व्यक्ति से ज्यादा कुछ नहीं बना पाएगी.
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