पहले यह धारणा थी कि इतिहास से स्नातक करने के बाद सिर्फ कुछ क्षेत्रों में ही करियर बनाया जा सकता है। लेकिन बदलते समय के साथ इतिहास की उपयोगिता बदल गई है। अब इतिहास के स्टूडेंट्स के पास आईएएस या पीसीएस बनने के साथ ही ढेरों विकल्प मौजूद हैं।
क्यों जरूरी है इतिहास पढना
इतिहास ही किसी देश की पहचान होता है। किसी देश की सभ्यता और संस्कृति जानने के लिए इतिहास पढना बेहद जरूरी है।
देश में होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान के बहुत सारे प्रश्न इतिहास से ही पूछे जाते हैं। इस तरह की परीक्षाओं में इतिहास के स्टूडेंट्स फायदे में रहते हैं। संघ लोक सेवा आयोग ही नहीं, बल्कि राज्य स्तरीय सिविल सर्विस के अलावा विभिन्न परीक्षाओं में जनरल नॉलेज के प्रश्न अवश्य रहते हैं। उसमें इतिहास के प्रश्न सर्वाधिक पूछे जाते हैं। यदि इतिहास के स्टूडेंट हैं, तो कम समय में इसमें बेहतर करने के चांस आपके लिए बढ जाते हैं।
हैरिटेज मैनेजमेंट
इतिहास से स्नातक करने के बाद हैरिटेज मैनेजमेंट का कोर्स भी कर सकते हैं, क्योंकि आज भारत में प्राचीन स्मारकों के संरक्षण, खुदाई और शोध के काम पर काफी जोर दिया जा रहा है। इस दिशा में पुरातत्व विभाग की सक्रियता इतिहास के छात्रों के लिए करियर के नए अवसर प्रदान कर रही है।
इन्फॉर्मेशन मैनेजर
टूरिज्म के क्षेत्र में इन्फॉर्मेशन मैनेजर का अहम योगदान होता है। आने वाले समय में टूरिज्म एक बहुत बडी इंड्रस्ट्री के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। इन दिनों पर्यटन उद्योग का विस्तार पूरे देश में हो रहा है। अगले साल कॉमनवेल्थ गेम्स होने वाले हैं, इससे देश में टूरिस्टों की संख्या में काफी बढोतरी होगी। इसके लिए इतिहास के छात्र काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। क्योंकि इतिहास विषय के अंतर्गत देश के विभिन्न एतिहासिक और प्राचीन स्मारकों के बारे में विस्तार से बताया जाता है। यदि इन्फॉर्मेशन मैनेजर को इतिहास की अच्छी जानकारी है, तो किसी भी देश में आने वाले टूरिस्ट को बेहतर ढंग से समझा सकते हैं। यही कारण है कि इतिहास के स्टूडेंट्स के लिए यह पसंदीदा क्षेत्र है।
शिक्षण में करियर
इस विषय से बीए करने के बाद बीएड करने के बाद शिक्षण के क्षेत्र में भी जा सकते हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद कॉलेज व विश्वविद्यालय में भी अध्यापन का कार्य कर सकते हैं। यदि अंग्रेजी मजबूत है, तो विदेश में भी अध्यापन का कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा यदि रिसर्च में रुचि है, तो रिसर्चर के रूप में भी करियर बनाया जा सकता है।
और भी हैं राहें
इतिहासकारों ने अपने-अपने स्कूल ऑफ थॉट बना कर देश-विदेश में काफी नाम कमाया है। इतिहास में रुचि है, तो आप इसमें भी किस्मत आजमा सकते हैं। स्वयंसेवी संगठनों में भी इतिहास के स्टूडेंट्स अपना करियर बना सकते हैं।
(महाराजा अग्रसेन कॉलेज के प्रोफेसर नीरज सिन्हा से बातचीत पर आधारित)
संध्या रानी
sandhyarani@nda.jagran.com
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