यदि आप पढने और पढाने के शौकीन हैं, तो टीचिंग प्रोफेशन बेहतर विकल्प हो सकता है। अच्छी सैलरी के साथ सामाजिक प्रतिष्ठा की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए यूजीसी साल में दो बार नेट के माध्यम से लेक्चरर बनने की राह आसान करता है।
यूजीसी द्वारा आयोजित परीक्षा
में पास करने के बाद मैरिट के आधार पर जूनियर रिसर्च फेलोशिप यानी जेआरएफ तथा लेक्चररशिप की योग्यता मिलती है।
डेट अलर्ट
नेट के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 6 नवंबर, 2009 है, जबकि परीक्षा की तिथि 27 नवंबर 2009 है। अभ्यर्थियों को खास ध्यान इस बात का रखना होता है कि आवेदन फॉर्म सीधे यूजीसी को नहीं भेजे जाते हैं, बल्कि परीक्षार्थी जिस शहर या स्थान से परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, उन्हीं क्षेत्र के यूजीसी द्वारा निर्धारित कुल 66 संस्थानों में फॉर्म जमा करना होता है। सीधे यूजीसी को भेजे जाने वाले आवेदन पत्र निरस्त कर दिए जाते हैं।
योग्यता
आयु सीमा: लेक्चररशिप के लिए किसी भी प्रकार की आयु सीमा नहीं रखी गई है, जबकि जेआरएफ के लिए सामान्य वर्ग की अभ्यर्थियों की अधिकतम आयु 1 दिसंबर, 2009 को 28 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण नीति के तहत आयु सीमा में छूट दी जाती है।
शैक्षिक योग्यता: सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 55 प्रतिशत अंकों के साथ मास्टर डिग्री अनिवार्य है, जबकि अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 50 प्रतिशत अंक जरूरी है।
विषय चयन
नेट परीक्षा में पीजी के विषय के साथ ही शामिल हुआ जा सकता है। यूजीसी ने आर्ट्स विषयों में मास्टर डिग्री के कुल 77 विषयों को चयनित किया है। विषयों की पूरी सूची की जानकारी भी www.ugc.ac.in पर लॉग इन करके लिया जा सकता है। इनमें चाइनीज, स्पेनिश सहित कुल 8 विदेशी भाषाओं को भी शामिल किया गया है।
परीक्षा स्कीम
नेट में दो पाली में कुल तीन पेपरों की परीक्षा आयोजित की जाती है। प्रथम पेपर सामान्य समझ पर आधारित क्वालिफाइंग नेचर का होता है। प्रथम पेपर में कुल 100 अंकों के 60 वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाते हैं। इनमें से सिर्फ 50 प्रश्नों का उत्तर देना होता है। इसमें टीचिंग एप्टीट्यूड तथा जनरल अवेयरनेस से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों के ही मैरिट लिस्ट निर्धारित करने वाले अन्य दो पेपर जांचे जाते हैं।
यूजीसी ने क्वालिफाइंग पेपर में 40 प्रतिशत अंक की प्राप्ति की अनिवार्यता तय की है। प्रथम पेपर के लिए कुल एक घंटा 15 मिनट का समय है। दूसरा पेपर भी वस्तुनिष्ठ प्रकार का होता है। इसमें विषय से संबंधित कुल 100 अंकों के 50 प्रश्न पूछे जाते हैं। नेट का तीसरा पेपर कुल 200 अंकों का दीर्घउत्तरीय प्रकार का होता है। इस पेपर में पीजी में चयनित विषय से प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके लिए अभ्यर्थियों को कुल 2 घंटे 30 मिनट का समय दिया जाता है।
परीक्षा रणनीति
क्वालिफाइंग पेपर के लिए पत्र- पत्रिकाओं का अध्ययन तथा समसामयिक मुद्दों व घटनाओं से संबंधित तथ्यों का संकलन क्वालिफाई की शर्त को आसान बना सकता है। मेधा सूची निर्धारित करने वाले पेपर-दो की तैयारी के लिए संपूर्ण सिलेबस का अध्ययन आवश्यक है। साथ ही, इसकी तैयारी के सिलेबस के अनुसार वन लाइनर तथ्यात्मक नोट्स बनाना सफलता के काफी करीब पहुंचा सकता है। पेपर तीन की तैयारी के लिए पिछले वर्ष में पूछे गए प्रश्नों को देखना आवश्यक है।
शॉर्ट नोट्स से संबंधित
प्रश्नों के महत्वपूर्ण टॉपिक को चिह्नित करना तथा शब्द सीमा व समय सीमा में लेखन की प्रैक्टिस आपको सफल बना सकता है। लॉन्ग प्रश्न के उत्तर के लिए कुछ संभावित क्षेत्रों को चिह्नित कर तैयारी करना काफी लाभदायक हो सकता है। इस परीक्षा से संबंधित विस्तृत जानकारी www.ugc.ac.in पर लॉग इन करके ली जा सकती है।
(आनंद इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर आनंद कुमार तथा सफल अभ्यर्थी से बातचीत पर आधारित)
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