भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक देशभर में फैली अपनी शाखाओं के लिए बैंकिग परीक्षा के माध्यम से नए उम्मीदवारी की नियुक्ति करते हैं। परिवीक्षाधीन अधिकारी (पीओ) पद बैंकों में एक ऐसा पद है जिसके लिए आईबीपीएस, भारतीय स्टेट बैंक और अन्य निजी बैंक हर साल उम्मीदवारों की भर्ती करते हैं। इच्छुक उम्मीदवार जो बैंकिंग इंडस्ट्री में शामिल होना चाहते हैं वो पीओ भर्ती की लिखित परीक्षा के लिए पूरे साल तैयारी करते हैं। हर साल उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भर्ती प्राधिकरणों ने भर्ती की लिखित परीक्षा को दो भागों में बांट दिया है: प्रारंभिक और मुख्य (प्री एंड मेंस)। परिणामस्वरूप नौकरी के लिए प्रतिस्पर्धा और अधिक कठिन हो गयी है। इन दो परीक्षाओं के बाद उम्मीदवार को व्यक्तिगत साक्षात्कार के दौर से गुजरना होता है। इसलिए पहले ही प्रयास में सफलता अर्जित करना बहुत आसान नहीं है। कई उम्मीदवारों को पीओ की जॉब में सफलता हासिल करने में 3 या 4 साल लग जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे टिप्स (सुझाव) हैं जिनका पालन करके उम्मीदवार वास्तव में लिखित परीक्षा में काफी अच्छे नंबर ला सकते हैं और व्यक्तिगत साक्षात्कार में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
बैंक पीओ परीक्षा में सफलता हासिल करने के कुछ टिप्स
अपनी कमजोरियों को जाने और उन पर कार्य करें: उम्मीदवारों को परीक्षा के कंटेंट को समझने के लिए विस्तृत रूप से परीक्षा पैटर्न की तैयारी करनी चाहिए। इससे उन्हें अपनी ताकत और कमजोरियों का पता करने में मदद मिलेगी और उन्हें शुरूआत में ही इस अंतराल को कम करने में सहायता मिलेगी। उम्मीदवार को अपनी कमजोर कड़ियों पर जोर देना चाहिए और उस पेपर के लिए अपनी तैयारियों को मजबूत करना चाहिए। इसके लिए वो किसी भी शिक्षा पोर्टल या किसी कोचिंग संस्थान जैसे स्रोतों से ऑनलाइन या ऑफलाइन सहायता अथवा मदद ले सकते हैं। यह आपकी कमजोरी को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है l
एक उचित अध्ययन समय सारणी बनाएं: जब आप पीओ परीक्षा में सफलता अर्जित करने के लिए तैयारी करते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अभी भी एक छात्र हैं या कहीं काम कर रहे हैं। प्रतिबद्धता को छोड़कर सफलता अर्जित करने का कोई भी शॉर्ट-कट नहीं होता है और इसके लिए आपको पहले दिन से ही तैयारी करनी होती है। उम्मीदवारों को परीक्षा आवेदन फार्म भरने के तत्काल बाद परीक्षा की तैयारी आरंभ कर देनी चाहिए। उम्मीदवारों को एक प्रॉपर टाइम-टेबल बनाना चाहिए, मेंस और प्री परीक्षा से संबंधित हर विषय को पर्याप्त समय देना चाहिए। उम्मीदवारों को अपने कमजोर क्षेत्रों पर अतिरिक्त समय देना चाहिए और अपनी खामियों को जल्द से जल्द ठीक करने का प्रयास करना चाहिए। नियमित अभ्यास की आदत विकसित करनी चाहिए ताकि वे संबंधित विषय के बारे में कुछ भी ना भूल सकें। उम्मीदवारों को रीवीजन का भी एक टाइम टेबल बनाना चाहिए। उम्मीदवारों को द्वि-साप्ताहिक या त्रि-साप्ताहिक तौर पर मॉक टेस्ट का अभ्यास करना चाहिए।
सबसे अच्छे श्रोतों से तैयारी करें: जब आप आरंभिक चरण में होते हैं तो आपके पास खोने के लिए समय नहीं होता है और इस प्रकार आपको तैयारी करते समय श्रोतों के बारे में सचेत रहने के साथ-साथ और ध्यान देना चाहिए। आपको अपने अध्ययन सामग्री के विकल्पों के बारे में सावधानी बरतनी चाहिए। यदि आप बैंकिग परीक्षाओं के लिए पहली बार तैयारी कर रहे हैं तो आप एक कोचिंग संस्थान भी ज्वॉइन कर सकते हैं। परीक्षा की तैयारी के लिए उपलब्ध स्रोतों के बारे में एक स्पष्ट विचार रखें। उम्मीदवारों को केवल पुस्तकों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि उन्हें इंटरनेट की दुनिया में उपलब्ध अपार स्त्रोतों की संभावओं को भी तलाशना चाहिए।
उचित परीक्षा मॉड्यूल तैयार करें: जब आप लिखित परीक्षा के दौर से गुजर रहे हों तो कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए। उम्मीदवारों को सटीकता के साथ सवालों को हल करने के लिए अपनी गति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। परीक्षा देते समय सबसे पहले आसान सेगमेंट (खंड) को हल करना चाहिए और सभी सेक्शन (वर्गों) से आसान सवालों को हल करने की कोशिश करनी चाहिए। उम्मीदवारों को सबसे पहले शुरूआत उन सेक्शन से करनी चाहिए जिसमें वे सबसे मजबूत और आत्मविश्वास से परिपूर्ण हैं। यदि आप लिखित परीक्षा देने के दौरान किसी सवाल पर अटक रहे हैं तो तुरंत उसे छोड़ कर आगे बढ़कर अगले सवाल की तरफ रूख करना चाहिए।
इंटरव्यू (साक्षात्कार) में आत्मविश्वास से परिपूर्ण और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं: लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद चयनित उम्मीदवारों को बैंक पीओ सेक्शन के अंत में व्यक्तिगत साक्षात्कार के दौर से गुजरना होता है, जो इस परीक्षा की अंतिम बाधा है। बोर्ड के साथ पसर्नल इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवार अक्सर बातचीत करते समय असहज महसूस करने के साथ-साथ आत्मविश्वास में कमी महसूस करते हैं। इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवार को इस बात को दिमाग में रखना चाहिए कि वे एक बेहद कठिन प्रतिस्पर्धा से निकल कर आए हैं और बाहर बहुत सारे उम्मीदवार भी इसी इंटरव्यू का इंतजार कर रहे हैं, इस तरह उम्मीदवार को विश्वास नहीं खोना चाहिए। सवालों को लेकर उम्मीदवारों को एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और अत्यंत ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ सवालों का जवाब देना चाहिए।
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