प्रतिभाशाली और महत्वकांक्षी लोगों के लिए उपयुक्त करियर. कॉर्पोरेट जगत में मिले अवसर और आगे बढ़ते जाने का नाम है व्यवसाय प्रबंधन.
कॉलेज के अनुसार एमबीए फीस 5 से 14 लाख तक हो सकती है. आईआईपीएम जैसे कई कॉलेज छात्रों को लैपटॉप देते हैं तथा उन्हें इंडस्ट्री ट्रिप पर विदेश भी ले जाते हैं. अतः कोर्स के आधार पर फीस का निर्धारण होता है.
वैसे तो एमबीए एक परास्नातक कोर्स है परन्तु इसकी तैयारी स्कूल के दिनों से ही शुरू कर देना श्रेयस्कर रहता है. इसके लिए रीडिंग, विश्लेषण, लॉजिकल रीजनिंग, डाटा इंटरप्रिटेशन, शब्दज्ञान, सामान्य-ज्ञान जैसी स्किल्स अपने आपमें विकसित करनी शुरू कर देनी चाहिए.
इसके अतिरिक्त एमबीए करने की चाहत रखने वालों को इसमें उपलब्ध विभिन्न स्पेशलाइज़ेशनो में से एक क्षेत्र विशेष चुनकर उसकी पढ़ाई शुरू कर देनी चाहिए.
एमबीए में आवेदन करने से पूर्व यह प्रश्न प्रत्येक छात्र को खुद से पूछना चाहिए कि क्या यह क्षेत्र आपके लिए उपयुक्त है. यदि आप किसी कंपनी में प्रबंधन के किसी पद के लिए जाना चाहते हैं तो आपको एमबीए की प्रवेश परीक्षा में बैठना चाहिए.
एमबीए आपको विपणन, बिक्री, मानव-संसाधन, बीमा एवं वित्त प्रबंधन जैसे विषयों, उनकी संकल्पना एवं रणनीतियों तथा उनके व्यापारिक अनुप्रयोगों को समझाता है. हो सकता है कि यह कोर्स आपको गहराई से तकनीकी अथवा विश्लेषण संकल्पना का ज्ञान न करा पाए परन्तु यह आपको व्यवसाय को चलाने के तरीके जैसे कॉस्टिंग, बजटिंग का सम्पूर्ण ज्ञान करा देगा.
उदाहरण के लिए, आईआईएम अहमदाबाद परास्नातक प्रोग्राम में निम्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान करता है:
इसी प्रकार दूसरे कॉलेज भी क्षेत्र विशेष में अध्ययन कराने के लिए कोर्स कॉन्टेंट डिजाइन करते हैं. यहाँ वास्तविक जीवन की परिस्थियों से निपटने के लिए प्रोजेक्ट्स पर फोकस किया जाता है.
दो से तीन वर्ष के एमबीए कोर्स की फंडिंग के कई रास्ते हैं. आप बैंकों से एजूकेशन लोन ले सकते हैं और यदि आप नौकरी पेशा हैं तो आपकी कम्पनी आपकी शिक्षा को प्रायोजित कर सकती है.
स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया, इलाहबाद बैंक, स्टेट बैंक ऑफ़ मैसूर, बैंक ऑफ़ बड़ोदा शिक्षा ऋण प्रदान करनेवाले कुछ बैंक हैं. इस लोन में शिक्षण शुल्क के अलावा समाहित होता है- पुस्तकालय शुल्क, अतिरिक्त पुस्तकों की खरीददारी, यात्रा खर्चे, आपके पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक कम्यूटर की खरीददारी. ब्याज दर प्रत्येक बैंक के अनुसार भिन्न हैं. भारत में पढ़ाई के लिए अधिकतम ऋण की सीमा 7.5 लाख रुपये है जबकि विदेश में पढ़ाई के लिए यह 15 लाख तक है.
कॉलेज की प्रतिष्ठा एवं प्राप्त अंकों के आधार पर एक फ्रेश मैनेजमेंट ग्रेजुएट को 1,20,000 वार्षिक से 20 लाख रूपये वार्षिक तक वेतन मिल सकता है. कई विदेशी कम्पनियां आईआईएम, एक्सएलआरआई, एफएमएस, आईआईपीएम पास-आउट्स को 40 लाख वार्षिक तक की नौकरी भी देती हैं.
परन्तु वेतनमान के क्रम में धीरे-धीरे आगे बढ़ाना ही बेहतर रहता है चूंकि ज़्यादा वेतनमान पाने पर कंपनी को आपसे ज़्यादा अपेक्षाएं रहती हैं जिनको पूरा न कर पाने पर निराशा ही हाथ लगती है.
किसी भी शैक्षणिक पाठ्यक्रम की मांग बाज़ार में उसकी मांग एवं आपूर्ति के आंकड़ों पर निर्भर करती है. वर्ष 2001 में आर्थिक मंदी की वजह से एमबीए प्रोफेशनल्स की मांग अपने निम्नतम स्तर पर थी जिसकी वजह से आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों को भी नौकरी के लिए काफी इंतज़ार करना पढ़ा था.
दूसरी ओर, जब अर्थव्यवस्था कुलांचे भर रही होती है तब एमबीए कराने वाले संस्थानों को अपनी सीटें तक बढानी पड़ जाती हैं.
हालांकि लगभग सभी प्रकार के उद्योगों एवं कंपनियों को ऐसे मैनजर तथा सुपरवाइज़रों की सदैव आवश्यकता रहती है जो कि कार्य की योजना, उसका क्रियान्वयन एवं उसका निष्पादन करा सकें.
जॉब मार्केट पर हमेशा नज़र रखनी चाहिए. इनफ़ोसिस तथा एचसीएल जैसी टॉप आईटी कम्पनियाँ 10,000+ पेशेवरों की नियुक्ति मानव संसाधन, सॉफ्टवेयर व टेक्नीकल सपोर्ट जैसे क्षेत्रों में करती हैं. विभिन्न जॉब साइट्स पर जाकर आप अपने आपको जॉब मार्केट में हो रहे बदलावों से अवगत करा सकते हैं.
कैट अथवा जीमैट पास करके एमबीए करने वाले छात्रों को विदेशों में आसानी से 10 लाख रूपये वार्षिक से ऊपर की नौकरी मिल जाती है. उनके जीमैट स्कोर के आधार पर उन्हें आगे की शिक्षा के लिए विदेशी विश्विद्यालयों में भी प्रवेश मिल जाता है.
बहुराष्ट्रीय कम्पनियां आईआईएम, एक्सएलआरआई, आईआईपीएम और एफएमएस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों को लेना पसंद करती हैं चूंकि यहाँ की पढ़ाई विश्व-स्तर की मानी जाती है. फिर भी टॉप-30 कॉलेजों से एमबीए करना सुरक्षित रहेगा जो कि आपके पैसे व समय दोनों के निवेश को सार्थक बनाएगा.
आपके एमबीए संस्थान की प्रतिष्ठा के आधार पर आप विभिन्न कंपनियों में नियोजित हो सकते हैं.
यदि आप आईआईएम व एक्सएलआरआई जैसे प्रथम-स्तर के संस्थानों से हैं तो आपको रिलाइंस, इनफ़ोसिस व सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में जॉब मिल सकती है. इसके अलावा बहुराष्ट्रीय बैंक जैसे बार्कलेज़, रॉयल बैंक ऑफ़ स्कॉटलैंड, अमेरिकन एक्सप्रेस, स्टैण्डर्ड चार्टर्ड तथा अन्य वित्तीय संस्थान भी भारत से सैकड़ों एमबीए ग्रेजुएट को नौकरी देते हैं.
एमबीए डिग्रीधारी के लिए भारत तथा विदेशों में अच्छे अवसर हैं. यदि आपके पास आईआईएम व एक्सएलआरआई जैसे प्रथम श्रेणी के संस्थानों की डिग्री है तो अवसरों की कमी नहीं है. इनके अलावा आईआईपीएम, आईएमटी (गाज़ियाबाद) व एमडीआई (गुड़गांव) जैसे कुछ प्रतिष्ठित निजी संस्थान हैं जो अपने छात्रों को बेहतर वेतनमान वाली नौकरी दिलाते हैं.
प्रबंधन छात्रों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में जॉब के अवसर हैं. यदि आपने बिक्री एवं विपणन में एमबीए किया है तो आपको आसानी से किसी बैंक में सेल्स अफसर, मैनेजर अथवा बीमा अधिकारी की जॉब मिल सकती है. इसी प्रकार, यदि आपने मानव संसाधन में एमबीए किया है तो आपको किसी रिक्रूटमेंट फर्म में जॉब मिल सकती है. कई आईटी कम्पनियाँ एमबीए पास-आउट्स को ट्रेनी के रूप में रखती हैं तथा एक निश्चित समय के पश्चात उन्हें नौकरी पर रख लेती हैं.
सकारात्मक
नकारात्मक
सिम्बोय्सिस एवं आईआईएम जैसे संस्थानों में इसे पोस्ट-ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट के नाम से जाना जाता है. सिम्बोय्सिस, पुणे तो इस कोर्स को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से भी कराता है जिसमें कोर्स कॉन्टेंट लगभग समान ही रहता है.
दूसरी तरफ, एग्जीक्यूटिव एमबीए जो कि केवल अनुभवी पेशेवरों के लिए ही होता है, विभिन्न संस्थानों में तीन से छः वर्षों का होता है. यहाँ कोर्स कॉन्टेंट हालांकि चयनात्मक होता है परन्तु यह भी उतना ही लाभकारी है.
उदाहरण के तौर पर आईआईएम कोलकाता एग्जीक्यूटिव वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए एमबीए कोर्स संचालित करता है जो कि पेशेवरों के लिए रेगुलर एमबीए की तरह ही फायदेमंद होता है.
एमबीए का छात्र होने के नाते आपको सभी व्यावसायिक सिद्धांतों, उनके विश्लेषणों एवं प्रबंधन का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए. इसके लिए आप निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए:
उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए आप अपने एमबीए परीक्षा तैयारी की तैयारीtaiyari कर सकते हैं.
एमबीए आज एक सर्वमान्य प्रचलित डिग्री है जो आपको व्यवसाय चलाना ही नहीं बल्कि उचित अनुसंधान के द्वारा उसका प्रभावी रूप से प्रबंधन करना भी सिखाती है. सरल शब्दों में, एमबीए डिग्रीधारी छात्र व्यावसायिक सिद्धांतों का ज्ञाता होता है. वह व्यावसायिक लाभ पर नज़र रखकर तथा बिजनेस टूल्स एवं कार्यपद्धतियों का अनुसरण करते हुए व्यावसायिक कार्ययोजना बनाता है.
विभिन्न कॉलेजों के विभिन्न पाठ्यक्रम के अनुसार यह कोर्स दो से तीन वर्ष का होता है तथा छह-छह महीनों के सेमिस्टरों में विभाजित रहता है. वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम होता है जिसकी अवधि यूनिवर्सिटी और कॉलेज के अनुसार एक से दो वर्ष की होती है.
एमबीए करने के पश्चात आपके पास दो विकल्प होते हैं. एक, आप अपना खुद का टेक्सटाइल, एक्सपोर्ट, रिक्रूटमेंट, विनिर्माण या अन्य कोई ऐसा व्यवसाय शुरू कर सकते हैं जिसमें कोई उत्पाद अथवा सेवा को बेचकर लाभ कमाना होता है.
दूसरा विकल्प है किसी ऐसी फर्म में जॉब तलाशना जिसे कॉस्टिंग व बजटिंग, कार्य को सही तरह बांटने व निष्पादित करने, इमोशनल इंटेलिजेंस व टीम मैनेजमेंट स्किल्स रखने वाले मैनेजरों की तलाश हो. कम्पनियों को आज दूसरों से काम करवाने वाले मैनेजरों की तलाश होती है. अतः एक मैनेजर को समझदार होना ज़रूरी है तथा उसमें कॉस्ट और समय-सीमा का ध्यान रखते हुए टीम-बिल्डिंग तथा लोगों से काम निकलवाने की क्षमता होनी चाहिए.
एमबीए की डिग्री स्नातक के बाद ली जा सकती है . एमबीए बहुप्रचलित प्रोफेशनल पीजी प्रोग्रामों में से एक है तथा इसे कर आप बिजनेस व इंडस्ट्री एक्सपोज़र के साथ-साथ बहुत अच्छे वेतनमान पर किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में जॉब कर सकते हैं.
इसके लिए आपको पहले से ही कॉलेजों की लिस्ट बना लेनी चाहिए तथा स्नातक के अंतिम वर्ष में एमबीए कराने वाले कॉलेजों में आवेदन करना शुरू कर देना चाहिए. आपको ज़ल्द से ज़ल्द प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर देनी चाहिए. आवेदन करने के लिए आपको विभिन्न संस्थानों के आवेदन-पत्र खरीदने होंगे जिनकी कीमत 1,000 से 2,000 के बीच हो सकती है.
कुछ छात्र तो कॉलेज के दूसरे वर्ष से ही प्रवेश परीक्षा की तैयारी शुरू कर देते हैं जोकि उनको परीक्षा में बेहतर स्कोर करने में मदगार साबित होता है. विदेश में पढ़ने की चाहत रखने वाले छात्र जीआरई व जीमैट की तैयारी शुरू कर सकते हैं. भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित व प्रतिष्ठित प्रवेश-परीक्षा है- कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट). भारतीय प्रबंध संस्थान व अन्य कई प्रतिष्ठित संस्थान कैट स्कोर को उनके संस्थानों में प्रवेश का आधार बनाते हैं.