केंद्र सरकार द्वारा बजट 2017-18 में 3 लाख से अधिक नगद लेन-देन पर प्रतिबन्ध लगाए जाने के बाद एक अन्य निर्णय जारी किया गया है. सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार तीन लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया जायेगा.
1 अप्रैल 2017 के बाद से तीन लाख रुपये से अधिक नगद स्वीकार करने वालों को उतनी ही रकम जुर्माना राशि के रूप में देनी पड़ेगी. राजस्व सचिव हसमुख अधिया के अनुसार जो व्यक्ति जितनी राशि नकद में स्वीकार करेगा उसे उसके बराबर ही जुर्माना देना होगा. उदाहरण स्वरुप यदि कोई व्यक्ति चार लाख रुपये नगद स्वीकार करता है तो उसे चार लाख रुपये का ही जुर्माना देना होगा.
इसी प्रकार यदि राशि अधिक है तो उस व्यक्ति को उतना ही अधिक जुर्माना देना होगा. यह जुर्माना उस व्यक्ति पर लगेगा जो नकद स्वीकार करेगा.
राजस्व सचिव स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी दुकान से नगद में महंगी घड़ी खरीदता हैं तो दुकानदार को यह जुर्माना देना होगा.
इस प्रावधान का उद्देश्य लोगों को डिजिटल प्रक्रिया से जोड़ना, बड़ी राशि के नगद लेनदेन से रोकना तथा देश में काले धन पर अंकुश लगाना है.
इसके अतिरिक्त नोटबंदी के बाद बैंकों में बिना हिसाब की रकम जमा करने वालों का पता लगाने के लिए आयकर विभाग ने ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’अभियान भी आरंभ किया है.
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