क्षय रोग अथवा टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) से पीड़ित लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार नंबर देना अनिवार्य कर दिया गया. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 21 जून 2017 को जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि टीबी का इलाज करा रहे मरीजों को सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आधार नंबर दर्ज कराना होगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं हैं उन्हें 31 अगस्त तक पंजीकरण कराना आवश्यक है. अधिसूचना में कहा गया कि योजना के तहत लाभ पाने के योग्य व्यक्ति को आधार नंबर देना होगा या आधार नंबर बनवाना होगा.
मुख्य बिंदु
• टीबी का इलाज करा रहे लोगों को स्वास्थ्य मंत्रालय आधार पंजीकरण की सुविधा मुहैया कराएगा. यह सुविधा उन मरीजों के लिए होगी जिनके पास आधार नंबर नहीं है.
• यदि उस प्रखंड, तालुका अथवा तहसील में आधार पंजीकरण केंद्र नहीं है तो राज्य सरकार यूआईडीएआई द्वारा उस स्थान पर आधार पंजीकरण सुविधा मुहैया कराएगी.
• असम, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आधिकारिक गजट के प्रकाशन की तिथि से यह अधिसूचना प्रभावी हो जाएगी.
• सरकारी सुविधा का लाभ उठाने के लिए रोगी के पास आधार पंजीकरण करवाने के बाद से ही विकल्प मौजूद होंगे.
• जब तक किसी रोगी आधार नंबर नहीं मिलता तब तक वह आधार पंजीकरण संख्या, दूसरे सरकारी दस्तावेज जैसे मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, राशन कार्ड के द्वारा भी लाभ उठा सकता है.
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