ADB ने दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए 1 बिलियन डॉलर की मंजूरी दी

Aug 20, 2020, 10:16 IST

यह परियोजना क्षेत्रीय परिवहन में अभूतपूर्व परिवर्तन लाएगी. उन्होंने कहा कि एनसीआर में लगभग 37 प्रतिशत आबादी रहती है.

ADB approves USD 1 billion package for rapid transit system in India in Hindi
ADB approves USD 1 billion package for rapid transit system in India in Hindi

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 18 अगस्त 2020 को दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के निमार्ण के लिए एक बिलियन डॉलर यानी लगभग 7500 करोड़ रुपए का कर्ज देने की मंजूरी दे दी है. दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट की रफ्तार अब बढ़ने वाली है. इससे रैपिड रेल परियोजना का काम तेजी के साथ पूरा होगा.

एडीबी ने एक बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि इस कर्ज को मंजूरी प्रदान कर दी गई है. हालांकि यह राशि टुकड़ों में जरूरत के अनुसार ही ली जाएगी, लेकिन एडीबी बोर्ड की मंजूरी के बाद अब इस प्रोजेक्ट के लिए रकम अड़चन नहीं बनेगी.

एडीबी ने 7500 करोड़ रुपये

कोरोना काल में इस अति महत्वपूर्ण परियोजना पर तेजी से काम जारी है. इसी बीच  दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर का काम तेज करने के लिए एडीबी ने 7500 करोड़ रुपये (एक बिलियन डॉलर) के वित्त-पोषण को मंजूरी दे दी है. इस कॉरिडोर को एनसीआर परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा तैयार किया जा रहा है.

वायु प्रदूषण को कम करने में काफी मदद

यह परियोजना क्षेत्रीय परिवहन में अभूतपूर्व परिवर्तन लाएगी. उन्होंने कहा कि एनसीआर में लगभग 37 प्रतिशत आबादी रहती है. इस परियोजना के बाद दिल्ली में भीड़-भाड़ कम करने और स्थायी आधार पर वायु प्रदूषण को कम करने में काफी मदद मिलेगी. आरआरटीएस परियोजना के लिए एडीबी से वित्त-पोषण को अगस्त 2020 और मई 2025 के बीच कई चरणों में प्राप्त किया जाएगा.

पूरी लागत 3.94 अरब डॉलर

इस परियोजना की पूरी लागत 3.94 अरब डॉलर है. इसमें से भारत सरकार 1.89 अरब डॉलर की राशि देगी. इसके अलावा एडीबी के गरीबी उन्मूलन जापान फंड 30 लाख डॉलर का अनुदान देगा. यह राशि दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए होंगी.

दरअसल, 82 किलोमीटर का यह रैपिड ट्रांजिट रेल नेटवर्क NCR क्षेत्रीय योजना 2021 के तहत तीन प्राथमिक रेल गलियारे में से एक है. इस परियोजना के तहत रेलवे ट्रैक, स्टेशन, रख-रखाव और बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की जानी है.

परियोजना का मुख्य उद्देश्य

एडीबी ने कहा कि ट्रांजिट सिस्टम परियोजना का मुख्य उद्देश्य शहर में भीड़भाड़ को कम करने में मदद करना है. साथ ही NCR की घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होकर दिल्ली से मेरठ तक के आवागमन को सुचारू करके क्षेत्रीय यातायात संपर्क में सुधार लाना है. यह परियोजना दिल्ली और एनसीआर शहरों के बीच सुरक्षित, विश्वसनीय और निर्बाध यात्रा भी प्रदान करेगी और पूरे एनसीआर में रफ्तार का मार्ग प्रशस्त करेगी.

82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के तहत बनने वाला यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां, गाजियाबाद, मेरेठ को जोड़ेगा. इसमें कुल 24 स्टेशन होंगे, जिनमें 21 उत्तर प्रदेश में होंगे और बाकी बचे दिल्ली में होंगे. प्रत्येक स्टेशन के बीच 10 किलोमीटर का फासला होगा.

परिचालन साल 2023 में शुरू होगा

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के साहिबाबाद और दुहाई के बीच के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड पर परिचालन 2023 में शुरू होगा. वहीं, पूरा 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर जनता के लिए साल 2025 तक खोला जाएगा.

समय की होगी बचत

मार्च 2023 से दिल्ली से मेरठ और मेरठ से दिल्ली की दूरी 165 रुपये देकर 60 मिनट में पूरी की जा सकेगी. इस दौरान स्टेशनों पर भी तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगीं. एशियाई विकास बैंक की स्थापना साल 1966 में हुई थी. इसका मुख्यालय फिलीपींस के मनीला में स्थित है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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