एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष 2017-18 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है. नोटबंदी का असर अभी भी जारी रहने, जीएसटी की दिक्कतों और कृषि पर मौसम संबंधी जोखिम को देखते हुए विकास दर कम की गई है.
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एडीबी ने अगले वित्त वर्ष 2018-19 का भी विकास दर अनुमान घटाकर 7.3 प्रतिशत तय किया है. पहले उसने 7.4 फीसद विकास दर की उम्मीद जताई थी. एडीबी ने यह कदम देश की विकास दर दूसरी तिमाही में बढ़कर 6.3 प्रतिशत होने के बावजूद उठाया है.
एशियाई विकास बैंक ने एशियन डवलपमेंट आउटलुक सप्लिमेंट में कहा है कि अगले 31 मार्च 2018 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष की बाकी दो तिमाहियों में रफ्तार सुधरेगी क्योंकि सरकार जीएसटी का अनुपालन आसान करने के लिए कदम उठा रही है.
सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए कदम उठाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल सुधरने से विकास को रफ्तार मिलेगी. उल्लेखनीय है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर सितंबर 2017 में समाप्त हुई दूसरी तिमाही में सुधरकर 6.3 प्रतिशत हो गई थी. पहली तिमाही में वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत थी.
एडीबी ने वित्त वर्ष 2017-18 की शेष बची दो तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर में सुधार होने का अनुमान जताया है. एडीबी ने वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और निजी क्षेत्र में सुस्त निवेश को इसके लिए ज़िम्मेदार बताया है.
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