एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने अपने ताज़ा आउटलुक में कहा है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर 7.5 प्रतिशत रहेगी. भारत विश्व के प्रमुख देशों में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. एडीबी ने अनुमान जताया है कि मजबूत निवेश के बल पर वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रह सकती है. हालांकि, चीन जनवरी-दिसंबर, 2022 के बीच पांच फीसदी की वृद्धि दर्ज कर सकता है.
एडीबी के परिदृश्य-2022 में कहा गया है कि भारत की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर आठ फीसदी तक पहुंच सकती है, जबकि 2023 में चीन की वृद्धि दर घटकर 4.8 फीसदी रह सकती है. हालांकि, एडीबी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते जिंस कीमतों में बढ़ोतरी के कारण मुद्रास्फीति को एक प्रमुख मुद्दे के रूप में चिह्नित किया. एडीबी के 2022 के आउटलुक में कहा गया है कि आने वाले वर्षों में आधारभूत संरचना (infrastructure) में सार्वजनिक निवेश बढ़ने तथा निजी निवेश में रफ्तार की वजह से ग्रोथ में तेज़ी आएगी.
एशियाई देशों की विकास दर 2022 में 7 प्रतिशत
एडीबी के अनुसार दक्षिण एशियाई देशों की विकास दर 2022 में 7 प्रतिशत रहेगी. साल 2023 में इसके 7.4 प्रतिशत तक पहुँचने की उम्मीद है. एडीबी के अनुसार एशियाई देशों में घरेलू मांग में सुधार हुआ है तथा निर्यात लगातार बढ़ रहा है. इसमें अनुमान जताया गया है कि 2022 में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चार प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 4.5 फीसदी रह सकता है.
घरेलू मांग में मजबूत सुधार
एडीबी ने कहा कि विकासशील एशिया की अर्थव्यवस्थाओं में घरेलू मांग में मजबूत सुधार तथा निर्यात में निरंतर विस्तार के कारण इस साल 5.2 फीसदी और 2023 में 5.3 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान है.
मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने क्या कहा?
एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने कहा कि विकासशील एशिया में अर्थव्यवस्थाएं अपने पैर जमाने लगी हैं और वे धीरे-धीरे कोविड -19 महामारी के सबसे बुरे दौर से उबर रही हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि भू-राजनीतिक अनिश्चितता एवं कोविड-19 के नए स्वरूप के प्रकोप से वृद्धि की गाड़ी पटरी से उतर सकती है. इसलिए इस क्षेत्र की सरकारों को सतर्क रहने तथा इन जोखिमों का मुकाबला करने हेतु तैयार रहने की जरूरत होगी.
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