भारत हर साल 21 मई को राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस (National Anti-Terrorism Day) मनाता है. यह दिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है. इस बार यह दिवस कोरोना वायरस महामारी के बीच मनाया जा रहा है.
प्रत्येक साल 21 मई को मनाए जाने वाले आतंकवाद विरोधी दिवस पर युवाओं सहित समाज के अन्य वर्गों को आतंकवाद विरोधी शपथ दिलाई जाती है. आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों, आतंकवाद के कारण आम जनता को हो रहीं परेशानियों, आतंकी हिंसा से दूर रखना है.
उद्देश्य
आतंकवाद विरोधी दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के पथ से दूर रखना, शांति और मानवता का संदेश फैलाना, लोगों को जागरूक करना, एकता को बढ़ावा देना, युवाओं में देशभक्ति जगाना और आम लोगों की पीड़ा को उजागर करना है.
आतंकवाद विरोधी दिवस क्यों मनाया जाता है?
तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या के बाद ही 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया था.
कैसे हत्या हुई?
राजीव गांधी जिस समय रैली को संबोधित कर रहे थे उसी दौरान एक महिला अपने शरीर पर विस्फोटक लगाकर आई. वह राजीव गांधी के पैर छूने के लिए जैसे ही झुकी, तेज धमाका हुआ और इसमें राजीव गांधी समेत लगभग 25 लोगों की मौत हो गई. रिपोर्ट के अनुसार, मानव बम बनकर आई इस महिला का संबंध आतंकवादी संगठन एलटीटीई से था.
यह दिवस किस तरह मनाया जाता है?
आतंकवाद विरोधी दिवस के दिन ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु हुई थी इसलिए इस रोज कई जगहों पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. आतंकवाद और उसके दुष्प्रभावों को उजागर करने के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इस दिन रैलियां निकालकर भी लोगों को जागरूक किया जाता है.
राजीव गांधी के बारे में
राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ था. इनकी माता का नाम इंदिरा गांधी और पिता का नाम फिरोज गांधी था. राजीव गांधी के परिवार में पत्नी सोनिया गांधी और 2 संतानें राहुल व प्रियंका गांधी हैं.
वे साल 1981 में उत्तरप्रदेश की अमेठी सीठ से सांसद बने. वे 1985 से 1991 तक कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को हत्या के बाद राजीव गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया.
जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो राजीव गांधी को उसी दिन प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. वे 31 अक्टूबर 1984 से 1 दिसंबर 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे. उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation