लक्ष्मी निवास मित्तल एक फिर दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलरमित्तल के प्रमुख बन गए. वर्तमान में भी वह स्टील कंपनी आर्सेलरमित्तल के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी हैं.
आर्सेलरमित्तल के शेयरधारकों ने कंपनी के संस्थापक लक्ष्मी निवास मित्तल और दो अन्य लोगों को अगले तीन वर्ष के लिए कंपनी के निदेशक मंडल में पुन: नियुक्त किया है.
कंपनी का सालाना राजस्व 56.8 अरब डॉलर और क्रूड स्टील उत्पादन 908 लाख टन है. कंपनी का कारोबार दुनिया के तमाम देशों में फैला है.
कंपनी का मुख्यालय लक्जमबर्ग में स्थित है. मुख्यालय लक्जमबर्ग में हुई वार्षिक व असाधारण आम बैठक के बाद दिए गए बयान के अनुसार मित्तल के अलावा ब्रूनो लेफोंट और एम. वुर्थ को स्वतंत्र निदेशक के तौर पर नियुक्त करने के प्रस्ताव पर शेयरधारकों ने सहर्ष स्वीकृति दी है.
कंपनी आर्सेलरमित्तल के अनुसार सीईओ के रूप में उनकी भूमिका उसके लिए बहुमूल्य है. कंपनी के निदेशक मंडल में कार्यकारी निदेशक के तौर पर सिर्फ मित्तल होंगे जो चेयरमैन व सीईओ भी होंगे.
आर्सेलरमित्तल के चार निदेशक लक्ष्मी निवास मित्तल, लेविस केडेन, ब्रूनो लेफोंट और माइकेल वुर्थ का कार्यकाल इसी वर्ष पूरा होने वाला था. कंपनी के अनुसार शेयरधारकों ने लेफोंट और वुर्थ को भी अगले तीन वर्ष हेतु नियुक्त करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है.
लक्ष्मी निवास मित्तल के बारे में-
- लक्ष्मी निवास मित्तल लंदन मे बसे भारतीय मूल के उद्योगपति है.
- वह यूके में रहते हैं, उन्होंने भारत की नागरिकता नहीं छोड़ी है.
- उनका जन्म राजस्थान के चूरु जिले के शादूलपुर नामक स्थान मे हुआ.
- वह दुनिया के सबसे धनी भारतीय, ब्रिटेन के सबसे धनी एशियाई है.
- मित्तल एल एन एम नामक उद्योग समूह के मालिक हैं. इस समूह का सबसे बड़ा व्यवसाय इस्पात क्षेत्र में है. सन 2007 में उन्हें यूरोप का सबसे अमीर हिन्दू और एशियन माना गया.
- सन 2002 में ब्रिटेन के आठवें नंबर का सबसे अमीर व्यक्ति होने के बावजूद वे ब्रिटिश नागरिक नहीं हैं.
- सन 2011 में फोर्ब्स ने उन्हें विश्व का छठा सबसे अमीर व्यक्ति माना.
- वह ‘विश्व स्टील संगठन’ के कार्यकारी समिति, भारतीय प्रधानमंत्री के ‘वैश्विक सलाहकार समिति’, कज़ाकिस्तान में ‘फॉरेन इन्वेस्टमेंट कौंसिल’, ‘वर्ल्ड इकनोमिक फोरम’ के अन्तराष्ट्रीय व्यापार समिति, और मोजांबिक के राष्ट्रपति के अन्तराष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं.
- वह अमेरिका स्थित केल्लोग्स स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट के सलाहकार बोर्ड और ‘क्लीवलैंड क्लिनिक’ के ‘बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज’ के सदस्य भी हैं.
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