Arth Ganga Project: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक अशोक कुमार ने स्टॉकहोम विश्व जल सप्ताह 2022 में अपने आभासी मुख्य भाषण के दौरान अर्थ गंगा मॉडल को प्रस्तुत किया है. वर्ष 1991 से, स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय जल संस्थान वैश्विक जल चिंताओं को दूर करने के लिए प्रतिवर्ष विश्व जल सप्ताह का आयोजन कर रहा है.
अर्थ गंगा मॉडल की अवधारणा क्या है?
पीएम मोदी ने पहली बार 2019 में कानपुर में पहली राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक के दौरान इस अवधारणा को पेश किया था ,जहां उन्होंने गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए केंद्र सरकार की प्रमुख परियोजना नमामि गंगे से अर्थ गंगा के मॉडल में बदलाव का आग्रह किया था. यह अवधारणा पूर्व में गंगा नदी से सम्बंधित आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करके, गंगा और उसके आसपास के क्षेत्रों के सतत विकास पर केंद्रित है.
देश के लोगों को अर्थशास्त्र की मदद से नदियों से जोड़ना अर्थ गंगा मॉडल का मुख्य उद्देश है.अपने भाषण के दौरान, अशोक कुमार ने कहा कि यह "गंगा बेसिन की मदद से ही सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 3% योगदान करने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि अर्थ गंगा परियोजना, संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धताओं को दोहराता है.
Arth-Ganga project will boost economic development and inclusive growth for farmers, small traders and villagers: Union Minister @mansukhmandviya
— PIB India (@PIB_India) February 13, 2020
Details here: https://t.co/jQ580T1MtL pic.twitter.com/HPsoE3hrfW
अर्थ गंगा परियोजना की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
अर्थ गंगा के तहत, सरकार छह कार्यक्षेत्रों पर कार्य कर रही है, जो निम्नवत है:
1. जीरो बजट प्राकृतिक खेती (Zero Budget Natural Farming): जीरो बजट प्राकृतिक खेती के तहत नदी के दोनों ओर 10 किमी पर रासायनिक मुक्त खेती और गोवर्धन योजना के माध्यम से खाद के रूप में गोबर की खाद को बढ़ावा देना शामिल है.
2. कीचड़ और अपशिष्ट जल का पुन: मुद्रीकरण (Monetization of Sludge and Waste Water): इसके तहत सरकार कीचड़ और अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग करना लक्षित किया है, जिसे सिंचाई और उद्योगों के लिए उपचारित किया गया है. राजस्व सृजन के लिए नदी से उपचारित जल की आपूर्ति शहरी स्थानीय निकायों को भी की जाएगी.
3. आजीविका सृजन के अवसर (Livelihood Generation Opportunities): अर्थ गंगा के तहत हाट बनाकर आजीविका सृजन के अवसर भी सृजित किये जायेंगे जहां लोग स्थानीय उत्पाद, औषधीय पौधे और आयुर्वेद बेच सके.
4. सार्वजनिक भागीदारी के बढ़ाना (Increase Public Participation): इसके तहत अर्थ गंगा योजना की मदद से लोगों की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाना है, जिससे इस योजना को सफल बनाया जा सके.
5. सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को बढ़ावा (Promote Cultural Heritage and Tourism): इसकी मदद से गंगा बेसिन क्षेत्रों में फैली सांस्कृतिक धरोहर और इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटन स्थोलो को बढ़ावा देना है जिससे रोजगार के साथ-साथ आर्थिक भागीदारी को भी बढ़ाया जा सके.
6. जल प्रबंधन को बढ़ावा (Improved Water Governance): अर्थ गंगा मॉडल की मदद से, बेहतर जल प्रबंधन के लिए स्थानीय प्रशासन को सशक्त बनाकर संस्थागत भवन निर्माण को बढ़ावा देना शामिल है.
विश्व जल सप्ताह के बारे में:
विश्व जल सप्ताह वैश्विक जल मुद्दों पर एक वार्षिक सम्मेलन है जो प्रतिवर्ष अगस्त के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया जाता है. इसे वर्ष 1991 में शुरू किया गया था जो शुरू में स्वीडिश राजधानी स्टॉकहोम में एक सार्वजनिक जल उत्सव का हिस्सा था. स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय जल संस्थान (SIWI) विश्व जल सप्ताह का आयोजन करता है. विश्व जल सप्ताह 2022 का विषय "Seeing the Unseen: The Value of Water" है.
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