बिहार सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए शैक्षिक संस्थानों तथा सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की.
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के विशेष सचिव उपेंद्र नाथ पांडे ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली बैठक में कैबिनेट ने इसकी मंजूरी प्रदान की.
उन्होंने कहा कि प्रावधान दिव्यांग व्यक्ति अधिनियम, 2016 के अनुसार लाया गया है. सचिव उपेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि इस वर्ग के सशक्तिकरण के लिए एक राज्य सलाहकार बोर्ड की स्थापना के लिए मंजूरी प्रदान की गयी है.
मुख्य बिंदु
• विभिन्न विभागों के सचिव बोर्ड के सदस्यों के रूप में कार्य करेंगे, उन्होंने कहा, बोर्ड में जिलों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जायेगा.
• इसके अलावा, राज्य विधान सभा के दो सदस्य और राज्य विधान परिषद से भी एक सदस्य बोर्ड में शामिल होंगे.
• शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में दिव्यांगों को दिए जा रहे आरक्षण को 3% से बढ़ाकर 4% किया गया.
• दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण हेतु दाखिला-ख़ारिज प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किया जायेगा.
• इसको लेकर बिहार भूमि दाखिल-खारिज (संशोधन) नियमावली, 2017 को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की.
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अन्य फैसले
बिहार कैबिनेट की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गये जिसमें राज्य के कर्मियों को सातवें वेतन आयोग के तहत भत्ते दिए जाने का निर्णय भी शामिल है.
• आवासीय भत्ते को चार भागों में बांटा गया है. पटना में रहने वाले कर्मी को मूल वेतन का 16% भत्ता मिलेगा.
• अन्य बड़े शहरों को जेड श्रेणी में रखा गया है जहां 8% भत्ता दिया जाएगा.
• छोटे शहरों में छह फीसदी और प्रखंड-थाना आदि में रहने वाले कर्मियों को चार फीसदी आवासीय भत्ता मिलेगा.
• नई दिल्ली में रहने वाले राज्य कर्मियों को 24 फीसदी आवासीय भत्ता दिए जाने की घोषणा की गयी.
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