वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018 पेश करते हुआ जहां किसानों का विशेष ध्यान रखा वहीँ महिलाओं के लिए भी कुछ अहम घोषणाएं कीं. इन घोषणाओं के चलते जहां ग्रामीण एवं कामकाजी महिलाओं को नई योजनाओं का लाभ मिल सकता है लेकिन मध्यम वर्ष की महिलाओं को घरेलू बजट में राहत के संकेत न के बराबर दिखाई दिए.
बजट 2018 में महिलाओं के लिए की गयी प्रमुख घोषणाएं
• उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जायेंगे. इस योजना से यह स्पष्ट होता है कि सरकार का ध्यान महिला सशक्तिकरण की ओर भी है. ग्रामीण एवं निर्धन परिवेश में रह रहीं महिलाओं को लकड़ी के धुएं तथा पारंपरिक ईंधन के स्रोतों की अपेक्षा गैस कनेक्शन देने से न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार आयेगा बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
• सरकार महिला कर्मचारियों के ईपीएफ में 3 साल तक 8% का योगदान करेगी. वहीं, बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देने वाले क्षेत्रों में ईपीएफ में सरकार का योगदान 12% रहेगा. इससे पहली बार नौकरी ज्वाइन करने वाली महिलाओं को अधिक वेतन प्राप्त होगा. इस घोषणा से महिलाओं को रोजगार की ओर प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी तथा अधिक नौकरियों का सृजन होगा.
• मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया. बजट 2018 भाषण में वित्त मंत्री द्वारा की गई एक अन्य अहम घोषणा के अनुसार महिलाओं को नवजात शिशु की देखभाल करने के लिए दिए जाने वाले मातृत्व अवकाश को बढ़ाया गया है. इससे महिलाओं तथा उनके परिवारों का नौकरियों की ओर रुझान बढ़ेगा.
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• महिला स्वयं सहायता समूहों को मार्च 2019 तक 75 हजार करोड़ ऋण दिया जाएगा. महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन की ओर देश का ध्यान आकर्षित करते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की कि महिला उद्यमियों द्वारा चलाये जा रहे स्वयं सहायता समूहों को मार्च 2019 तक 75 हजार करोड़ ऋण दिया जाएगा.
• बजट में 1.88 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस घोषणा का सीधा असर महिलाओं की प्रतिष्ठा से जुड़ा है. महिलाओं, बच्चों एवं परिवार कल्याण के लिहाज से यह घोषणा बेहद कारगर साबित हो सकती है.
• राष्ट्रीय आजीविक मिशन का बजट भी बढ़ाया गया है. इसके लाभार्थियों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है इसलिए वित्त मंत्री के भाषण में महिलाओं के दृष्टिकोण से यह भी अहम घटक था. वित्त मंत्री ने 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए आवंटन राशि बढ़ाकर 5,750 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा.
• मुद्रा योजना को और मजबूत बनाएगी सरकार. कारोबार शुरु करने के लिए सरकार से लिए जाने वाले ऋण के तहत इस योजना में अधिकतर महिलाओं के ही अकाउंट हैं. इस योजना में लगभग 50 फीसदी महिलाएं एससी, एसटी और ओबीसी समूह से आती है. सरकार इस योजना के तहत आवंटन बढ़ा कर 3 लाख करोड़ करेगी ताकि पिछड़े वर्ग की महिलाओं को अपना कारोबार आरंभ करने के लिए आसानी से लोन मिल सके.
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