केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20 जनवरी 2021 को भारत और उज्बेकिस्तान के बीच सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) को मंजूरी दी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और उज्बेकिस्तान के बीच सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी.
बयान के मुताबिक एमओयू के तहत मुख्य रूप से नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान और उज्बेकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (आईएसईआई) के बीच शोध, प्रदर्शन, पायलट परियोजनाओं पर काम किया जाएगा. आपसी सहयोग के लिए जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है, उनमें सौर फोटोवोल्टिक, भंडारण तकनीक और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शामिल हैं.
Union Cabinet, chaired by PM, was apprised of signing of MoU b/w India & Uzbekistan for cooperation in field of solar energy. Based on mutual agreement, both will work for implementation & deployment of pilot project in International Solar Alliance member nations: Govt of India
— ANI (@ANI) January 20, 2021
भारत में एशिया का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी प्लांट
गौरतलब है कि सोलर एनर्जी की दिशा में भारत ने साल 2020 एक बड़ा मुकाम हासिल किया. भारत ने एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट का ऑपरेशन शुरू कर दिया.
मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सोलर एनर्जी प्लांट 1590 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें जनवरी 2020 से पूरी क्षमता में बिजली का उत्पादन शुरू हो चुका है.
इस प्लांट की 3 यूनिट हैं, जिनमें 250 मेगा वाट प्रति यूनिट विद्युत उत्पादन अर्थात प्रतिदिन कुल 750 मेगा वाट विद्युत उत्पादन होता है. इसकी 76 प्रतिशत बिजली मध्यप्रदेश को और 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मेट्रो को मिलेगी.
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