वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 7 फरवरी 2017 को चार और एकपक्षीय अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौतों (एपीए) पर हस्ताक्षर किये.
इन चारों अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौतों का संबंध अर्थव्यवस्था के विनिर्माण, वित्तीय एवं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से है. इन समझौतों में कवर किये गये अंतर्राष्ट्रीय सौदों में अनुबंध वाले विनिर्माण, आईटी आधारित सेवाएं तथा सॉफ्टवेयर विकास से जुड़ी सेवाएं शामिल हैं.
इसके साथ ही सीबीडीटी द्वारा हस्ताक्षरित एपीए की कुल संख्या बढ़कर 130 के स्तर पर पहुंच गई है. इनमें 8 द्विपक्षीय एपीए तथा 122 एकपक्षीय एपीए शामिल हैं. चालू वित्त वर्ष के समय अब तक कुल मिलाकर 66 अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौतों पर हस्ताक्षर किये जा चुके हैं जिनमें 5 द्विपक्षीय एपीए तथा 61 एकपक्षीय एपीए शामिल हैं.
एपीए योजना की दिशा में हो रही प्रगति से एक गैर-प्रतिकूल कर व्यवस्था को बढ़ावा देने संबंधी सरकारी संकल्प को और भी ज्यादा मजबूती मिली है.
भारतीय एपीए कार्यक्रम की सराहना राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर की जा रही है, क्योंकि इससे ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े जटिल मुद्दों को निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से सुलझाना संभव हो पा रहा है.
एपीए योजना का शुभारंभ वर्ष 2012 में आयकर अधिनियम के तहत हुआ था. इसी तरह वर्ष 2014 में ‘रोलबैक’ प्रावधानों की शुरुआत हुई थी.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य मूल्य निर्धारण के तौर-तरीकों को निर्दिष्ट करने के साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय सौदों के मूल्यों के अग्रिम निर्धारण के जरिये ट्रांसफर प्राइसिंग के क्षेत्र में करदाताओं को निश्चितता प्रदान करना है.
करदाता एपीए योजना की शुरुआत से ही इसमें काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं तथा इसके परिणामस्वरूप लगभग पांच वर्षों में अब तक 700 से भी ज्यादा आवेदन (एकपक्षीय एवं द्विपक्षीय दोनों ही) पेश किये जा चुके हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation