कार्मिक मंत्रालय ने केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए लॉकडाउन के बाद 'घर से काम’ करने की नीति के लिए एक मसौदा पेश किया था. इस दावे के साथ कि, सरकारी कर्मचारियों को परिवर्तनशील घंटों में काम करना पड़ सकता है और यह व्यवस्था लॉकडाउन के बाद भी आगे चल सकती है, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग एक नीति के तौर पर प्रत्येक वर्ष में 15 दिनों के लिए पात्र अधिकारियों/ कर्मचारियों को ‘घर से काम’ करने का विकल्प प्रदान कर सकता है.
वर्तमान में, केंद्र सरकार के 48.34 लाख कर्मचारी हैं. कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा महामारी के कारण सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कई मंत्रालयों के लिए ‘घर से काम’ करना आवश्यक हो गया है.
सरकारी मंत्रालयों में ‘घर से काम’ करने की सुविधा:
इस मंत्रालय द्वारा जारी किए गए मसौदे में यह उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार के कई विभागों ने अपने कार्यों का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (ई.आई.सी.) के ई-ऑफिस का उपयोग करके मौजूदा लॉकडाउन के दौरान अपने काम के संबंध में बेहतरीन परिणाम दिया है, जिससे यह सरकार के लिए अनोखा अनुभव बन गया है.
उक्त मंत्रालय ने आगे यह भी कहा कि, यह संभावना है कि केंद्रीय सचिवालय अपने कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कम संख्या में लोगों की दफ्तर में उपस्थिति और वाले काम के अनियमित घंटे जारी रख सकता है. इसलिए, मौजूदा लॉकडाउन के बाद भी घर से काम करने के संचालन के मानकीकरण के लिए एक ढांचे की आवश्यकता है, यहां तक कि, घर से सरकारी फाइलों को एक्सेस करते समय भी संचालन की सुरक्षा और बचाव सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण होगा.
मुख्य विशेषताएं:
• 75 मंत्रालयों ने सक्रिय रूप से ई-प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं और जिनमें से 57 मंत्रालयों ने अपना 80 प्रतिशत से अधिक काम करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है.
• कर्मचारियों के लिए एसओपी को अंतिम रूप दिया गया है ताकि मौजूदा लॉकडाउन के बाद भी ऐसी स्थिति में सरकार का कामकाज सुचारू रूप से पूरा किया जा सके.
• इन दिशानिर्देशों के अनुसार, जो विभाग ई-ऑफिस मॉड्यूल का उपयोग नहीं कर रहे हैं, उन्हें अपने सचिवालय में समय-बद्ध तरीके से इसके कार्यान्वयन के लिए प्रयास करना होगा.
• केंद्र सरकार के विभाग इस संबंध में 21 मई तक अपनी टिप्पणी अवश्य भेज दें, अगर कोई विभाग उक्त तिथि तक अपनी टिप्पणी नहीं भेजता है, तो यह मान लिया जायेगा कि वह विभाग प्रस्तावित मसौदे से सहमत है.
‘घर से काम’ करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी):
• विभागों / मंत्रालयों द्वारा अपने कर्मचारियों को काम करने के लिए सामग्री सहायता के तौर पर लैपटॉप/ डेस्कटॉप प्रदान किया जाएगा.
• इन दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि मंत्रालय लैपटॉप की सूची बना सकते हैं जो ऐसे अधिकारियों के लिए आवर्तन (रोटेशन) पर आधारित होगी जो घर से काम कर रहे हैं और उन्हें सामग्री समर्थन की आवश्यकता है.
• कर्मचारियों को उस इंटरनेट के लिए प्रतिपूर्ति (रूपये) भी मिल सकती है जो वे अपने घर से काम करते समय उपयोग करेंगे. इस संबंध में अलग से दिशानिर्देश भी जारी किए जा सकते हैं.
• सभी वीआईपी और संसद संबंधी मामलों के लिए अतिरिक्त प्रोटोकॉल भी प्रस्तावित किया गया है. इसलिए, पदक्रम में अगले अधिकारी को सभी रसीदों और फाइलों के लिए एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा.
• गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, घर से काम करते समय वर्गीकृत कागजात और फाइलों में संशोधन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
• वर्गीकृत फाइलों का इस्तेमाल करने और उपयुक्त दिशानिर्देश पेश करने के लिए एनआईसी को गृह मंत्रालय के परामर्श से सुरक्षा प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करना होगा.
• जिन अधिकारियों को कार्यालय से लैपटॉप प्रदान किया जाएगा, उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे केवल कार्यालय का काम ही उस लैपटॉप पर करें.
• राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) यह सुनिश्चित करेगा कि इन उपकरणों (लैपटॉप्स) को दुर्भावनापूर्ण और मैलवेयर वेबसाइटों से पूरी तरह सुरक्षित रखा जाए.
• जो अधिकारी घर से काम कर रहे हैं, वे आवश्यकता और कार्यालय से निर्देश के अनुसार फोन पर उपलब्ध जरुर उपलब्ध रहें.
• अंतर-मंत्रालयी परामर्श के लिए, विभागों के बीच फाइलों का आदान-प्रदान अनिवार्य रूप से ई-ऑफिस में किया जाना चाहिए.
• घर से काम करते समय महत्वपूर्ण बैठकों के लिए एनआईसी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होगी. अधिकारी वीसी लिंक को सक्रिय करके बैठक में भाग ले सकेंगे.
• एनआईसी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा को भी मजबूत करने के लिए कहा गया है.
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