चीन ने 15 मई 2016 को दूरसंवेदी उपग्रह याओगान-30 का प्रक्षेपण किया. इसे सूर्य-समकालिक कक्षा (एसएसओ) में लांग मार्च 2-डी रॉकेट द्वारा स्थापित किया गया.
इसे गोबी मरूस्थल के जिउक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से सुबह पूर्वाह्न 10.43 बजे प्रक्षेपित किया गया.
याओगान-30
• इस उपग्रह का उपयोग परीक्षणों, भूमि सर्वेक्षणों, फसल की पैदावार के अनुमानों और आपदा राहत कार्यो में किया जाएगा.
• इसमें उच्च क्षमता वाले ऑप्टिकल सेंसर लगाए गये हैं जिनकी रेजोल्यूशन एक से तीन मीटर तक है.
• लांग मार्च-2डी रॉकेट के जरिए याओगान-30 को ले जाया गया.
• इसमें बैटरी के अतिरिक्त दो सोलर पैनल भी लगाये गये हैं. यह सीएएसटी-2000 प्लेटफार्म का उपयोग करता है.
• चीन द्वारा वर्ष 2006 में याओगान श्रृंखला का प्रथम उपग्रह प्रक्षेपित किया था.
लॉन्ग मार्च 2–डी रॉकेट
• यह लांग मार्च रॉकेट समूह का 227वां मिशन है.
• यह दो स्तरीय पद्धति द्वारा विकसित किया गया रॉकेट है जिसे शंघाई एकैडेमी ऑफ़ स्पेसलिफ्ट टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित किया गया.
• इसका उपयोग पृथ्वी की निचली कक्षा में उपग्रह को स्थापित करने के लिए किया जाता है. यह अपने साथ 645 एसएसओ में 1300 किलोग्राम तक भार ले जा सकता है.
• उच्च विश्वसनीयता, विस्तृत आवेदन और परिपक्व प्रौद्योगिकी इसकी विशेषता है.
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