कोयला मंत्रालय ने 16 सितंबर 2019 को पश्चिम बंगाल बिजली विकास निगम लिमिटेड (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) से देवचा पचामी दीवानगंज हरिणसिंघा कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए समझौता किया है.
कोयला ब्लॉक आवंटन नियम, 2017 के प्रावधानों के तहत पश्चिम बंगाल बिजली विकास निगम लिमिटेड को देवचा पचामी दीवानगंज हरिणसिंघा कोयला ब्लॉक के लिए आवंटित किया है. कोयला ब्लॉक पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है.
खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) कानून, 1957 के तहत कोयला ब्लॉक आवंटन नियम, 2017 के प्रावधानों के तहत बनाया गया था. पश्चिम बंगाल बिजली विकास निगम लिमिटेड को पश्चिम बंगाल में 12.28 वर्ग किलोमीटर में स्थित कोयला ब्लॉक का आवंटन बिजली उत्पादन के लिए किया गया है. इनमें अनुमानित भंडार 210.2 करोड़ टन का है.
समझौते पर हस्ताक्षर
नए आवंटन समझौते पर कोयला मंत्रालय के उप-सचिव राम शिरोमणि सरोज और डब्ल्यूबीपीडीसीएल के निदेशक (नियामक मामलों) अमित भट्टाचार्य ने कोयला सचिव सुमंत चौधरी और डब्ल्यूबीपीडीसीएल के अध्यक्ष पीबी सलीम की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए थे.
कोयला ब्लॉक पश्चिम बंगाल: महत्व
इस परियोजना से पश्चिम बंगाल में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काफी मात्रा में रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगा. इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी बेहतर योगदान मिलेगा. इस परियोजना से क्षेत्र की मौजूदा तथा भविष्य की कोयला और बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.
देवचा पचामी दीवानगंज हरिणसिंघा कोयला खदान 210.2 करोड़ टन के अनुमानित आरक्षित के साथ विश्व की दूसरी सबसे बड़ी कोयला खदान है. इस परियोजना से इसके अतिरिक्त क्षेत्र की कोयला और बिजली की त्वरित और आने वाले समय की जरूरतों को भी पूरा किया जा सकेगा.
यह भी पढ़ें: क्या है Public Safety Act?
करेंट अफेयर्स ऐप से करें कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी,अभी डाउनलोड करें| Android|IOS
Comments
All Comments (0)
Join the conversation