कोलंबिया की सरकार और मार्क्सवादी विद्रोही गुट फार्क के बीच 12 नवम्बर 2016 को शांति समझौता हो गया.
इस शांति समझौते के होते ही 52 वर्ष से चला आ रहा सशस्त्र गुरिल्ला युद्ध खत्म हो गया है. कोलंबिया सरकार तथा देश के सबसे बड़े गुरिल्ला समूह रिवोल्यूशनरी आर्म्ड फोर्सेसज ऑफ कोलंबिया (फार्क) के बीच हवाना में चार सालों से शांति समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी.
इस समझौते को लेकर राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैंटोस ने खुशी जताई है. उनका कहना है कि फार्क के साथ शांति समझौते के बाद बंट चुके कोलंबिया में एकजुटता आएगी तथा हिंसा खत्म होगी.
वर्ष 1964 में इस विद्रोही गुट की सस्थापना हुई थी. यह कम्यूनिस्ट पार्टी की सशस्त्र शाखा थी. फार्क मार्क्सवादी-लेनिन विचारधारा से प्रेरित है.
फार्क को कोलंबिया के छोटे किसानों व श्रमिकों ने उस वक्त बनाया था जब वो असमानता के खिलाफ संघर्ष के लिए एकजुट हुए थे.
कोलंबिया की सरकार के साथ युद्ध में फार्क के कई गुरिल्ले मारे गए थे. इन्हीं कारणों से इनकी संख्या में कमी आ गई थी. एक अनुमान के द्वारा, इस समय फार्क के पास लगभग छह-सात हजार गुरिल्ला लड़ाकू ही बचे हैं.
वर्ष 2002 में फार्क के पास लगभग 20 हजार गोरिल्ला लड़ाकू थे. अब इस शांति समझौता के बाद फार्क अपनी हथियारबंद लड़ाई बंद कर देगा तथा कानूनी प्रक्रिया में शामिल होगा.
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