वित्त मंत्री अरुण जेटली की उपस्थिति में 16 जनवरी 2017 को हुई जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक में आखिरकार दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर सहमति बन गयी.
जीएसटी लागू होने पर सालाना 1.5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले असेसीज में से 90 प्रतिशत असेसीज का असेसमेंट राज्य सरकारें करेंगी तथा शेष 10 प्रतिशत का असेसमेंट केंद्र सरकार करेगा.
हालांकि जीएसटी अब 1 अप्रैल के बदले 1 जुलाई 2017 से लागू हो पाएगा.
वहीं 1.5 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक कारोबार वाले व्यवसाइयों में से 50 प्रतिशत केंद्र तथा 50 प्रतिशत राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आएंगे. एक असेसी का असेसमेंट केंद्र या राज्य दोनों में से एक ही अथॉरिटी करेगी.
इंटीग्रेटेड-जीएसटी में एक राज्य से दूसरे राज्य वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद बिक्री पर टैक्स लगाने और वसूलने की शक्तियां केंद्र सरकार के पास होंगी.
राज्यों की मांग थी कि जीएसटी के असेसीज का क्षैतिज विभाजन वार्षिक टर्नओवर के आधार पर किया जाए. बैठक के बाद जेटली ने कहा कि कानूनी तौर पर तटीय क्षेत्रों में समुद्र में 12 नॉटिकल मील दूर तक आर्थिक गतिविधियों पर टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र सरकार को है लेकिन जीएसटी के संबंध में राज्य भी टैक्स कलेक्शन कर सकेंगे.
हालांकि इस संबंध में संवैधानिक अधिकार केंद्र सरकार के पास ही होगा. लेकिन कानून में विशेष प्रावधानों के तहत राज्यों को भी इस संबंध में दोहरी शक्तियां दी जाएंगी.
उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 18 फरवरी 2017 को होगी. इस बैठक में आइजीएसटी सहित अन्य विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी जाएगी.
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