प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट मंत्रिमंडल ने सहकारिता और संबंधित क्षेत्रों में सहयोग पर भारत और मॉरिशस के बीच हुए अंतर सरकार समझौते को 13 मई 2016 को अपनी स्वीकृति दी.
समझौता की शर्तें-
यह समझौता दोनों देशों के बीच पांच वर्ष के लिए लागू होगा.
पांच साल के बाद यह स्वतः ही अगले पांच वर्ष के लिए पुन: लागू हो जाएगा.
समझौते से लघु और मध्यावधि कार्यक्रमों के माध्यम से उन गतिविधियों में भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा, जिनका समझौते में उल्लेख किया गया है.
इस समझौते के उद्देश्यों को पूरा करने हतु दोनों देश पारस्परिक सहमति द्वारा कार्ययोजना तैयार करेंगे.
पृष्ठभूमि-
मॉरिशस सरकार ने उसके द्वारा स्थापित सहकारिता विकास कोष (सीडीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारिता संघ (एनसीयूआई) के बीच एक संस्थागत ढांचा विकसित करने में दिलचस्पी दिखाई.
जिससे एनसीयूआई के अनुभव का सहकारिता विकास में लाभ लिया जा सके.
सितंबर 2012 में कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग में एक संयुक्त बैठक का आयोजन हुआ था.
जिसके एक साल बाद (सितंबर, 2013) सहकारी संगठनों तौर तरीकों के आदान प्रदान, सूचनाओं और तकनीक के लेनदेन, संस्थागत संबंध विकसित करने और आईटीईसी कार्यक्रम के अंतर्गत विशेषज्ञ समायोजन के वास्ते दोनों देशों के बीच समझौते की संभावनाओं पर चर्चा हुई.
मॉरिशस सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सहकारिता के क्षेत्र में द्विपक्षीय भागीदारी की संभावनाओं को तलाशने हेतु भारत का दौरा किया.
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