Croatia adopts euro: यूरोपीय देश क्रोएशिया ने आधिकारिक तौर पर यूरो (euro) को अपनी करेंसी के रूप में अपना लिया है, ऐसा करने वाला वह यूरोपियन यूनियन (EU) का 20वां देश बन गया है.
बाल्कन कंट्री क्रोएशिया एक दशक पहले EU में शामिल हुआ था, लेकिन अब यूरोज़ोन (Eurozone) में भी शामिल हो गया है. 1 जनवरी, 2023 की आधी रात से क्रोएशिया ने अपनी कुना मुद्रा (kuna currency) को अलविदा कह दिया.
इसके साथ ही क्रोएशिया शेंगेन ज़ोन (Schengen zone) में भी प्रवेश कर गया है. शेंगेन ज़ोन दुनिया का सबसे बड़ा फ्री वीजा जोन है.
Croatia joins Schengen zone, switches to Euro
— ANI Digital (@ani_digital) January 1, 2023
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क्रोएशिया अब यूरोज़ोन में, हाइलाइट्स:
क्रोएशिया, यूरोपियन यूनियन (EU) का सदस्य देश 1 जुलाई 2013 को बना था. जिसके बाद से वह EU की करेंसी यूरो को अपनी करेंसी के रूप में अपनाना चाहता था.
इसके साथ ही क्रोएशिया 20वां यूरोपियन यूनियन स्टेट बन गया है जिसने यूरो को अपनी ऑफिसियल करेंसी के रूप में स्वीकार कर लिया है.
2015 में लिथुआनिया (Lithuania) के बाद से यूरोज़ोन में शामिल होने वाला क्रोएशिया सबसे नया राष्ट्र बन गया है.
क्रोएशिया के यूरो स्विच के बाद सिर्फ सात यूरोपियन यूनियन के देश अभी भी अपनी मुद्रा का उपयोग करते हैं.
क्रोएशिया ने 2003 में EU की सदस्यता के लिए आवेदन किया था. 9 दिसंबर 2011 को EU और क्रोएशिया ने परिग्रहण संधि (accession treaty) पर हस्ताक्षर किए और 1 जुलाई 2013 को क्रोएशिया EU का सदस्य देश बन गया था.
क्रोएशिया यूरो क्यों अपनाया?
यूरो को अपनाने से, क्रोएशिया अधिक वित्तीय सुरक्षा हासिल करने और अपने नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद कर रहा है. क्रोएशिया एकल मुद्रा क्षेत्र (यूरो जोन) के अन्य सदस्यों और यूरोपीय सेंट्रल बैंक के साथ घनिष्ठ वित्तीय संबंधों से भी आर्थिक रूप से लाभान्वित होगा. साथ ही क्रोएशियाई लोगों को करेंसी एक्सचेंज की भी आवश्यकता नहीं होगी.
क्या क्रोएशिया को होगा लाभ?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यूरो जोन में आने से क्रोएशिया की अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी जब विश्व के तमाम देश यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण बढ़ती मुद्रास्फीति से जूझ रहे है.
क्रोएशियाई लोगों का इस पर मिश्रित पक्ष है, शेंगेन ज़ोन में शामिल होने का लगभग सबने स्वागत किया लेकिन यूरो स्विच के बारे में कुछ ने चिंता व्यक्त की है. दक्षिणपंथी विपक्षी समूहों का कहना है कि यह केवल जर्मनी और फ्रांस जैसे बड़े देशों को लाभ पहुंचाएगा.
शेंगेन ज़ोन क्या है?
शेंगेन ज़ोन यूरोप में एक ऐसे क्षेत्र को दर्शाता है जिसमें 27 यूरोपीय देश (अब तक) लोगों के मुक्त और अप्रतिबंधित मूवमेंट के लिए अपनी आंतरिक सीमाओं को समाप्त कर दिया है. शेंगेन नाम दक्षिणपूर्वी लक्ज़मबर्ग के शहर से आया है जहाँ 1985 में फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, लक्ज़मबर्ग और नीदरलैंड ने शेंगेन समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
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