भारत जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में रामनाथ कोविंद को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा की है. रामनाथ कोविंद की पहचान एक दलित चेहरे के रूप में अहम रही है.
छात्र जीवन में कोविंद ने अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए काम किया. दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बिहार के गवर्नर रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि दलित चेहरा होने की वजह से कोविंद का विरोध होने की संभावना न के बराबर है.
रामनाथ कोविंद के बारे में:
• रामनाथ कोविंद का जन्म 01 अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था.
• रामनाथ कोविंद ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है.
• वे दिल्ली हाई कोर्ट में वर्ष 1977 से वर्ष 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे थे.
• वे वर्ष 1980 से वर्ष 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल में थे.
• वे दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में 16 साल तक प्रैक्टिस की.
• वे वर्ष 1971 में दिल्ली बार काउंसिल के लिए नामांकित हुए थे.
• वे वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए. वे 12 साल तक राज्यसभा सांसद रहे. वे कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं.
• वे आदिवासी, होम अफ़ेयर, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सामाजिक न्याय, क़ानून न्याय व्यवस्था और राज्यसभा हाउस कमेटी के चेयरमैन भी रहे.
• रामनाथ कोविंद गवर्नर्स ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के भी सदस्य रहे हैं.
• वे वर्ष 2002 में संयुक्त राष्ट्र के महासभा को संबोधित किया.
• वेबीजेपी दलित मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं.
• वे भाजपा दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज अध्यक्ष भी रहे.
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