संसद ने ‘दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022’ (MCD Amendment Bill 2022) को 05 अप्रैल 2022 को मंजूरी दे दी. राज्यसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया. उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 239 (एए) का हवाला दिया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली एक पूर्ण राज्य नहीं है और केंद्र सरकार किसी पूर्ण राज्य के संबंध में विधेयक नहीं ला सकती है. उन्होंने कहा कि संसद को दिल्ली के संघ राज्य क्षेत्र से जुड़े किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है.
राज्यसभा से ध्वनि मत पारित
लोकसभा के बाद राज्यसभा में ध्वनि मत से 05 अप्रैल 2022 को दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक पारित हो गया. इस विधेयक में दिल्ली नगर निगम अधिनियम,1957 में संशोधन करने मांग की गई थी. ताकि दिल्ली के तीन नगर निगमों को एक इकाई में एकीकृत किया जा सके.
बिल से संबंधित तथ्य
• इस बिल में सफाई कर्मचारियों को 14 दिनों का नोटिस देकर हटाने का जो प्रावधान है उसे खत्म कर सभी सफाई कर्मचारियों को परमानेंट किए जाने की बात भी कही गई है.
• बिल को लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि तीनों निगमों को अब सीधे केंद्र सरकार से फंड मिलेगा तथा शहर का विकास होगा.
• इस संशोधन बिल के अंतर्गत 1957 के मूल अधिनियम में भी कुछ और संशोधनों को मंजूरी दी गई है.
• लोकसभा में अमित शाह ने इस बिल पर बोलते हुए कहा था कि दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक तीनों एमसीडी को एक एमसीडी में बदल देगा. संसाधन और सहकारितावादी एवं सामरिक योजना की दृष्टि से एक ही निगम यदि पूरी दिल्ली की सिविक सेवाओं का ध्यान रखेगा तो बेहतर होगा. सभी दिल्ली वासियों को इससे बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.
• केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिल्ली के MCD पर बोलते हुए कहा था कि पहले दिल्ली में एक ही नगर निगम हुआ करता था. साल 1957 दिल्ली नगर निगम एक्ट के तहत इसकी स्थापना हुई थी. इसके बाद इसमें साल 1993 और साल 2011 में संशोधन किए गए. इसके बाद उत्तरी, दक्षिणी तथा पूर्वी नगर निगम में दिल्ली को बांट दिया गया था.
बता दें कि मोदी सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला विधेयक संसद में पेश किया था. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस बिल को पेश करते समय दावा किया था कि एक नगर निगम होने से उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.
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