दिल्ली में दूसरे कोविड-19 सिरोलॉजिकल सर्वे (Covid-19 Sero Survey) का परिणाम जारी हो चुके हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 20 अगस्त 2020 को कहा कि इस बार के सिरो सर्वे में 29.1 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी मिले हैं. यानी कि दिल्ली में लगभग 58 लाख लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बनी पाई गई है.
दिल्ली में कोविड-19 स्थिति के व्यापक आकलन के लिए एक अगस्त से सात अगस्त तक यह सर्वे किया गया था. इस सर्वे के तहत यह पता लगाने के लिए रक्त के नमूनों की जांच की जाती है कि लोगों में वायरस संक्रमण के खिलाफ कितने एंटीबॉडी बने है. यह पिछले सर्वे के मुकाबले छह प्रतिशत ज्यादा है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि इसमें 15,000 लोगों के सैंपल लिए गए थे. 28.3% पुरुषों और 32.2% महिलाओं में एंटीबॉडी मिले हैं. सर्वे में सभी आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया था. अच्छी बात ये है कि 29% लोग ठीक हो चुके हैं.
दूसरे राउंड के सीरो सर्वे का रिपोर्ट
सत्येंद्र जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दिल्ली में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक सीरो सर्वे सैंपल लिए गए थे. इसमें 29.1% लोगों में इस बार एंटीबॉडी पाई गई है. यह दूसरे राउंड के सीरो सर्वे का रिपोर्ट है. पिछली बार का सैंपल साइज 21,387 था, वहीं इस बार 15,000 लोगों के सैंपल लिए गए थे. दिल्ली की आबादी लगभग 2 करोड़ है.
पहली सीरो सर्वे रिपोर्ट
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पिछली बार 27 जून से 10 जुलाई तक किए गए सर्वे में पता चला था कि लगभग 24 प्रतिशत लोगों के नमूनों में एंटीबॉडी की मौजूदगी पाई गई थी जिसका मतलब है कि वे कोविड-19 से प्रभावित थे. इस सर्वे के लिए विभिन्न क्षेत्रों से विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के 15,000 से अधिक नमूने एकत्र किए गए थे.
दिल्ली की आबादी लगभग 2 करोड़
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली की आबादी लगभग 2 करोड़ है, और 15 हजार सैम्पल लिए गए थे यानी करीब 60 लाख लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बन गई हैं. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी तक हम हर्ड इम्युनिटी की तरफ नहीं बढ़े हैं, 70 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनमें एंटीबॉडी नहीं बने हैं.
दिल्ली के सभी 11 जिलों में सर्वे कराया गया
दिल्ली के सभी 11 जिलों में सर्वे कराया गया था जिसके मुताबिक साउथ ईस्ट दिल्ली में सबसे ज़्यादा 33.2 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पाई गई है. जबकि पहले सीरो सर्वे में साउथ ईस्ट ज़िले में 22.12 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थीं, यानी इस बार 50.09 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी यहां देखने को मिली है. सबसे कम 16.3 प्रतिशत एंटीबॉडीज साउथ वेस्ट ज़िले में पाई गई हैं. पिछले सर्वे में यहां 12.95 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थीं.
सीरोलॉजिकल सर्वे अगले दो चरण में
दिल्ली में सीरोलॉजिकल सर्वे के अगले दो चरण सितंबर और अक्टूबर महीने में कराये जायेंगे. इस सर्वे के अंतर्गत रैंडम ब्लड सैम्पल लिये जाते हैं. और ये टेस्ट किया जाता है कि कितने लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बन गए हैं. जिन लोगों में एंटीबॉडीज पाये जाते हैं उसका मतलब है कि वो कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं.
सीरो सर्वे से शरीर में एंटीबॉडी का पता लगता है
सीरो सर्वे में रक्त का सैंपल लिया जाता है. इसमें पता लगाया जाता है कि शरीर में कोविड-19 वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनी है या नहीं. एंटीबॉडीज बनने का मतलब है कि कोरोना हुआ और ठीक हो गए. इस सर्वे में एक चौथाई अलग-अलग उम्र और वर्ग (बच्चे, बुजुर्ग, महिला, पुरुष) के लोगों को शामिल किया गया था.
हर्ड इम्युनिटी कब बनती है
विशेषज्ञों का कहना है कि 40 से 70 प्रतिशत लोग संक्रमित होकर ठीक हो जाते हैं तो माना जाता है कि हर्ड इम्युनिटी बन गई है. अभी तक दिल्ली में 24 प्रतिशत का डाटा आ चुका है और वे ठीक हो चुके हैं. लेकिन अभी नए केस आ रहे हैं. इसलिए अभी फिलहाल हर्ड इम्यूनिटी के बारे में कोई दावा नहीं किया जा सकता.
रिकवरी रेट भी बढ़कर 90 फीसदी से ज्यादा
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने ये भी कहा कि, दिल्ली में एक समय संक्रमण दर 30 प्रतिशत पहुंच गया था. अभी यह छह प्रतिशत पर है. रिकवरी रेट भी बढ़कर 90 फीसदी से ज्यादा हो गया है. सरकार कोरोना के खिलाफ मजबूती से कदम उठा रही है और हालात लगातार बेहतर होते जा रहे हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation