जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की क्या है तैयारी, जानें परिसीमन क्या होता है?

Jun 22, 2021, 12:14 IST

परिसीमन चुनाव प्रक्रिया को और भी ज्यादा लोकतांत्रिक करने का उपाय है. समय के साथ जनसंख्या में हुए बदलाव के बाद भी सभी नागरिकों के लिए समान प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने हेतु निर्वाचन क्षेत्र का पुनर्निधारण किया जाता है.

Delimitation in Jammu and Kashmir
Delimitation in Jammu and Kashmir

जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 14 नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली में 24 जून 2021 को एक बैठक के लिए बुलाया गया है. इसे जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है.

जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और हालात को पूरी तरह सामान्य बनाने की कवायद के बीच परिसीमन आयोग भी पूरी तरह सक्रिय होने लगा है. जम्मू कश्मीर में अभी केंद्र का शासन है. यह बैठक केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन करने की घोषणा के बाद से इस तरह की पहली कवायद होगी.

परिसीमन क्या है?

परिसीमन का सामान्य अर्थ है किसी राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए निर्वाचन क्षेत्र का निर्धारण करना. इसमें प्रक्रिया में लोकसभा या विधानसभा की सीटों की सीमाओं का पुनर्निधारण किया जाता है.

परिसीमन का उद्देश्य

परिसीमन चुनाव प्रक्रिया को और भी ज्यादा लोकतांत्रिक करने का उपाय है. समय के साथ जनसंख्या में हुए बदलाव के बाद भी सभी नागरिकों के लिए समान प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने हेतु निर्वाचन क्षेत्र का पुनर्निधारण किया जाता है. जनसंख्या के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का उचित विभाजन करना, जिससे प्रत्येक वर्ग के नागरिकों को प्रतिनिधित्व का समान अवसर मिल सके. अनुसूचित वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा हेतु आरक्षित सीटों का निर्धारण भी परिसीमन की प्रक्रिया द्वारा ही किया जाता है.

भारत में परिसीमन का कार्य

भारत में परिसीमन का कार्य परिसीमन आयोग या सीमा आयोग द्वारा किया जाता है. आजादी के बाद से अब तक पांच परिसीमन आयोगों का गठन किया जा चुका है. यह गठन साल 1952, साल 1963, साल 1973 और साल 2002 में किया गया है. पांचवें परिसीमन आयोग का गठन जम्मू-कश्मीर और चार पूर्वोत्तर राज्यों के परिसीमन के लिये 2020 में किया गया है.

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन

साल 2019 में संसद द्वारा पारित 'जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019' की धारा 60 के मुताबिक परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 107 से बढ़कर 114 की जाएगी. इसके पूर्व जम्मू कश्मीर की विधानसभा में 111 सीटें थी, जिसमें से 24 सीटें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में पड़ती हैं. राज्य के पुनर्गठन के बाद जम्मू कश्मीर में लोकसभा की 5 सीटें होंगी जबकि लद्दाख में 1 सीट होंगी.

निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन

जम्मू-कश्मीर के साथ साथ 06 मार्च 2020 को चार पूर्वोत्तर राज्यों-असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड के निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन किया गया. यह आजादी के बाद गठित पांचवा परिसीमन आयोग है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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