भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 4 अगस्त 2019 को ओडिशा के चांदीपुर स्थित परीक्षण रेंज से सभी मौसम और सभी स्थानों पर काम करने में सक्षम रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (क्यूआरएसएम) का सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई यह अत्याधुनिक मिसाइल सेना के लिए बनाई गई है.
सभी प्रकार के मौसम तथा स्थान पर काम करने में सक्षम इस मिसाइल को ट्रक पर भी तैनात किया जा सकता है. डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी तकनीक से विकसित इस मिसाइल को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की सहायता से बनाया गया है.
इलेक्ट्रॉनिक काउंटर सिस्टम |
डीआरडीओ द्वारा जारी जानकारी के अनुसार यह मिसाइल किसी भी मौसम मे अपने लक्ष्य पर सटीक वार कर सकती है. डीआरडीओ के मुताबिक क्यूआरएसएम इलेक्ट्रॉनिक काउंटर सिस्टम से लैस है, जिससे यह रडार के जैमर होने के बावजूद हमला करने में सक्षम है. क्यूआरएसएम में ठोस ईंधन का इस्तेमाल होता है और इसकी मारक क्षमता 25 से 30 किमी है. |
क्यूआरएसएम की विशेषताएं
• यह मिसाइल स्वदेशी तकनीक से बनी है तथा किसी भी दुर्गम स्थान पर तैनात की जा सकती है.
• यह लक्ष्य पर सटीकता के कारण दुश्मन के टैंक, युद्ध विमान और एयरक्राफ्ट को आसानी से मार गिराने में सक्षम है.
• यह मिसाइल अपने लक्ष्य पर पहुँचने तक 360 डिग्री तक घूम सकती है और एक ही समय में कई लक्ष्य भेद सकती है.
• क्यूआरएसएम को समुद्री जहाज पर भी तैनात किया जा सकता है जिससे यह भारतीय नौसेना की मारक क्षमता एवं सुरक्षा दक्षता को बढ़ाने में सहायता करती है.
क्यूआरएसएम के पिछले परीक्षण
क्यूआरएसएम का इससे पहले भी दो बार सफल परीक्षण किया जा चूका है. यह परीक्षण 16 फरवरी 2016 और 4 जून 2017 को किये जा चुके हैं. दोनों परीक्षणों में मिसाइल को विभिन्न ऊंचाई और स्थितियों पर छोड़ा गया था. परीक्षण उड़ानों के दौरान मिसाइल ने सफलतापूर्वक अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया था.
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