केंद्रीय चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव हेतु 14 जून 2017 को अधिसूचना जारी कर दी. अधिसूचना जारी होने के साथ ही राष्ट्रपति के निर्वाचन प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत हो गई.
चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति निर्वाचन अधिनियम 1952 के तहत अधिसूचना जारी होने के तुरंत बाद अनूप मिश्रा को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है.
निर्वाचन अधिकारी अनूप मिश्रा ने राष्ट्रपति चुनाव हेतु नामांकन प्रक्रिया शुरू करने का नोटिस भी जारी कर दिया. निर्वाचन अधिकारी अनूप मिश्रा की ओर से जारी नोटिस के अनुसार नामांकन प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इच्छुक उम्मीदवार आज से 28 जून तक अपने विधिवत भरे हुए नामांकन पत्र जमा करा सकेंगे.
नामांकन प्रक्रिया-
- नोटिस के अनुसार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों को अपने नामांकन पत्र लोक सभा सचिवालय स्थित कमरा नंबर 18 में अनूप मिश्रा के कार्यालय में जमा कराने होंगे.
- नामांकन पत्र सार्वजानिक अवकाश के अलावा सभी कार्यदिवस पर दिन में 11 बजे से 3 बजे के बीच जमा किये जा सकेंगे.
- राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार निर्वाचन अधिकारी अनूप मिश्रा की गैरमौजूदगी में सहायक निर्वाचन अधिकारी रवींद्र गरिमेला या सयुंक्त सचिव विनय कुमार मोहन को भी लोक सभा निदेशक कार्यालय मे नामांकन पत्र सौंप सकेंगे.
- राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हेतु उम्मीदवार द्वारा जमानत राशि के रूप में 15 हजार रुपये नकद जमा करने होंगे.
नामांकन वापसी-
- राष्ट्रपति पद के दावेदार उम्मीदवार 29 जून को दिन में 11 बजे से एक जुलाई को दिन में तीन बजे तक नामांकन वापस ले सकेंगे.
- आम सहमति से उम्मीदवार तय नहीं हो पाने की स्थिति में 17 जुलाई को मतदान की तिथि निर्धारित की गयी है.
- 17 जुलाई को वोटिंग के बाद, 20 जुलाई 2017 को मतगणना की जाएगी.
पृष्ठभूमि-
- चुनाव आयोग ने बीते 7 जून 2017 को राष्ट्रपति चुनाव के शेड्यूल और प्रक्रिया की जरूरी जानकारी दी थी. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल 24 जुलाई को खत्म हो जाएगा.
- राष्ट्रपति चुनाव हेतु वोटिंग 17 जुलाई 2017 को सीक्रेट बैलेट पेपर के माध्यम से की जाएगी.
मतदान प्रक्रिया-
- बैलेट पेपर पर लिखने के लिए विशेष तरह के पेन का इस्तेमाल किया जाएगा.
- इस पेन के सिवा किसी दूसरे पेन से बैलेट पेपर पर लिखा जाएगा तो वह वोट रद्द माना जाएगा.
- राष्ट्रपति चुनाव के लिए ईवीएम मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
- चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार वोटिंग के लिए किसी भी राजनैतिक पार्टी को व्हिप जारी करने का अधिकार नहीं होगा. यानि प्रत्येक विधायक या सांसद अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट दे सकेगा.
- मतदाता पार्टी या पार्टी समर्थित उम्मीदवार को ही वोट देने के लिए बाध्य नहीं होंगे.
पद हेतु योग्यता-
- चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति पद के दावेदार उम्मीदवारों के लिए भी कई निर्देश जारी किए हैं.
- उम्मीदवार अगर किसी तरह के भ्रष्टाचार में दोषी पाया जाता है तो उसकी दावेदारी रद्द हो जाएगी.
टिप्पणी-
- राष्ट्रपति चुनाव में बैलेट व्यवस्था के बजाय खास तरीके से मतदान होता है, जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहा जाता है. एक मतदाता एक ही मत दे सकता है, किन्तु वह कई उम्मीदवारों में प्राथमिकता बताता है.
- यदि पांच उम्मीदवार हैं, तो मतदाता उनमें अपनी प्राथमिकता के हिसाब से बताएगा कि कौन उसकी पहली पसंद है और कौन आखिरी.
- अगर पहली पसंद वाले मत से विजेता तय नहीं हो पाता, तो मतदाता की दूसरी पसंद को नए सिंगल वोट के रूप में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
- राष्ट्रपति चुनाव में सर्वाधिक मत हासिल करने से जीत प्राप्त नहीं होती.
- राष्ट्रपति उसे चुना जाता है, जो मतदाताओं (विधायकों और सांसदों) के मतों के कुल वेटेज का आधा से अधिक हिस्सा हासिल करे. यानि राष्ट्रपति चुनाव में पहले से तय होता है कि जीतने वाले को कितना वेटेज पाना होगा.
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