केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी बढ़ाई

Jun 16, 2021, 16:35 IST

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और मैन्युफैक्चरिंग के उद्देश्य से, केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी बढ़ाकर ईवी निर्माताओं पर बोझ कम करने का फैसला किया है. 

Electric two wheelers now more affordable after govt revises FAME II subsidies
Electric two wheelers now more affordable after govt revises FAME II subsidies

वायु प्रदूषण और पेट्रोल-डीजल जैसे पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए विश्वभर में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है. अब देश में भी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को खरीदना पहले की तुलना में और सस्ता होगा.

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और मैन्युफैक्चरिंग के उद्देश्य से, केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी बढ़ाकर ईवी निर्माताओं पर बोझ कम करने का फैसला किया है. सरकार के इस कदम का सीधा फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा जो एक नया इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदने वाले हैं.

सब्सिडी को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय

केंद्र सरकार ने इको-फ्रेंडली वाहनों को अपनाने हेतु उन्हें प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से फेम-II (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) योजना के तहत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स पर सब्सिडी को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया है.

नए संशोधित प्रावधान

केंद्र सरकार ने फेम-II नियमों में आंशिक संशोधन किया है, जिसमें इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिये मांग प्रोत्साहन को बढ़ाकर 15,000 रुपए किलोवाट प्रति घंटा करना शामिल है, जो कि पूर्व में बसों के अतिरिक्त सभी इलेक्ट्रिक वाहनों (प्लग-इन हाइब्रिड और स्ट्रोंग हाइब्रिड समेत) के लिये 10,000 रुपए किलोवाट प्रति घंटा था. सरकार ने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के लिये इंसेंटिव या प्रोत्साहन को वाहनों की लागत के 40 प्रतिशत तक कर दिया है, जो कि पूर्व में 20 प्रतिशत था.

इस योजना का महत्व

यह इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कीमतों को पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन वाले वाहनों के करीब लाएगा और इससे इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में उच्च मूल्य संबंधी सबसे बड़ी बाधा को समाप्त किया जा सकेगा. अन्य अहम कारकों जैसे- कम परिचालन लागत, कम रखरखाव लागत और शून्य उत्सर्जन आदि के कारण इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की मांग में बढ़ोतरी हो सकेगी.

सब्सिडी के मानक क्या हैं

भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय ने फेम-2 सब्सिडी के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के विभिन्न सेगमेंट के लिए कुछ पात्रता मानक बनाए हैं. मंत्रालय द्वारा बनाए गए मानकों में वाहन की न्यूनतम टॉप स्पीड, एक बार फुल चार्ज करने पर मिलने वाली ड्राइविंग रेंज, एक्सीलरेशन और ऊर्जा खपत दक्षता जैसी अहम चीजें शामिल हैं.

पृष्ठभूमि

‘फेम इंडिया’ नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन (NEMM) का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है. ‘फेम’ का मुख्य ज़ोर सब्सिडी प्रदान करके इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करना है. नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन का मुख्य उद्देश्य हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित करना है ताकि वे पारंपरिक वाहनों को प्रतिस्थापित कर सकें और इस प्रकार देश में तरल ईंधन की खपत को कम किया जा सके.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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