केंद्र सरकार ने 'राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम' का शुभारंभ किया

Jan 12, 2019, 09:07 IST

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत की मौजूदगी में इंदिरा पर्यावरण भवन में इस कार्यक्रम की शुरुआत की.

Environment Ministry launches National Clean Air Programme
Environment Ministry launches National Clean Air Programme

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 10 जनवरी 2019 को प्रदूषण से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) नाम से यह योजना लांच की है. इसके तहत इन सभी शहरों में प्रदूषण से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे.

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत की मौजूदगी में इंदिरा पर्यावरण भवन में इस कार्यक्रम की शुरुआत की.

खासबात यह है कि प्रदूषण में कमी का यह आंकलन 2017 में हवा की गुणवत्ता के आधार पर होगा. वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सरकार ने इससे निपटने की अब एक देशव्यापी योजना बनाई है.

 

उद्देश्य:

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का उद्देश्य वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उसे कम करने के लिए बड़े पैमाने पर काम करना है. साथ ही पूरे देश में वायु की गुणवत्ता निगरानी को बेहतर बनाया जायेगा और वायु प्रदूषण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना भी कार्यक्रम का हिस्सा है.

इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2024 तक हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 प्रदूषकों के स्तर में 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है.

 

कार्यक्रम के तहत 102 प्रदूषित शहर शामिल:

फिलहाल इस कार्यक्रम के पहले चरण में दिल्ली सहित देश के 102 उन प्रदूषित शहरों को शामिल किया गया है, जो पिछले कुछ सालों से प्रदूषण की सबसे ज्यादा चपेट में है. इनमें उत्तर प्रदेश के भी 15 शहरों को शामिल किया है.

इन 102 शहरों में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चंडीगढ़, भोपाल, सूरत, अहमदाबाद, नागपुर, जम्मू, श्रीनगर, धनबाद, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, गुवाहाटी, लखनऊ, कानपुर, रायपुर, इंदौर, सागर, उज्जैन, ग्वालियर, अमरावती, औरंगाबाद, कोल्हापुर, नासिक, पुणे, भुवनेश्वर, कटक, राउरकेला, लुधियाना, अमृतसर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, आगरा, इलाहाबाद, बरेली, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, झाँसी, नोएडा, रायबरेली, वाराणसी, पटना और गया शामिल हैं.

 

मुख्य तथ्य:

   इस कार्यक्रम का मूल संबद्ध केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों और अन्य हितधारकों को साथ लेकर सम्मिलित प्रयास से प्रदूषण के सभी कारकों पर फोकस करना है.

   इन शहरों का चयन विश्व स्वास्थ्य संगठन और प्रदूषण के बढ़े स्तर को लेकर जारी होने वाली रिपोर्ट के आधार पर किया गया है.

   वहीं इस योजना के तहत इन सभी शहरों में निगरानी तंत्र को मजबूत बनाने की बात कही गई है. अभी इनमें से सिर्फ 70 शहरों में ही वायु प्रदूषण को जांचने की व्यवस्था है. इनमें से कुछ शहरों में इसका आंकलन मैनुअल तरीके से ही किया जाता है.

केन्द्र सरकार के स्तर पर पर्यावरण मंत्रालय की एक समिति और राज्य के स्तर पर राज्य के मुख्य सचिव की अगुवाई वाली समिति शहरों की कार्ययोजना को लागू करने की निगरानी करेगी.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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