वित्त मंत्रालय ने हाल ही में उर्वरक मंत्रालय को विशेष बैंकिंग व्यवस्था के अंतर्गत 10,000 करोड़ रुपए प्रदान किए हैं.
इससे नकदी समस्या से जूझ रही उर्वरक कंपनियों को उचित दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा.
उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा की बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्रालय ने विशेष बैंकिंग व्यवस्था (एसबीए) के अंतर्गत 10,000 करोड़ रुपए प्रदान किए हैं.
हालांकि इसे मंजूर कर लिया गया है और इससे काफी समस्याओं को हल करने में मदद मिलेगी. विशेष बैंकिंग व्यवस्था के अंतर्गत उर्वरक कंपनियों उन्हें मिलने वाली सब्सिडी पर ऋण ले सकती हैं.
ऐसे में उद्योग वित्त मंत्रालय द्वारा नकद सब्सिडी जारी करने तक अपनी कोष की आवश्यकता को पूरा कर सकता है.
बकाया उर्वरक सब्सिडी के बारे में पूछे जाने पर अनंत कुमार ने कहा कि यह घटकर 20,000 करोड़ रुपए पर आ गई है. वर्ष 2009 में यह राशि 40,000 करोड़ रुपए के स्तर पर थी.
हालांकि उन्होंने कहा की हम सब्सिडी जारी करने के मुद्दे को वित्त मंत्रालय के साथ उठाएंगे तथा ऐसा समय आएगा जब पिछला बकाया नहीं बचेगा.
इस वित्त वर्ष के अंत तक सब्सिडी का बकाया राशि करीब 35,000 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है.
सरकार की तरफ से सब्सिडी भुगतान में देरी से उद्योग को प्रतिवर्ष 4,000 करोड़ रुपए के ऋण का बोझ उठाना पड़ता है.
नवंबर 2016 में उर्वरक मंत्री ने उद्योग को भरोसा दिलाया था कि सब्सिडी के बकाये को जल्द से जल्द पूरा कर दिया जाएगा.
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