वित्त मंत्रालय ने मुद्रा योजना को बढ़ावा देने के लिए तथा छोटे उद्यमियों को ऋण आवंटन बढ़ाने के लिए देश की 40 बड़ी कंपनियों के साथ समझौता किया है. वित्त मंत्रालय के अनुसार फ्लिपकार्ट, स्विगी, पतंजलि और अमूल सहित यह सभी इकाइयां बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती हैं.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण दिए जा सकने लायक लोगों की पहचान करने के लिए मंत्रालय 23 जून को मुंबई में एक कार्यक्रम का आयोजन करेगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके तहत ऋण आवंटित किया जा सकें.
समझौते में शामिल कम्पनियां |
फाइनेंशियल सर्विसेस डिपार्टमेंट ने जिन कंपनियों के साथ समझौता किया है, उनमें मेक माई ट्रिप, जोमैटो, मेरु कैब, मुथूट, एडलवाइस, अमेजन, ओला, बिग बास्केट, कार ऑन रेंट और हबीब सैलून भी शामिल हैं. इसके साथ ही फ्लिपकार्ट, अमेजन, उबर, ओला, ओयो, अमूल, पतंजलि और जोमैटो जैसी कंपनियों की रिटेल फ्रेंचाइजी/ट्रांसपोर्ट सॉल्युशंस/सप्लायर्स को मुद्रा स्कीम के तहत 10 लाख रुपए तक लोन देने के मसले पर भी विचार किया जाएगा. |
समझौते के मुख्य बिंदु
• यह कंपनियां ऐसे लोगों की पहचान करेंगी, जिन्हें मुद्रा योजना के अंतर्गत लोन की जरूरत है. उनकी सहमति के बाद इस योजना के तहत लोन दिया जायेगा.
• मुद्रा योजना के तहत लोन लेने के इच्छुक लोग बैंक से संपर्क करते हैं, लेकिन इस पहल से फाइनेंशियल सर्विसेस डिपार्टमेंट ऐसे लोगों तक स्वयं पहुंचेगा.
• जिन लोगों को अपने बिजनेस के लिए लोन की जरूरत है लेकिन उन्होंने बैंक से संपर्क नहीं किया है उन्हें स्वयं संपर्क किया जायेगा.
• पिछले वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने मुद्रा योजना के तहत 2.53 लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया, जबकि बीते तीन साल के दौरान 5.73 लाख करोड़ रुपए का कर्ज दिया जा चुका है.
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मुद्रा योजना क्या है? |
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कोई भी व्यक्ति जो अपना व्यवसाय आरम्भ करना चाहता है उसे सरकार द्वारा किफायती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है. मुद्रा योजना के तहत आवेदक को 10 लाख रुपये तक का ऋण प्राप्त हो सकता है. इसमें दिए जाने वाले ऋण को तीन श्रेणियों में बांटा गया है - शिशु ऋण, किशोर ऋण और तरुण ऋण. यह मूल रूप देश के गैर कॉर्पोरेट छोटे व्यापारियों के वित्तीय पोषण जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा तैयार किया गया उपक्रम है. शिशु श्रेणी: यह श्रेणी व्यापर के शुरूआती दौर की श्रेणी है. वे सभी व्यापार जोकि अभी – अभी शुरू हुए है और लोन के लिए देख रहे है इस श्रेणी में आते है. इस श्रेणी में आने वाले सभी माइक्रो यूनिट्स के लिए 50,000 रूपये तक का लोन दिया जायेगा. शिशु श्रेणी के लिए ब्याज दर 10 से 12 % तक की रेंज में है. किशोर श्रेणी: इस श्रेणी के अंतर्गत कारोबार आरंभ होने तथा उसके बढ़ने के दौरान का समय आता है. इस श्रेणी में आने वाली कम्पनियों के लिए 50,000 रूपये से लेकर 5 लाख रूपये तक का ऋण देने का प्रावधान है. किशोर श्रेणी के लिए ब्याज दर 14 से 17% तक है. तरुण श्रेणी: जो छोटे कारोबार स्थापित हो चुके हैं तथा बाज़ार में प्रतिष्ठा प्राप्त कर चुके हैं, वे सभी इस श्रेणी के अंतर्गत आते है. इस श्रेणी के व्यापार को बढ़ाने के लिए यदि वित्तीय आवश्यकता है तो करोबारी को 10,00,000 रूपये तक का ऋण दिया जा सकता है. तरुण श्रेणी के लिए ब्याज दर 16% से आरंभ होती है. |
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