भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान उड़ाकर इतिहास रचा. अवनी चतुर्वेदी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से उड़ान भरकर अपना मिशन पूरा किया. वह अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली वह भारत की पहली महिला बन गई हैं.
अवनी चतुर्वेदी की ऐतिहासिक उड़ान
अवनी के इस मिशन से पहले ही पूरी तरह मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट की जांच की. अवनी के मिग में सवार होने पर अनुभवी फ्लायर्स और प्रशिक्षकों ने जामनगर एयरबेस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल और रन-वे पर लगातार नज़र बनाये रखी. वर्ष 2016 में तीन महिला पायलटों अवनी चतुर्वेदी, मोहना सिंह और भावना को वायु सेना में कमिशन किया गया था. यह भारतीय वायुसेना और पूरे देश के लिए एक विशेष उपलब्धि है. दुनिया के चुनिंदा देशों जैसे ब्रिटेन, अमेरिका, इजरायल और पाकिस्तान में ही महिलाएं फाइटर पायलट बन सकीं हैं.
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वायु सेना में महिलाएं
भारत में अक्टूबर 2015 में सरकार ने महिलाओं के फाइटर पायलट बनने की राह प्रशस्त कर दी थी, जिसके बाद अवनी, मोहना और भावना वायुसेना में शामिल हुईं. गौतरलब है कि केंद्र सरकार ने साल 2015 में महिलाओं को फाइटर पायलट में शामिल करने का फैसला किया था हालांकि देश में 1991 से ही महिलाएं हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं.
• अक्टूबर 2015 में रक्षा मंत्रालय ने प्रायोगिक आधार पर पांच वर्ष के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लड़ाकू धारा में महिलाओं को शामिल किये जाने को मंजूरी दी.
• वर्तमान में लगभग 1500 महिलाएं भारतीय वायु सेना में शामिल हैं, जिनमें 90 पायलट एवं 15 नेविगेटर हैं.
• भारतीय वायुसेना में महिलाएं यांत्रिकी, विद्युत्, एकाउंट्स, भारतीय वायुसेना प्रशासन, रसद, मौसम विज्ञान, नेविगेशन, शिक्षा, एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग क्षेत्रों में शामिल हैं.
• इससे पहले वायु सेना ने लड़ाकू क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें शामिल नहीं किया था.
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